जयपुर. सुधांशु त्रिवेदी भारत विकास परिषद की ओर से आयोजित प्रबुद्ध जन सम्मेलन में बतौर मुख्य वक्ता शामिल होने रविवार को जयपुर आए थे. इस दौरान उन्होंने भारत विकास में हमारी भूमिका विषय पर कार्यक्रम को संबोधित किया. इसके बाद मीडिया से मुखातिब हुए त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस पर जमकर जुबानी हमला बोला. त्रिवेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले दिनों बार-बार दिल्ली गए, लेकिन उसमें राजस्थान के विकास से कोई लेना-देना नहीं था. त्रिवेदी ने कहा कि साल 2019 में कांग्रेस ने घोषणा पत्र में देशद्रोह कानून को समाप्त करने की बात कही, लेकिन साल 2019 में सबसे पहले इस कानून का इस्तेमाल ही कांग्रेस की गहलोत सरकार ने किया, वो भी अपने ही विधायको और पत्रकारों के खिलाफ.
कानून-व्यवस्था नहीं संभल रही तो केंद्र को बोलें मुख्यमंत्री गहलोत : सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की हालत (Crime in Rajasthan) खराब है, लेकिन मुख्यमंत्री हर बार राजस्थान में जब कोई सांप्रदायिक घटना घटती है तो प्रधानमंत्री से शांति की अपील करने को कहते हैं. त्रिवेदी ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर राज्य का विषय है, लेकिन मुख्यमंत्री यह कह दें कि कानून-व्यवस्था संभालना उनके बस की बात नहीं और इसका प्रस्ताव केंद्र को दें तो उस पर विचार किया जा सकता है.
दूसरा विषय यह है कि कुछ महीने पहले जयपुर में कांग्रेस की महंगाई के खिलाफ रैली होती है, लेकिन उसमें महंगाई के खिलाफ एक शब्द ना बोलकर हिंदू और हिंदुत्व पर ही (BJP National Spokesperson Targets Congress) बयान आते हैं. इस बात को समझ लेना चाहिए कि विषय को विषयान्तर्गत कौन करता है और इतना करता है कि वो विश्वगमन हो जाता है. जिससे समाज के विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य पैदा होती है और राजस्थान में सिर काटने जैसी घटनाएं होने लगती हैं. त्रिवेदी ने कहा कि मेरे विचार से इस प्रश्न और उसका उत्तर दोनों जयपुर से ही है.
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PFI पर पाबंदी और बढ़ती महंगाई पर ये बोले त्रिवेदी : वहीं, देश व प्रदेश में पीएफआई संगठन को प्रतिबंधित करने से जुड़े सवाल पर (PFI Condition in Rajasthan) सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पीएफआई ऐसा संगठन है जो दो से तीन बार अपना नाम बदल चुका है. हालांकि, यह केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों का विषय है, लेकिन केंद्र सरकार यह व्यवस्था सुनिश्चित कर रही है. एक्ट में संशोधन भी किया गया है, जिससे संगठनों के बजाए व्यक्ति को आतंकवाद के लिए नियत किया जा सके, क्योंकि संगठन बदलकर लोग अपना रास्ता बदल लेते हैं.
त्रिवेदी ने कहा कि विषय यह भी है कि कोटा में पीएफआई जैसे संगठन को रैली निकालने की अनुमति यहां की गहलोत सरकार देती है, जो अपने आप में एक बड़ा प्रश्न चिन्ह है कि कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी मकसद क्या है. वहीं, खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने और महंगाई बढ़ाने से जुड़े सवाल पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जीएसटी को लेकर जो कमेटी बनी थी उसमें सात राज्य के वित्त मंत्री शामिल थे. जिनमें राजस्थान और केरल भी शामिल था, लेकिन वहां पर तो किसी भी प्रदेश ने इसका विरोध नहीं किया. लेकिन बाहर आकर इसका विरोध करते हैं, जबकि हर राज्य पहले से इन सामग्रियों पर अपना वैट लगा रहा था.
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इससे पहले राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने प्रबुद्धजन सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत की बढ़ती शक्ति पर प्रकाश डाला. इस दौरान उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब यूपी में कट्टा बना करते थे, लेकिन आज ब्रह्मोस मिसाइल बन रही है. लेकिन भारत की बदलती तस्वीर कुछ राजनीतिक दलों और लोगों को नजर नहीं आती. इस दौरान त्रिवेदी के निशाने पर कांग्रेस व मार्क्सवादी विचारधारा से जुड़े लोग भी रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ सैन्य अधिकारी रहे और विशिष्ट सेवा पदक से नवाजे गए मेजर जनरल रमेश कुमार कौशल ने की. कार्यक्रम में विभिन्न वर्गों से जुड़े प्रबुद्धजन शामिल हुए.