जयपुर. पुलिस कमिश्नरेट की निर्भया स्क्वायड टीम लगातार महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए काम कर रही है. निर्भया स्क्वायड के 2 साल पूरे होने पर शुक्रवार को अल्बर्ट हॉल के बाहर कार्यक्रम आयोजित किया गया. यहां नुक्कड़ नाटक के जरिए महिला सुरक्षा का संदेश दिया.
एडिशनल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने निर्भया टीम के कार्य को आगे बढ़ाते हुए नए मिशन 'सेफर सिटी सेफर स्ट्रीट' की शुरुआत की. इस नए मिशन में अब 15 टीमें कार्य करेंगी. जबकि पहले 5 टीमें ही कार्य कर रही थी.
एडिशनल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने अल्बर्ट हॉल से वाहन रैली को रवाना किया. जिसने शहर भर में महिला सुरक्षा को लेकर संदेश दिया. एडिशनल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने बताया कि निर्भया ने 2 साल में कई तरह के नवाचार किए हैं. महिलाएं सुरक्षित यात्रा कर सकें. इसके लिए सेफर व्हील्स अभियान चलाया गया. साथ ही शहर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सेफर सिटी और सेफर स्ट्रीट अभियान की शुरुआत की गई है. राहुल प्रकाश का कहना है कि जो महिलाएं अपने साथ हुए अपराध की शिकायत लेकर थाने नहीं पहुंच पाती थी. निर्भया स्क्वायड की टीम खुद उनके पास गई और अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया.
महिलाओं के साथ अधिक छेड़छाड़ वाली जगह को हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है. सिविल ड्रेस में टीम तैनात रहेगी. निर्भया को और अधिक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे. निर्भया टीम को बॉडी वार्न कैमरे भी दिए जाएंगे, जिसमें सारी कार्रवाई रिकॉर्ड की जा सकेगी.
एडिशनल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने बताया कि पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने एक संकल्प के साथ निर्भया टीम की शुरुआत की थी. निर्भया स्क्वायड टीम ने लगातार अच्छा काम किया है. सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग को लेकर स्कूल और कॉलेजों में भी अच्छा काम किया गया. महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित कानूनों की भी जानकारियां दी गई. साथ ही कोरोना काल में निर्भया टीम ने मेडिकल टीम को सैंपल देने के लिए महिलाओं और बालिकाओं की समझाइश की.
निर्भया का दायरा बढ़ाने के लिए सेफर व्हील्स अभियान को जोड़ा गया. जिसके अंतर्गत ऐसी टीम बनी जो राजस्थान में ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर इस तरीके से काम करने वाली टीम नजर आई. निर्भया के साथ पुरुष कांस्टेबल को भी सिविल ड्रेस में लगाया गया. विभिन्न परिवहन के साधनों में लगातार निगरानी रखी गई. इसका अच्छा परिणाम सामने आया है कि बहुत सारे बेनाम अपराध है, जिनमें बालिकाएं किसी को बता नहीं पाती हैं. इस तरह के अपराधों की रोकथाम की दिशा में निर्भया का कार्य काफी अच्छा रहा है. निर्भय टीम अब तक 200 लोगों को गिरफ्तार करवा चुकी है.