जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने तकनीकी शिक्षा से जुड़ी पाठ्य सामग्री अंग्रेजी के साथ साथ हिंदी और स्थानीय भाषाओं में तैयार करवाने के भी निर्देश दिए हैं. साथ ही यह भी कहा कि स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप विद्यार्थियों में तकनीकी कौशल और दक्षता विकास के लिए प्रयास किए जाने पर बल दिया जाए.
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के महत्व को देखते हुए ही नई शिक्षा नीति में इसकी गुणवत्ता और व्यावहारिक प्रसार पर विशेष ध्यान दिया गया है. उन्होंने तकनीकी शिक्षण संस्थाओं और विश्वविद्यालयों से शिक्षण प्रक्रिया में सुधार, शिक्षकों के गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण और विद्यार्थियों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास करने का आह्वान किया.
राज्यपाल ने कहा कि कोविड के दौर में जारी ऑनलाइन शिक्षा एक तरफा बन कर नहीं रह जाए और इसमें भी शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच निरंतर दोनों तरफ से संवाद बनाए रखने पर जोर दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा में जीवन व्यवहार की शिक्षा से जुड़े पाठ्यक्रमों का समावेश पर्याप्त रूप में होना चाहिए. तकनीकी पाठ्यक्रमों से कला और संस्कृति से जुड़े विषयों को जोड़ा जाएगा तो तकनीकी शिक्षा बोझिल नहीं होगी और विद्यार्थियों को भी आनन्द की अनुभूति होगी.
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राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों को ऐसी तकनीकी शिक्षा प्रदान की जाए जिससे वे स्वयं तो रोजागर योग्य बनें ही, बल्कि दूसरों को भी रोजगार देने लायक बन सकें. उन्होंने इसके लिए विश्वविद्यालय में 'स्किल डवलपमेंट सेंटर्स' की अलग से स्थापना करने का सुझाव भी दिया.
संवैधानिक मूल्यों के प्रति संकल्पित रहते सशक्त, संपन्न और आत्मनिर्भर भारत का करें निर्माणः राज्यपाल
राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत निर्मित 'आइडिया वॉल' पर हस्ताक्षर किए. इस दौरान उन्होंने संवैधानिक मूल्यों के प्रति संकल्पित रहते सशक्त, संपन्न और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहभागी बनने का आह्वान किया. आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो की ओर से 'आइडिया' वॉल' निर्मित किए जाने के साथ ही आजादी आंदोलन से जुड़े सेनानियों और घटनाओं पर केन्द्रित 15 स्टैंड मिनी मोबाइल प्रदर्शनी की पहल की गयी है.
'आइडिया वॉल' पर प्रदेश के 75 गणमान्य व्यक्तियों की ओर से नये भारत के निर्माण के लिए विचार और सुझाव लिखने की शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल ने शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने स्वाधीनता के अमर सेनानियों और आजादी के संघर्ष से जुड़ी घटनाओं का स्मरण करते हुए स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति आदर और सम्मान व्यक्त किया.