जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने हनी ट्रेप में फंसाकर युवक का अपहरण करने और बाद में उसकी हत्या के मामले में आरोपी दिक्षांत कामरा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में कहा गया कि मामले में लाश आमेर के पास सूटकेस में बंद मिली थी. इसके अलावा पुलिस ने पहचान परेड भी नहीं कराई है. वह सिर्फ प्रिया सेठ के साथ लीव इन रिलेशन में रहता था. वहीं राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता शेरसिंह महला ने कहा कि जिस सूटकेस में लाश मिली थी, वह सूटकेस याचिकाकर्ता ही खरीद कर लाया था. इसके अलावा आरोपी जब लाश ठिकाने लगाने जा रहे थे तो रास्ते में पंचर वाले ने उनकी कार के नंबर बदले थे. पंचर वाले ने भी उस समय कार में याचिकाकर्ता के मौजूद होने की जानकारी दी है. ऐसे में उसे जमानत नहीं दी जाए.
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मामले के अनुसार प्रिया सेठ प्रेमी दिक्षांत कामरा के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहती थी. दिक्षांत पर लाखों रुपए का कर्ज होने के चलते उन्होंने टिंडर मोबाइल एप के जरिए झोटवाडा निवासी दुष्यंत शर्मा को हनी ट्रेप में फंसाया. वहीं दुष्यंत ने अपने आप को बड़ा उद्योगपति बताकर प्रिया को प्रभावित किया. मई 2018 में प्रिया ने दुष्यंत को अपने फ्लेट पर बुलाया और अपहरण कर उसके पिता से दस लाख रुपए की फिरौती मांगी. वहीं बाद में प्रिया ने दिक्षांत और उसके साथी लक्ष्य वालिया के साथ मिलकर दुष्यंत की हत्या कर दी और लाश को आमेर की पहाडियों में फैंक दिया. मामले में पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश चुकी है.