जयपुर.सरकारी सेवा से राजस्थान विश्वविद्यालय की सेवा में आए शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ पूर्व सेवा को जोड़कर देने के मामले में अब राजस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षक आर पार की लड़ाई के मूड में हैं. ग्रिवेंस कमेटी की रिपोर्ट को सिंडिकेट में पास करवाने की मांग को लेकर दो दिन से सत्याग्रह कर रहे शिक्षक अब कुलपति आवास के बाहर सत्याग्रह पर बैठ गए हैं. शिक्षकों ने मांगे नहीं माने जाने पर बुधवार से कार्य बहिष्कार का एलान किया है.
पढ़ें-उपचुनाव में कांग्रेस अपने काम के बूते जनता के बीच जाएगी, राजस्थान में गहलोत ही रहेंगे CM : भंवर सिंह भाटी
राजस्थान विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव संजय कुमार का कहना है कि ग्रिवेंस कमेटी की सिफारिशों को सिंडिकेट से पास करवाने की मांग को लेकर राजस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने सोमवार को कुलपति सचिवालय के बाहर सत्याग्रह शुरू किया था. सत्याग्रह मंगलवार को भी जारी रहा. लेकिन कुलपति ने उनकी सुनवाई नहीं की और वे ऑफिस भी नहीं आए. ऐसे में शिक्षकों ने कुलपति आवास के बाहर सत्याग्रह शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि यदि कुलपति ने उनकी सुनवाई नहीं की तो बुधवार से कार्य बहिष्कार का फैसला लिया गया है.
ग्रिवेंस कमेटी के मिनिट्स सदन में रखने की मांग
शिक्षकों का कहना है कि 25 सितंबर को हुई सिंडिकेट में ग्रिवेंस कमेटी की मिनिट्स को सदन में नहीं रखा गया. इसके चलते ये मिनिट्स पास नहीं हो पाए. ऐसे में राजकीय सेवा से विश्वविद्यालय की सेवा में आए शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ उनकी पूर्व सेवा को जोड़कर नहीं मिलेगा. सलेक्शन स्केल की प्रक्रिया भी इस वजह से लंबित हो गई है. राज्य सरकार ने पदोन्नति प्रक्रिया सम्पन्न करवाने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया है. इसलिए हम मांग कर रहे हैं कि 30 सितंबर से पहले ग्रिवेंस कमेटी की मिनिट्स को पास करवाया जाए.
सोमवार को भी विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने दिया धरना
सिंडिकेट की विशेष बैठक बुलाकर ग्रीवेंस कमेटी की मिनट्स पास करवाने की मांग को लेकर सोमवार को भी विश्वविद्यालय के शिक्षक लामबंद हो गए थे. उन्होंने कुलपति सचिवालय (Vice Chancellor's Secretariat) के बाहर धरना दिया और चेतावनी दी कि यदि 28 सितंबर को बैठक बुलाने के आदेश जारी नहीं होते हैं तो वें रात भर धरने पर बैठेंगे.
राजस्थान विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (Rajasthan University Teachers Association) अध्यक्ष डॉ. राहुल चौधरी ने बताया कि 25 सितंबर को आयोजित हुई सिंडिकेट में ग्रीवेंस कमेटी की मिनट्स को विचारार्थ सदन पटल पर नहीं रखा गया. इस कारण ये मिनट्स पास नहीं हो पाए. परिणामस्वरूप राजकीय सेवा से विश्वविद्यालय की सेवा में आए शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ उनके पूर्व सेवा को जोड़कर नहीं मिलेगा. इसके साथ ही सेलेक्शन स्केल की प्रक्रिया भी इस वजह से लंबित हो गई.
राहुल चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार ने पदोन्नति प्रक्रिया संपन्न करवाने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया है. शिक्षकों ने धरना देकर कुलपति से मांग की है कि मंगलवार 28 सितंबर को सिंडिकेट की विशेष बैठक बुलाकर ग्रीवेंस कमेटी की मिनट्स पर चर्चा कर अनुमोदित करवाएं. जिससे पूर्व सेवा से आए शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ मिल सके. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक बैठक बुलाने के आदेश जारी नहीं होते तब तक उनका धरना जारी रहेगा. चाहे इसके लिए उन्हें रातभर धरना क्यों ना देना पड़े.