जयपुर. राजस्थान में अब सियासी महासंग्राम समाप्त हो चुका है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट अब एक मंच पर आ चुके हैं. विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने के बाद सचिन पायलट दिल्ली चले गए थे. जिसके बाद अब वह बुधवार को राजस्थान लौटेंगे.
खास बात यह है कि राजस्थान लौटते ही पायलट सबसे पहले अपने विधानसभा क्षेत्र टोंक के दौरे पर रहेंगे. जहां वह टोंक के कल्पना मैरिज गार्डन में जनता से मुलाकात करेंगे और उनकी समस्याएं भी सुनेंगे. इससे पहले सचिन पायलट करीब 2 महीने पहले कोरोना की समीक्षा करने टोंक के दौरे पर गए थे.
जिसके बाद करीब 1 महीने से ज्यादा समय तक राजस्थान में सियासी संकट चला और पायलट समेत 19 विधायकों पर कांग्रेस के खिलाफ बगावत करने का आरोप भी लगा. ऐसे में पायलट को प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम का पद भी गंवाना पड़ा. बहरहाल अब कांग्रेस पार्टी में सब ठीक होता दिखाई दे रहा है. सचिन पायलट सरकार के विश्वास मत में अपना विश्वास भी प्रकट कर चुके हैं. अब जब बाकी सब विधायक भी अपने विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचे हैं, तो सचिन पायलट भी बुधवार को टोंक के दौरे पर रहेंगे.
कांग्रेस की नई टीम में होगी पायलट कैंप की एंट्री
राजस्थान के कांग्रेस संगठन में पायलट कैंप की भी हिस्सेदारी होगी. पायलट खेमे की ओर से कार्यकारी अध्यक्ष के पद की मांग की गई है. ऐसे में PCC चीफ डोटासरा के सामने कांग्रेस में कंट्रोल रखने की एक नई चुनौती आ गई है. वापसी के बाद से ही सचिन पायलट पूरी तरह से कांग्रेस में सक्रिय हो चुके हैं, ऐसे में उनके साथ कार्यकारिणी में रहे नेताओं को भी फिर से कार्यकारिणी में जगह मिलेगी.
भले ही सचिन पायलट खुद प्रदेश कांग्रेस में अब कोई पद ना लें, लेकिन उनके खेमे ने कार्यकारी अध्यक्ष के पद की मांग की है. इसके साथ नई बनने वाली प्रदेश कार्यकारिणी और जिलाध्यक्षों में भी अपने समर्थकों को पायलट एडजस्ट करने का प्रयास करेंगे.