जयपुर. पुलिस और कारागार की अनुदान मांगों पर बहस में शुक्रवार को विधायक भरत सिंह ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा, कि अगर पुलिस किसी अपराधी को माफ नहीं करें तो फिर प्रदेश में माफिया पनप नहीं सकते हैं. जिस अपराधी को पुलिस माफ कर देती है, वो ही माफिया बन जाता है. ऐसे में इन अपराधियों को माफ नहीं किया जाए.
सिंह ने कहा, कि हमारी जेलों की स्थिति बहुत खराब है. कोई गलती से अपराध करके जेल में चला जाता है तो उसका जीना दुश्वार हो जाता है. उन्होंने कबहा कि एक जेल से जुड़े अधिकारी उनके घर पर मिलने आए और बोले कि भगवान किसी को जेल में ना भेजें, अपराधी जेलकर्मियों से मारपीट करते हैं. इस तरह के समाज कंटकों के लिए अलग से जेल बनाई जाए. जहां उन्हें परंपरागत तरीके से सुधारा जाए.
पढ़ेंः हेडफोन से हादसा : ट्रेन की चपेट में आई कार के उड़े परखच्चे, बाल-बाल बचा चालक
वहीं, उन्होंने ट्रैफिक पुलिस पर भी ध्यान देने की बात करते हुए कहा, कि ट्रैफिक पुलिस का ध्यान चालान बनाने पर है. मगर दुर्घटनाओं पर कोई ध्यान नहीं रखती. सिंह ने दोहराया कि भ्रष्टाचार में जो अधिकारी पकड़े जाएं, उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए. वहीं प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराधों पर चिंता जताते हुए कहा कि साइबर एक्सपर्ट को सीधे तौर पर भर्ती किया जाए.
पढ़ेंः प्रदेश की 3 राज्यसभा सीटों के चुनाव की अधिसूचना जारी, मतदान 26 मार्च को
विधायक भरत सिंह ने आर्म्स लाइसेंस को लेकर भी बड़े आरोप लगाते हुए कहा, कि प्रदेश में आसानी से बन जाता है. यह भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा कारण है. इस मामले में कलेक्टर तक लिप्त पाए गए हैं. पूरे प्रदेश में 490 लाइसेंस बने हैं और 6000 से ज्यादा हथियार पकड़े गए हैं. लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया प्रदेश में सहज की जाए, जिससे कि जरूरतमंद को आसानी से लाइसेंस मिल सके.