जयपुर. राज्य सरकार ने अभिभावकों को बड़ी राहत दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक करते हुए यह निर्देश दिए कि लॉकडाउन के जारी रहने तक सभी स्कूल संचालक विद्यार्थियों तीन माह की अग्रिम फीस नहीं लें.
वहीं फीस के अभाव में किसी भी छात्र का नाम नहीं काटा जाएगा. साथ ही 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं वाले विद्यार्थियों को छोड़कर अन्य सभी स्कूली विद्यार्थियों को अगली कक्षा में क्रमोन्नत किया जाए.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्कूलों, कॉलेजों में यथासम्भव ऑनलाइन लेक्चर, ई-लर्निंग की व्यवस्था की जाए, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई में निरन्तरता बनी रहे और वे घर पर रहकर भी समय का सदुपयोग कर सकें.
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वीडियो कांफ्रेंसिंग में निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सभी उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा से जुडे़ संस्थानों में 15 अप्रैल से ग्रीष्म अवकाश घोषित किया जा सकता है. लेकिन, स्कूलों में 15 अप्रैल से ग्रीष्म अवकाश नहीं होगा.
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय से सम्बद्ध संस्थानों में लॉकडाउन हटने के बाद आठवें सेमेस्टर की परीक्षाएं प्राथमिकता से करवाने का भी निर्णय लिया गया.
कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, शासन सचिव उच्च शिक्षा शुचि शर्मा, शासन सचिव स्कूल शिक्षा मंजू राजपाल और आयुक्त कॉलेज शिक्षा प्रदीप बोरड़ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
सुझाव के लिए बनाई समिति
कॉन्फ्रेंस में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय परीक्षाओं के शेड्यूल के निर्धारण के लिए एक 5 सदस्यीय समिति बनाई है.
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समिति लॉकडाउन हटने के बाद परीक्षाओं और आगामी शैक्षणिक सत्र के संचालन के बारे में सुझाव देगी. इसमें राजस्थान विश्वविद्यालय, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय के कुलपति, आयुक्त कॉलेज शिक्षा और संयुक्त शासन सचिव उच्च शिक्षा शामिल हैं.
सभी कक्षाओं की किताबें ऑनलाइन
शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि सभी कक्षाओं की किताबें ऑनलाइन उपलब्ध करवा दी गई हैं. अब विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कन्टेन्ट तैयार करने का कार्य किया जा रहा है, ताकि घर पर रहकर भी बच्चे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें.
ई-कन्टेन्ट के लिए यू-ट्यूब चैनल तैयार
तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने बताया कि तकनीकी शिक्षण संस्थानों में मिड सेमेस्टर परीक्षाएं ऑनलाइन पूरी कराई जा चुकी हैं.
विद्यार्थियों को ई-कन्टेन्ट उपलब्ध करवाने के लिए एक यू-ट्यूब चैनल तैयार किया गया है, जिस पर 600 से अधिक लेक्चर अपलोड किए गए हैं. अध्यापकों को अधिक से अधिक ई-कन्टेन्ट तैयार करने के लिए निर्देश दिए गए हैं.