जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने माउंट आबू नगर पालिका क्षेत्र में भवन निर्माण के लिए टोकन व्यवस्था से जुड़ा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाया. जिसके जवाब में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि पालिका क्षेत्र में व्यवस्था में सुधार के लिए एसडीओ के साथ पालिका के अधिशासी अधिकारी और चेयरमैन की कमेटी सामूहिक निर्णय कर आवेदन करने वाले को टोकन देगी. यदि 15 दिन के भीतर टोकन नहीं दिया तो आवेदन कर्ता के लिए ड्रीम्स अनुमति मान ली जाएगी.
सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सिरोही से विधायक संयम लोढ़ा ने यह मामला उठाया और यह भी कहा कि आज भी करीब डेढ़ सौ भवन निर्माण से जुड़ी स्वीकृति या पेंडिंग पड़ी है. टोकन व्यवस्था से स्थानीय लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. संयम लोढ़ा ने यह भी कहा कि माउंट आबू नगर पालिका चुनाव के दौरान वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने यह वादा किया था कि टोकन प्रणाली से लोगों का शोषण होता है. इसलिए इसे हम बंद करेंगे ऐसे में क्या सरकार इसे बंद करने पर विचार कर रही है.
जवाब में मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि नियम और कानून व्यवस्था में सुधार के लिए बनाए जाते हैं. लेकिन उसके बाद व्यवस्थाओं में शत-प्रतिशत सुधार हो जाए यह जरूरी नहीं. धारीवाल ने इस दौरान यह भी कहा कि धारा 302 बना दी गई. लेकिन क्या उसके बाद मर्डर होना रुक गए.
धारीवाल के अनुसार व्यवस्थाओं में सुधार सरकार भी चाहती है और आप भी चाहते हैं. धारीवाल ने यह भी कहा कि माउंट आबू इको सेंसेटिव जोन में आता है. इसलिए वहां जोनल प्लान बनाया गया. जिसके लिए मॉनिटरिंग कमेटी भी बनाई गई. लेकिन जब मॉनिटरिंग कमेटी भंग हो गई तो उसमें शामिल एसडीओ ही यह पूरा काम देखने लगे. क्योंकि एसडीओ ने मॉनिटरिंग कमेटी के समय शुरू की गई टोकन व्यवस्था को वर्तमान में भी चालू रखा.
धारीवाल के अनुसार एक एसडीओ को पूरी अधिकार दे दिए जाए, यह हम भी नहीं चाहते. इसलिए 3 सदस्य कमेटी बनाते हैं जिसमें नगरपालिका का एग्जिट टू ऑफिसर और चेयरमैन भी शामिल रहेंगे. यह निर्माण से जुड़े टोकन पर निर्णय देंगे लेकिन यदि 15 दिन में निर्णय नहीं हुआ तो फिर ड्रीम्स परमिशन मान ली जाएगी. धारीवाल ने टोकन व्यवस्था खत्म करने के प्रस्ताव पर भी इनकार करते हुए कहा कि यदि टोकन व्यवस्था बंद कर दी गई तो उसके दुष्परिणाम भी सामने आ सकते हैं.
सदन में पारित हुई अनुपूरक अनुदान की मांगें
सदन में वित्तीय कार्य अनुपूरक अनुदान की मांगे वर्ष 2020-21 का विस्थापन मतदान और पारण भी हुआ. वहीं सदन में राजस्थान विनियोग संख्या एक विधेयक 2021 का पुनर्स्थापित कर उस पर विचार और पारण भी किया गया. संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने राजस्थान विनियोग संख्या एक विधेयक सदन में रखा इसके बाद उसे पारित किया गया.