जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने राज्य में सस्टेनेबल खनन पर जोर देते हुए कहा है कि खनन योग्य भूमि पर खानों के आवंटन कार्य में तेजी लाएं ताकि प्रदेश में अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाई जा सके. उन्होंने बजरी के अवैध खनन पर कारगर रोक लगाने के लिए संबंधित विभागों की ओर से संयुक्त कार्रवाई करने को कहा. उन्होंने यह निर्देश गुरुवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय स्पेशल टास्क फोर्स की वर्चुअल बैठक में दिए.
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि अवैध खनन को रोकना सरकार की प्राथमिकता है. अवैध खनन के कारण संगठित अपराध बढ़ने के साथ ही राज्य सरकार को राजस्व की हानि भी हो रही है. उन्होंने खान आवंटन की कार्रवाई में आ रही बाधाओं को दूर करने का निर्देश देते हुए संबंधित विभागों में परस्पर समन्वय बनाकर कार्य करने को कहा.
आर्य ने कहा कि जिला स्तर और उपखंड स्तर पर गठित एसआईटी की बैठकें भी नियमित आयोजित की जाएं. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने बताया कि राज्य में बजरी, मेरनरी स्टोन और सेण्ड स्टोन के ही अवैध खनन के अधिक प्रकरण सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बजरी आदि के अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाने के लिए खान, पुलिस और परिवहन विभाग परस्पर सहयोग से संयुक्त कार्रवाई ही करें.
उन्होंने बताया कि बजरी पर रोक के आदेश दिनांक 16 नवंबर 2017 के बाद से अब तक बजरी के अवैध खनन और परिवहन के 34,072 प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं. राज्य सरकार की ओर से 207 करोड़ रुपए की पेनल्टी वसूल की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोकने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन से निगरानी करने, संयुक्त अभियान चलाने और सतर्कता विंग को मजबूत बनाया जाए.
प्रमुख सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम अजिताभ शर्मा ने कहा कि वैध खनन पट्टों के आवंटन में प्रशासनिक स्तर पर होने वाली कठिनाइयों खासतौर से नगरीय क्षेत्र, वन पुष्टि और ईसी से अनुमति की कठिनाइयों को दूर करते हुए तय समय सीमा में संबंधित विभागों की ओर से कार्रवाई की जाए. उन्होंने बताया कि अवैध परिवहन पर रोक के लिए जीपीएस युक्त वाहनों का उपयोग अनिवार्य करने पर भी गंभीरता से विचार करना होगा.
प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 9 फरवरी 2012 की बैठक में दिए गए निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि भूमि के स्वामित्व के आधार पर अवैध खनन की रोकथाम की विभागवार जिम्मेदारी तय है. उन्होंने बताया कि वन भूमि पर अवैध खनन पर वन विभाग, खातेदारी और चारागाह पर राजस्व विभाग व राजकीय भूमि पर खान विभाग को अवैध खनन की रोकथाम की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों की ओर से भी कार्रवाई की जाती है तो अवैध खनन पर प्रभावी कार्रवाई हो सकेगी.