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सुप्रीम कोर्ट ने 2 दिन बाद सौम्या पर कार्रवाई करने की दी छूट

ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन कमिश्नर के साथ अभद्रता और मारपीट के मामले में (Action against Mayor Saumya gurjar) सुप्रीम कोर्ट ने महापौर सौम्या गुर्जर को दो दिन की राहत दी है.

Action against Mayor Saumya gurjar
न्यायिक जांच में सौम्या गुर्जर दोषी
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Published : Sep 23, 2022, 5:36 PM IST

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन कमिश्नर यज्ञ मित्र सिंह देव के साथ अभद्रता और मारपीट से जुड़े मामले में महापौर सौम्या गुर्जर को 2 दिन की राहत दी है. अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि वह न्याय की रिपोर्ट के आधार पर 2 दिन बाद सौम्या गुर्जर के खिलाफ कार्रवाई (Action against Mayor Saumya gurjar) करने को स्वतंत्र है. जस्टिस अजय ओक और जस्टिस संजय किशन कौल की खंडपीठ ने यह आदेश सौम्या गुर्जर की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि न्यायिक जांच रिपोर्ट में सौम्या गुर्जर को दोषी मान (Case of assault with commissioner of Greater Nigam) लिया गया है. ऐसे में एसएलपी को खारिज किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने एक फरवरी 2022 को आदेश जारी कर सौम्या गुर्जर के निलंबन आदेश पर मामले में न्यायिक जांच कार्रवाई का नतीजा आने तक अंतरिम रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट के इस अंतरिम आदेश के बाद सौम्या ने वापस मेयर का पद संभाला था.

पढ़ें. न्यायिक जांच में मेयर सौम्या गुर्जर व तीन पार्षदों को दोषी माना, महापौर पद से हटना तय

इसी दौरान 10 अगस्त को न्यायिक जांच में (Mayor Somya Gurjar Convicted In Judicial Inquiry) ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन कमिश्नर यज्ञमित्र सिंह देव के साथ मारपीट व अभद्रता मामले में मेयर सौम्या गुर्जर व तीन पार्षदों अजय सिंह चौहान, शंकर शर्मा व पारस जैन को नगर पालिका अधिनियम सहित अन्य प्रावधानों के अनुसार, दुराचरण, कर्तव्यों के पालन में लापरवाही बरतने व अभद्र भाषा के आरोप में दोषी माना गया था. इसके बाद राज्य सरकार ने जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी.

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन कमिश्नर यज्ञ मित्र सिंह देव के साथ अभद्रता और मारपीट से जुड़े मामले में महापौर सौम्या गुर्जर को 2 दिन की राहत दी है. अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि वह न्याय की रिपोर्ट के आधार पर 2 दिन बाद सौम्या गुर्जर के खिलाफ कार्रवाई (Action against Mayor Saumya gurjar) करने को स्वतंत्र है. जस्टिस अजय ओक और जस्टिस संजय किशन कौल की खंडपीठ ने यह आदेश सौम्या गुर्जर की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि न्यायिक जांच रिपोर्ट में सौम्या गुर्जर को दोषी मान (Case of assault with commissioner of Greater Nigam) लिया गया है. ऐसे में एसएलपी को खारिज किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने एक फरवरी 2022 को आदेश जारी कर सौम्या गुर्जर के निलंबन आदेश पर मामले में न्यायिक जांच कार्रवाई का नतीजा आने तक अंतरिम रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट के इस अंतरिम आदेश के बाद सौम्या ने वापस मेयर का पद संभाला था.

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इसी दौरान 10 अगस्त को न्यायिक जांच में (Mayor Somya Gurjar Convicted In Judicial Inquiry) ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन कमिश्नर यज्ञमित्र सिंह देव के साथ मारपीट व अभद्रता मामले में मेयर सौम्या गुर्जर व तीन पार्षदों अजय सिंह चौहान, शंकर शर्मा व पारस जैन को नगर पालिका अधिनियम सहित अन्य प्रावधानों के अनुसार, दुराचरण, कर्तव्यों के पालन में लापरवाही बरतने व अभद्र भाषा के आरोप में दोषी माना गया था. इसके बाद राज्य सरकार ने जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी.

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