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हिंदू धर्म ऐसा भाया की ले ली भारतीय नागरिकता - ,Seth de Hinggikaran

लगभग सारी दुनिया हिंदू धर्म ,हिंदू संस्कृति और हिंदू समाज से प्रभावित है. हर कोई हिंदू धर्म को समझना चाहता है और जो कोई भी हिंदू धर्म को समझ पाता है वह इसकी ओर खिंचा चला आता है. यही वजह है कि हिंदू धर्म को समझने के लिए 17 साल पहले अमेरिका से आए एक युवक को हिंदू धर्म ने इस कदर प्रभावित किया कि वह वापस ही नहीं लौट पाया. उसने 17 साल से भारत में रहकर हिंदू धर्म की शिक्षा ली और अब वह भारतीय नागरिक बन गया है.

हिंदू धर्म ऐसा भाया की ले ली भारतीय नागरिकता
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Published : Jul 24, 2019, 4:54 AM IST

जयपुर. अमेरिका के स्टेट इंडियाना शिकागो का रहने वाला सेठ डे हिंग्गीकरन 30 दिसंबर 2002 को 3 सप्ताह के लिए भारत मैं धार्मिक यात्रा के वीजा पर पहुंचता था, लेकिन उसे हिंदू धर्म में इस कदर प्रभावित किया कि वह कभी वापस अपने वतन लौट ही नहीं पाया.

हिंदू धर्म ऐसा भाया की ले ली भारतीय नागरिकता

धार्मिक यात्रा के पहले पड़ाव पर सेठ डे ने पहले राधा मां को अपना गुरु बनाया और हिंदू धर्म में रम गया. सेठ डे हिंग्गीकरन राधा मां से शिष्य की दक्षिणा लेकर हिंदू धर्म में लीन हो गया. हिंग्गीकरन हिंदू धर्म से इतने प्रभावित हुआ कि उन्होंने वापस अमेरिका नहीं जाने का निर्णय लेते हुए भारतीय नागरिकता लेने का निर्णय लिया और इसीलिए उन्होंने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भी कर दिया.

बता दें कि लंबा संघर्ष चला लेकिन 17 साल बाद आज सेठ डे हिंग्गीकरन को भारतीय नागरिकता दे दी गई. जयपुर के शासन सचिवालय में गृह विभाग के अधिकारियों ने सेठ डे हिंग्गीकरन को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र दिया. भारतीय नागरिकता मिलने के बाद सेठ डे हिंग्गीकरन काफी खुश नजर आए.

उन्होंने कहा कि वह जब अमेरिका से हिंदुस्तान के लिए रवाना हुए थे तब उन्हें भी यह नहीं पता था कि उनका यह सफर कहा पहुंचेगा. लेकिन जैसे ही वह 3 सप्ताह के लिए हिंदुस्तान पहुंचे और यहां पर तमिलनाडु में श्री राधा मां के यहां पहुंचे तो इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने सन्यासी रूप धारण कर लिया. बता दें कि अब वह हो हिंदी भाषा के साथ साथ संस्कृत भाषा का भी ज्ञान ले रहे हैं.

वैसे तो भारतीय संस्कृति ने हमेशा से ही देश-विदेश को अपनी ओर खींचने का काम किया है, लेकिन जिस तरीके से पिछले कुछ सालों में विदेशी धरती से आकर लोगों ने भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म को अपनाया है उससे साफ हो गया है कि भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म ने पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाई है.

जयपुर. अमेरिका के स्टेट इंडियाना शिकागो का रहने वाला सेठ डे हिंग्गीकरन 30 दिसंबर 2002 को 3 सप्ताह के लिए भारत मैं धार्मिक यात्रा के वीजा पर पहुंचता था, लेकिन उसे हिंदू धर्म में इस कदर प्रभावित किया कि वह कभी वापस अपने वतन लौट ही नहीं पाया.

हिंदू धर्म ऐसा भाया की ले ली भारतीय नागरिकता

धार्मिक यात्रा के पहले पड़ाव पर सेठ डे ने पहले राधा मां को अपना गुरु बनाया और हिंदू धर्म में रम गया. सेठ डे हिंग्गीकरन राधा मां से शिष्य की दक्षिणा लेकर हिंदू धर्म में लीन हो गया. हिंग्गीकरन हिंदू धर्म से इतने प्रभावित हुआ कि उन्होंने वापस अमेरिका नहीं जाने का निर्णय लेते हुए भारतीय नागरिकता लेने का निर्णय लिया और इसीलिए उन्होंने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भी कर दिया.

बता दें कि लंबा संघर्ष चला लेकिन 17 साल बाद आज सेठ डे हिंग्गीकरन को भारतीय नागरिकता दे दी गई. जयपुर के शासन सचिवालय में गृह विभाग के अधिकारियों ने सेठ डे हिंग्गीकरन को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र दिया. भारतीय नागरिकता मिलने के बाद सेठ डे हिंग्गीकरन काफी खुश नजर आए.

उन्होंने कहा कि वह जब अमेरिका से हिंदुस्तान के लिए रवाना हुए थे तब उन्हें भी यह नहीं पता था कि उनका यह सफर कहा पहुंचेगा. लेकिन जैसे ही वह 3 सप्ताह के लिए हिंदुस्तान पहुंचे और यहां पर तमिलनाडु में श्री राधा मां के यहां पहुंचे तो इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने सन्यासी रूप धारण कर लिया. बता दें कि अब वह हो हिंदी भाषा के साथ साथ संस्कृत भाषा का भी ज्ञान ले रहे हैं.

वैसे तो भारतीय संस्कृति ने हमेशा से ही देश-विदेश को अपनी ओर खींचने का काम किया है, लेकिन जिस तरीके से पिछले कुछ सालों में विदेशी धरती से आकर लोगों ने भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म को अपनाया है उससे साफ हो गया है कि भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म ने पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाई है.

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जयपुर

हिंदू धर्म ऐसा भाया की ले ली भारत की नागरिकता

एंकर:- लगभग सारी दुनिया हिंदू धर्म हिंदू संस्कृति और हिंदू समाज से प्रभावित थे हर कोई हिंदू धर्म को समझना चाहता है और जो कोई भी हिंदू धर्म को समझ पाता है वह इसकी ओर खिंचा चला आता है यही वजह कि हिंदू धर्म को समझने के लिए 17 साल पहले अमेरिका से आए एक युवक को हिंदू धर्म में इस कदर प्रभावित किया कि वह वापस ही नहीं लौट पाया उसने 17 साल से भारत में रहकर हिंदू धर्म की शिक्षा ली और अब वह भारतीय नागरिक बन गया है







Body:VO:- अमेरिका के स्टेट इंडियाना शिकागो का रहने वाला सेठ डे हिंग्गीकरन 30 दिसंबर 2002 को 3 सप्ताह के लिए भारत मैं धार्मिक यात्रा के वीजा पर पहुंचता है लेकिन उसे हिंदू धर्म में इस कदर प्रभावित किया कि वह कभी वापस अपने वतन लौट ही नहीं पाया धार्मिक यात्रा के पहले पड़ाव पर तमिलनाडु की से राधा मां को अपना गुरु बनाया और रम गया हिंदू धर्म में, सेठ डे हिंग्गीकरन राधा मां से शिष्य की दक्षिणा लेकर हिंदू धर्म में लीन हो गया , सेठ डे हिंग्गीकरन हिंदू धर्म से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने वापस अमेरिका नहीं जाने का निर्णय लेते हुए भारतीय नागरिकता लेने का निर्णय लिया और इसीलिए उन्होंने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भी कर दिया लंबा संघर्ष चला लेकिन 17 साल बाद आज सेठ डे हिंग्गीकरन को भारतीय नागरिकता दे दी गई जयपुर के शासन सचिवालय में गृह विभाग के अधिकारियों ने सेठ डे हिंग्गीकरन भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र दीया भारतीय नागरिकता मिलने के बाद सेठ डे हिंग्गीकरन काफी खुश नजर आए उन्होंने कहा कि वह जब अमेरिका से हिंदुस्तान के लिए रवाना हुए थे तब उन्हें भी यह नहीं पता था कि उनका यह सफर का पहुंचेगा लेकिन जैसे ही वह 3 सप्ताह के लिए हिंदुस्तान पहुंचे और यहां पर तमिलनाडु में श्री राधा मां कि यहां पहुंचे तो इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने सन्यासी रूप धारण कर लिया अब हो हिंदी भाषा के साथ साथ संस्कृत भाषा का भी ज्ञान ले रहे हैं
बाइट:- सेठ डे हिंग्गीकरन -


Conclusion:VO:- वैसे तो भारतीय संस्कृति ने हमेशा से ही देश-विदेश को अपनी ओर खींचने का काम किया है लेकिन जिस तरीके से पिछले कुछ सालों में विदेशी धरती से आकर लोगों ने भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म को अपना है उससे साफ हो गया भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म पूरे देश में अपनी पहचान बनाई है।
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