जयपुर: वंचित समाज की 40 से अधिक जातियों ने सरकारी भर्तियों में उप-वर्गीकरण लागू करने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ हुंकार भरी है. वंचित समाज ने चेतावनी दी है कि यदि आरक्षण में उप-वर्गीकरण जल्द लागू नहीं किया जाता, तो वे बड़ा जन आंदोलन करेंगे. यह बयान रविवार को पिंक सिटी प्रेस क्लब जयपुर में आरक्षण से वंचित एससी-एसटी समाज संघर्ष समिति राजस्थान के बैनर तले आयोजित एक बैठक में दिया गया. बैठक में प्रदेश भर से 40 से अधिक जातियों के प्रमुख प्रतिनिधि शामिल हुए.
आंदोलन की चेतावनी : आरक्षण समिति के प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट रामधन टिटानिया ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने 1 अगस्त 2024 को अनुसूचित जाति जनजाति आरक्षण में उप-वर्गीकरण को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया था. इस निर्णय के बाद हरियाणा सरकार ने इसे लागू किया और अब राजस्थान में इसे शीघ्र लागू करने की मांग की जा रही है. बैठक में शामिल वंचित समाज के विभिन्न जातियों जैसे सांसी, वाल्मीकि, बावरी, नायक, धानक, भील, कंजर, गरासिया, कालबेलिया, बेड़िया, नट, गिहारा, बाजीगर, जीनगर, भाट, कुचबंद सहित अन्य जातियों के प्रमुख नेताओं ने अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि यदि उप-वर्गीकरण जल्दी लागू नहीं किया गया तो वंचित समाज जयपुर में बड़े पैमाने पर आंदोलन करेगा और शहर को जाम करेगा.
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उप-वर्गीकरण लागू करने की मांग : समिति के प्रदेश संयोजक राकेश बिदावत ने कहा कि राजस्थान में आरक्षण में उप-वर्गीकरण शीघ्र लागू किया जाना चाहिए, ताकि वंचित समाज को उनका हक मिल सके. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह कदम नहीं उठाया जाता तो वंचित समाज चुप नहीं रहेगा. एससी वित विकास निगम के अध्यक्ष राजेंद्र नायक ने कहा कि वर्तमान में वंचित समाज को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल रहा है और राजस्थान सरकार को इस पर ध्यान देकर उप-वर्गीकरण लागू करना चाहिए.
पूर्व सांसद गोपाल वाल्मीकि ने कहा कि वंचित समाज को आरक्षण के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता और इसके लिए संघर्ष जारी रहेगा. वहीं, पूर्व विधायक जेपी चंदेलिया ने कहा कि आजादी के 78 साल बाद भी वंचित समाज को संविधान के तहत दिए गए आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल रहा है और यह समय की जरूरत है कि राजस्थान सरकार इसे लागू करे. अंबेडकर मिशन के विनोद कुमार ने कहा कि बाबा साहब और संविधान की मूल भावना के अनुसार वंचित वर्ग को आरक्षण का पूरा लाभ मिलना चाहिए और राजस्थान सरकार को हरियाणा की तरह उप-वर्गीकरण लागू करने की पहल करनी चाहिए.