जयपुर. राजस्थान वन विभाग का मुखिया प्रधान मुख्य वन संरक्षक 1987 बैच की आईएफएस अधिकारी श्रुति शर्मा को बनाया गया है. श्रुति शर्मा ने सोमवार को प्रधान मुख्य वन संरक्षक का पदभार ग्रहण किया है. पदभार ग्रहण करने के साथ ही वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी उनको बधाइयां देने पहुंचे. नई हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स श्रुति शर्मा ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को मिठाई खिलाई. प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रुति शर्मा ने पदभार ग्रहण कर ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
श्रुति शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि वन विभाग में ईको टूरिज्म के साथ वन निगम का गठन किया जाएगा. वन निगम के गठन के तहत स्थानीय लोगों को वनों से जोड़ने का प्रयास रहेगा. इसके साथ ही लोगों को रोजगार देने का भी काम किया जाएगा. वन संरक्षण और वन्यजीवों के संरक्षण समेत वन कर्मियों को पुलिस के समान स्केल करना भी प्राथमिकता रहेगी. इसके साथ ही वन विभाग में काफी समय से स्टाफ की कमी है. 2021 तक फॉरेस्ट गार्ड से लेकर विभिन्न पदों पर नई भर्तियां शुरू की जाएगी.
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प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रुति शर्मा ने बताया कि सबसे पहली प्राथमिकता रहेगी कि स्थानीय पौधों की प्रजातियां और घास को डेवलप किया जाएगा. वन क्षेत्र के साथ-साथ स्थानीय पौधों व घास को बढ़ावा दिया जाएगा. वन निगम का गठन भी किया जाएगा. साथ ही सरकार से टारगेट मिला है कि अगले ढाई महीने में ही इस प्रक्रिया को पूरा करना है. नई वन नीति भी बनाई जाएगी. पुरानी वन नीति 2010 की नीति है, जिसको नया रूप दिया जाएगा.
ईको टूरिज्म पॉलिसी को टूरिज्म विभाग और अन्य विभागों के साथ तालमेल बैठाकर नए रूप में ईको टूरिज्म पॉलिसी बनानी है. राजस्थान में हुई बिग केट्स की मौत के मामलों को लेकर उन्होंने कहा कि वन्यजीव संरक्षण को लेकर भी बेहतर कार्य किए जाएंगे. कोशिश की जाएगी कि वन विभाग को और वेटरनरी डॉक्टर मिल सकें, ताकि जो भी हेल्प प्रोटोकॉल है वह फॉलो हो सके. साथ ही शाकाहारी और मांसाहारी वन्यजीवों में होने वाली रेगुलर बीमारियों पर भी अंकुश लग सके. इसके लिए वेटरनरी डॉक्टर्स को अनुबंध पर लेने का प्रयास किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि रणथंभौर में टाइगर की संख्या ज्यादा है. विभाग का प्रयास रहेगा कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सरकार से बातचीत करके नए टाइगर राजस्थान लाए जाएं. कई वनकर्मियों को ट्रेंकुलाइज की ट्रेनिंग भी दी गई है. महिला वनकर्मियों को भी रेस्क्यू और ट्रेंकुलाइज की ट्रेनिंग दी गई है. हर जिले में एक ट्रेंकुलाइजर उपलब्धता तो हमें डॉक्टर पर निर्भर नहीं रहना पड़े. स्थानीय वन कर्मी ट्रेंकुलाइज और रेस्क्यू के लिए एक्सपर्ट होंगे तो काफी सुविधा होगी, ताकि वन्यजीवों को समय पर इलाज मिल सके.
कोरोना काल की वजह से वन विभाग में भर्तियां रुकी हुई हैं, लेकिन अब प्रयास रहेगा कि जनवरी 2021 तक भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इसके साथ ही फॉरेस्ट गार्ड और ड्राइवर की भर्ती भी समय रहते जल्द करवाई जाएगी.
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वन्यजीवों के शिकार की घटनाओं को लेकर श्रुति शर्मा ने कहा कि वन क्षेत्रों में वन्यजीवों के शिकार की घटनाओं की रोकथाम के लिए फ्लाइंग कोट्स उपलब्ध हैं. फ्लाइंग को सिकरेट इंफॉर्मेशन की ट्रेनिंग भी दी जाती है. वन्यजीवों के शिकार की घटनाओं को रोकने के लिए इस सिस्टम को और सशक्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पहली प्राथमिकताओं में स्टाफ की कमी को दूर करने का प्रयास रहेगा. इसके लिए नई भर्तियां की जाएंगी. वन विभाग में जो कर्मचारी उपलब्ध हैं, उनका स्किल डेवलपमेंट को लेकर भी बेहतर प्रयास किए जाएंगे. वन कर्मियों की घरेलू समस्याओं पर भी ध्यान देते हुए स्किल डेवलपमेंट किया जाएगा, ताकि वनकर्मी वन और वन्यजीवो के संरक्षण में अपना पूरा योगदान दे सकें.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि टूरिज्म को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा. कोरोना काल में सभी नियमों का ध्यान रखते हुए टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा. पर्यटकों को ऐसे पैकेज दिए जाएंगे जो कि एक साथ कम संख्या में लोग भ्रमण कर सकें, ताकि कोरोना गाइडलाइन का भी पालन हो. श्रुति शर्मा ने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि रणथंभौर भरतपुर और सरिस्का जैसी जगहों के अलावा जो बहुत सुंदर जगह है. वहां पर भी को टूरिज्म की कुछ स्कीम लाने का प्रयास किया जाएगा. लोकल टूरिज्म इंडस्ट्री के साथ तालमेल रखते हुए अच्छे से अच्छे पैकेजेस लाने का प्रयास रहेगा.