जयपुर. केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ NDA का घटक दल RLP के संयोजक हनुमान बेनीवाल भले ही शनिवार को दिल्ली कूच का एलान कर चुके हों, लेकिन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि बेनीवाल बीजेपी के अनुशासन से बंधे हुए नहीं हैं, लेकिन देश का अधिकतर किसान आज मोदी सरकार और केंद्रीय कृषि कानून के पक्ष में है.
जयपुर के महेशवास कला गांव में आयोजित किसान चौपाल में सतीश पूनिया ने किसानों से संवाद किया. जिसके बाद उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि बीजेपी का अपना संविधान और अनुशासन है. बेनीवाल भले ही एनडीए के घटक दल के सदस्य हों, लेकिन वो भाजपा के अनुशासन से बंधे हुए नहीं हैं. उन्होंने कहा कि समय के साथ कई लोग बदलते हैं. ऐसे में इस बारे में उन्हें कुछ नहीं कहना, लेकिन देश का किसान मोदी जी की नीतियों पर विश्वास कर रहा है.
आंदोलन करनेवाले किसान की संख्या सीमित...
पूनिया के अनुसार तीनों ही कृषि कानूनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित को प्रथम रखा है और यह कानून किसानों के हित में है. उन्होंने कहा कि देश का अधिकतर किसान इस बात को अब समझ गया है. वही कृषि कानून के हो रहे विरोध और इन कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन पूनिया ने विपक्ष की साजिश बताया. साथ ही यह भी कहा कि यदि देशभर के किसान इसका विरोध करते तो आंदोलन करने वाले किसानों की संख्या सीमित ना होती.
यह भी पढ़ें. राजस्थान : किसानों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे किया जाम, मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद
पूनिया के अनुसार आज देश में 70 प्रतिशत लोग कृषि और उससे जुड़े व्यवसाय में लगे हैं, लेकिन विरोध करने वाले महज कुछ ही लोग हैं, जो इस बात का सबूत है कि देश में मोदी सरकार के इन कृषि कानून के पक्ष में आम किसान आ गया है. जो लोग आंदोलन कर भी रहे हैं, वह भी जल्द ही इस बात को समझ जाएंगे कि यह कृषि कानून किसानों के हित में हैं.
देश का किसान मोदी जी के साथ...
सतीश पूनिया से पूछा गया कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि विपक्ष के लोग केंद्रीय कृषि कानून को लेकर देश में भ्रम फैला रहे हैं, लेकिन भाजपा विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक दल होने का दावा करती है. बीजेपी के करोड़ो कार्यकर्ता हैं, ऐसे में यदि केंद्रीय कानून के खिलाफ कोई भ्रम फैला भी रहा है तो उसे पार्टी अब तक दूर क्यों नहीं कर पाई. इस सवाल पर सतीश पूनिया ने कहा कि जो भ्रम फैला रहे हैं, वह भी सीमित संख्या में हैं और आंदोलन करने वाले किसान भी बेहद कम संख्या में है. ऐसे में देश का किसान मोदी जी के साथ है और वह इस भ्रम में आने वाला नहीं है.