जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज राजस्थान नगरपालिका (संशोधन) विधेयक 2021 पर चल रही चर्चा में उस समय हंगामा हो गया, जब सभापति की कुर्सी पर बैठे राजेंद्र पारीक ने इस बिल पर बोलने के लिए पहले कांग्रेस विधायक शकुंतला रावत और फिर कांग्रेस विधायक जगदीश चंद्र को बुला लिया.
शकुंतला रावत के बाद जब कांग्रेस विधायक जगदीश चंद्र का नाम सभापति ने पुकारा तो इस मामले में भाजपा विधायकों ने जबरदस्त हंगामा किया. नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस बात पर आपत्ति यह कहते हुए दर्ज की कि संशोधन विधेयक है, ऐसे में इस विधेयक पर जिन्होंने अपने संशोधन पेश किए हैं, पहले वह बोलेंगे, उसके बाद ही बिल के पक्ष में बोलने वाले बोलेंगे. शुरुआत में राजेंद्र पारीक ने विपक्ष की इस मांग को ठुकरा दिया और कहा की 2 सदस्यों को क्योंकि जाना है, इसलिए वह पहले बोलने के लिए रिक्वेस्ट कर रहे थे, इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, लेकिन विपक्ष के विधायकों ने इसका जमकर विरोध किया. यहां तक की सभी भाजपा के विधायक वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे.
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वहीं, जिन रामप्रताप कासनिया का बोलने में नंबर था वह भी सभापति की कुर्सी के पास पहुंच गए. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जो नियम है, उसके अनुसार ही विधेयक पर बात होगी. जिन अन्य लोगों को बोलना है वह बोल सकते हैं, लेकिन कानून बनाने की प्रक्रिया में अगर नेता प्रतिपक्ष ने भी प्रस्ताव बाद में दिया है, तो वह भी बाद में बोलेगा. कानून बनाते समय जो भी अमेंडमेंट आप दोगे आप उस पर अपनी बात रख सकते हो. कांग्रेस के लोग भी बोल सकते हैं, इसमें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन जब थर्ड स्टेज आए तब बोले, लेकिन पहला राइट बोलने का कानून बनाने की जो प्रक्रिया उसको आप को चैलेंज करके बदलने का काम नहीं करना चाहिए. इस पर राजेंद्र पारीक ने कहा कि 2 सदस्य एक्स्ट्रा थे, उन्हें बाहर जाना था, इसलिए बुलाया. इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उनको बोलने का अधिकार है, लेकिन वह थर्ड रीडिंग पर ही बोल सकते हैं. इसके बाद सभापति राजेंद्र पारीक ने अपना निर्णय बदल दिया और भाजपा विधायक रामप्रताप कासनिया को बुला लिया.