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हिंदुस्तान के अंदर हम कबड्डी खेलते रहेंगे, लेकिन बाहर के लिए पूरा मुल्क एक है: सचिन पायलट - वसुंधरा राजे को लेकर सचिन पायलट का बयान

भारतीय महिला फेडरेशन की ओर से आयोजित हो रहे 21 वें राष्ट्रीय सम्मेलन में डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदुस्तान के अंदर हम कबड्डी खेलते रहेंगे, लेकिन बाहर की ताकत के लिए पूरा मुल्क एक है. पायलट ने कहा हमारे देश की राजनीति अनोखी है खट्टी, मीठी और तीखी है, हमको यही पसंद है.

भारतीय महिला फेडरेशन, Federation of Indian Women
सचिन पायलट
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Published : Dec 28, 2019, 9:52 PM IST

जयपुर. राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने शनिवार को भारतीय महिला फेडरेशन की ओर से आयोजित हो रहे 21 वें राष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में कई राजनीतिक पार्टियां है. हिंदुस्तान के अंदर हम कबड्डी खेलते रहेंगे लेकिन बाहर की ताकत के लिए पूरा मुल्क एक है.

भारतीय महिला फेडरेशन के सम्मेलन में सचिन पायलट ने की शिरकत

पायलट ने यह बात विदेश में आयोजित हुए एक कार्यक्रम का किस्सा सुनाते हुए कही. सचिन पायलट ने बताया कि एक बार विदेश में एक कार्यक्रम में किसी ने पूछा कि हिंदुस्तान में राजनीतिक पार्टियां ज्यादा क्यों है. जिसके जवाब में पायलट कहा कि हिंदुस्तान के पार्लियामेंट में 42 पार्टियां हैं और अमेरिका में केवल दो. उन्होंने कहा बगीचे में जितने अलग-अलग रंग के फूल होते हैं, वह उतना ही अच्छा लगता है.

हमारे देश की राजनीति अनोखी है खट्टी, मीठी और तीखी है, हमको यही पसंद है. पायलट ने बताया कि सामने वाला यह चाह रहा था कि मैं अपने सहयोगी के खिलाफ कुछ बोलूं. हम लोग हिंदुस्तान के अंदर अपनी कबड्डी खेलते रहेंगे. लेकिन बाहर की ताकत के लिए पूरा मुल्क एक है, 130 करोड़ लोग एक साथ है. पायलट ने कहा विरोध करने का अधिकार सबको है.

पढ़ें- गहलोत का तंज, कहा- आज जो देश की भलाई की बात करते हैं, उनकी विचारधारा के लोग अंग्रेजों की मुखबिरी करते थे

संविधान में भी साफ लिखा है कि अपनी बात को हम पुरजोर तरीके से रख सकते हैं और यही लोकतंत्र को जिंदा रखे हुए है. भारत का 5 हजार साल का इतिहास रहा है. हमारा इतिहास और हमारा संविधान नहीं सिखाता कि हम टकराव और झगड़े की स्थिति पैदा करें. इन सभी का हमारी राजनीति में भी समावेश होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें कभी भी अपने सामने वाले के खिलाफ ऐसा कोई गलत शब्द नहीं बोलना चाहिए जो हमे बुरा लगे.

डिप्टी सीएम पायलट ने कहा कि जिस संविधान को हम माथे से लगाते हैं और उसकी पूजा करते हैं उसी संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है. देश में लगातार इस संविधान की दुहाई देकर लोगों को सुरक्षित करने के लिए लोगों को दंडित करने के लिए और लोगों को भयभीत करने के लिए नियम और कानून का निर्माण हो रहा है. उसके विरोध में कांग्रेस पार्टी ने जयपुर में पैदल मार्च किया.

पूर्व मुख्यमंत्री राजे को मैंने 5 साल तक चैन की नींद नहीं सोने दी: सचिन पायलट

सचिन पायलट ने कहा कि पिछली बार राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थी. जिनको मैंने 5 साल तक चैन की नींद नहीं सोने दिया. लेकिन इन 5 सालों में कभी भी उनकी पद की गरिमा और महिला होने के खिलाफ अपने शब्दों का प्रयोग नहीं किया. हमने नीति, पॉलिसी, गवर्नेंस, लॉ एंड ऑर्डर, किसानों के मुद्दे और युवाओं के मुद्दों पर काफी विरोध प्रदर्शन किया.

पढ़ें- संविधान से भरोसा नहीं उठने देंगे, कांग्रेस देश की जनता में लाएगी जागरूकता: अविनाश पांडे

लेकिन कभी भी राजनीति के स्तर को गिरने नहीं दिया. संवेदनहीनता होना एक बात है लेकिन संवाद हीनता होना लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. पायलट ने कहा कि अपनी गलती मानने के लिए एक बहुत बड़ा इंसान बनना पड़ता है. लेकिन आजकल की राजनीति में गलती मानने का तो सवाल ही नहीं है. गलती मान लेना एक लीडर की बहुत बड़ी क्वालिटी है.

'कानून बनाकर पॉलीटिकल एजेंडा पूरा करना देश सेवा नहीं'

पायलट ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश आर्थिक मंदी से निकलना चाहता है, देश चाहता है नरेगा का भत्ता बढ़े, देश यह चाहता है कि प्याज का दाम 150 से 30 रुपए किलो हो जाए. देश चाहता है कि कारखानों पर ताले नहीं लगे. यह सभी प्राथमिकताएं होनी चाहिए. लेकिन इस समय प्राथमिकताएं कुछ और ही है.

डिप्टी सीएम ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कानून बनाकर पॉलीटिकल एजेंडा पूरा करना यह देश सेवा नहीं है. देश सेवा यह है कि 24 घंटे काम कर कर देश को आर्थिक मंदी से बाहर निकाले. साथ ही उन्होंने कहा कि आवाज दबाने का काम लोकतंत्र में बहुत विस्फोटक हो सकता है.

जयपुर. राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने शनिवार को भारतीय महिला फेडरेशन की ओर से आयोजित हो रहे 21 वें राष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में कई राजनीतिक पार्टियां है. हिंदुस्तान के अंदर हम कबड्डी खेलते रहेंगे लेकिन बाहर की ताकत के लिए पूरा मुल्क एक है.

भारतीय महिला फेडरेशन के सम्मेलन में सचिन पायलट ने की शिरकत

पायलट ने यह बात विदेश में आयोजित हुए एक कार्यक्रम का किस्सा सुनाते हुए कही. सचिन पायलट ने बताया कि एक बार विदेश में एक कार्यक्रम में किसी ने पूछा कि हिंदुस्तान में राजनीतिक पार्टियां ज्यादा क्यों है. जिसके जवाब में पायलट कहा कि हिंदुस्तान के पार्लियामेंट में 42 पार्टियां हैं और अमेरिका में केवल दो. उन्होंने कहा बगीचे में जितने अलग-अलग रंग के फूल होते हैं, वह उतना ही अच्छा लगता है.

हमारे देश की राजनीति अनोखी है खट्टी, मीठी और तीखी है, हमको यही पसंद है. पायलट ने बताया कि सामने वाला यह चाह रहा था कि मैं अपने सहयोगी के खिलाफ कुछ बोलूं. हम लोग हिंदुस्तान के अंदर अपनी कबड्डी खेलते रहेंगे. लेकिन बाहर की ताकत के लिए पूरा मुल्क एक है, 130 करोड़ लोग एक साथ है. पायलट ने कहा विरोध करने का अधिकार सबको है.

पढ़ें- गहलोत का तंज, कहा- आज जो देश की भलाई की बात करते हैं, उनकी विचारधारा के लोग अंग्रेजों की मुखबिरी करते थे

संविधान में भी साफ लिखा है कि अपनी बात को हम पुरजोर तरीके से रख सकते हैं और यही लोकतंत्र को जिंदा रखे हुए है. भारत का 5 हजार साल का इतिहास रहा है. हमारा इतिहास और हमारा संविधान नहीं सिखाता कि हम टकराव और झगड़े की स्थिति पैदा करें. इन सभी का हमारी राजनीति में भी समावेश होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें कभी भी अपने सामने वाले के खिलाफ ऐसा कोई गलत शब्द नहीं बोलना चाहिए जो हमे बुरा लगे.

डिप्टी सीएम पायलट ने कहा कि जिस संविधान को हम माथे से लगाते हैं और उसकी पूजा करते हैं उसी संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है. देश में लगातार इस संविधान की दुहाई देकर लोगों को सुरक्षित करने के लिए लोगों को दंडित करने के लिए और लोगों को भयभीत करने के लिए नियम और कानून का निर्माण हो रहा है. उसके विरोध में कांग्रेस पार्टी ने जयपुर में पैदल मार्च किया.

पूर्व मुख्यमंत्री राजे को मैंने 5 साल तक चैन की नींद नहीं सोने दी: सचिन पायलट

सचिन पायलट ने कहा कि पिछली बार राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थी. जिनको मैंने 5 साल तक चैन की नींद नहीं सोने दिया. लेकिन इन 5 सालों में कभी भी उनकी पद की गरिमा और महिला होने के खिलाफ अपने शब्दों का प्रयोग नहीं किया. हमने नीति, पॉलिसी, गवर्नेंस, लॉ एंड ऑर्डर, किसानों के मुद्दे और युवाओं के मुद्दों पर काफी विरोध प्रदर्शन किया.

पढ़ें- संविधान से भरोसा नहीं उठने देंगे, कांग्रेस देश की जनता में लाएगी जागरूकता: अविनाश पांडे

लेकिन कभी भी राजनीति के स्तर को गिरने नहीं दिया. संवेदनहीनता होना एक बात है लेकिन संवाद हीनता होना लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. पायलट ने कहा कि अपनी गलती मानने के लिए एक बहुत बड़ा इंसान बनना पड़ता है. लेकिन आजकल की राजनीति में गलती मानने का तो सवाल ही नहीं है. गलती मान लेना एक लीडर की बहुत बड़ी क्वालिटी है.

'कानून बनाकर पॉलीटिकल एजेंडा पूरा करना देश सेवा नहीं'

पायलट ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश आर्थिक मंदी से निकलना चाहता है, देश चाहता है नरेगा का भत्ता बढ़े, देश यह चाहता है कि प्याज का दाम 150 से 30 रुपए किलो हो जाए. देश चाहता है कि कारखानों पर ताले नहीं लगे. यह सभी प्राथमिकताएं होनी चाहिए. लेकिन इस समय प्राथमिकताएं कुछ और ही है.

डिप्टी सीएम ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कानून बनाकर पॉलीटिकल एजेंडा पूरा करना यह देश सेवा नहीं है. देश सेवा यह है कि 24 घंटे काम कर कर देश को आर्थिक मंदी से बाहर निकाले. साथ ही उन्होंने कहा कि आवाज दबाने का काम लोकतंत्र में बहुत विस्फोटक हो सकता है.

Intro:जयपुर
एंकर- भारत में कई राजनीतिक पार्टियां है। हिंदुस्तान के अंदर हम कबड्डी खेलते रहेंगे लेकिन बाहर की ताकत के लिए पूरा मुल्क एक है यह कहना था राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का। सचिन पायलट ने आज शनिवार को भारतीय महिला फेडरेशन की ओर से आयोजित हो रहे 21 वें राष्ट्रीय सम्मेलन में संबोधित करते हुए कहा।


Body:राष्ट्रीय सम्मेलन में सचिन पायलट ने यह बात विदेश में आयोजित हुए एक कार्यक्रम का किस्सा सुनाते हुए कहीं।
पायलट ने बताया कि एक बार विदेश में एक कार्यक्रम में किसी ने पूछा कि हिंदुस्तान में राजनीति पार्टियां ज्यादा क्यों है। सचिन पायलट ने जवाब में कहा कि हिंदुस्तान में पार्लियामेंट में 42 पार्टियां है अमेरिका में केवल दो ही पार्टियां है। बगीचे में जितने अलग-अलग रंग के फूल होते हैं वह उतना ही अच्छा लगता है। हमारे देश की राजनीति अनोखी है खट्टी मीठी और तीखी है। हमको यही पसंद है। पायलट ने बताया कि सामने वाला यह चाह रहा था कि मैं अपने सहयोगी के खिलाफ कुछ बोलूं। हम लोग हिंदुस्तान के अंदर अपनी कबड्डी खेलते रहेंगे लेकिन बाहर की ताकत के लिए पूरा मुल्क एक है, 130 करोड़ लोग एक साथ है। विरोध करने का अधिकार सबको है संविधान में भी साफ लिखा है कि अपनी बात को हम पुरजोर तरीके से रख सकते हैं। और यही लोकतंत्र को जिंदा रखे हुए हैं। भारत का 5000 साल का इतिहास रहा है। हमारा इतिहास और हमारा संविधान नहीं सिखाता है कि हम टकराव और झगड़े की स्थिति पैदा करें। इन सभी का हमारी राजनीति में भी समावेश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें कभी भी अपने सामने वाले के खिलाफ ऐसा कोई गलत शब्द नहीं बोलना चाहिए जो हमे बुरा लगे।

डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि जिस संविधान को हम माथे से लगाते हैं और उसकी पूजा करते हैं उसी संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है। देश में लगातार इस संविधान की दुहाई देकर लोगों को सुरक्षित करने के लिए लोगों को दंडित करने के लिए और लोगों को भयभीत करने के लिए नियम और कानून का निर्माण हो रहा है। उसके विरोध में कांग्रेस पार्टी ने जयपुर में पैदल मार्च किया।
अपनी बात को मजबूती से रखना विरोध प्रदर्शन करना लोकतंत्र का अधिकार है देश ने पहली काफी विरोध होते थे लेकिन वह सब अब कम हो गए हैं। पहले बड़े बड़े आंदोलन होते थे उन्हें आंदोलनों से नेता निकलते थे जो कि एमएलए और मंत्री बनते थे। ऐसे नेताओं को दाल आटे का भाव मालूम होता था। लेकिन उस समय का दौर 2019 में नहीं रहा। यह देश की असलियत है। उन्होंने कहा कि मैं 26 साल की उम्र में ही पार्लियामेंट पहुंच गया था।

पिछली बार राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थी जिनको मैंने 5 साल तक चैन की नींद नहीं सोने दी- सचिन पायलट

सचिन पायलट ने कहा कि पिछली बार राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थी जिनको मैंने 5 साल तक चैन की नींद नहीं सोने दिया। लेकिन इन 5 सालों में कभी भी उनकी पद की गरिमा और महिला होने के खिलाफ अपने शब्दों का प्रयोग नहीं किया। हमने नीति, पॉलिसी, गवर्नेंस, लॉ एंड ऑर्डर, किसानों के मुद्दे और युवाओं के मुद्दों पर काफी विरोध प्रदर्शन किया। लेकिन कभी भी राजनीति के स्तर को गिरने नहीं दिया। संवेदनहीनता होना एक बात है लेकिन संवाद हीनता होना लोकतंत्र के लिए सही नही है। पाली ने कहा कि अपनी गलती मानने के लिए एक बहुत बड़ा इंसान बनना पड़ता है। लेकिन आजकल की राजनीति में गलती मानने का तो सवाल ही नहीं है। गलती मान लेना एक लीडर की बहुत बड़ी क्वालिटी है।






Conclusion:कानून बनाकर पॉलीटिकल एजेंडा पूरा करना यह देश सेवा नहीं है
पायलट ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश चाहता है आर्थिक मंदी से निकले देश चाहता है कि नरेगा का भत्ता बड़े। देश यह चाहता है कि प्याज का दाम डेढ़ सौ से 30 रुपये किलो हो जाए। देश चाहता है कि कारखानों पर ताले नहीं लगे। यह सभी प्राथमिकताएं होनी चाहिए। लेकिन आज प्राथमिकताएं कुछ और ही है। कानून बनाकर पॉलीटिकल एजेंडा पूरा करना यह देश सेवा नहीं है। देश सेवा यह है कि 24 घंटे काम कर कर देश को आर्थिक मंदी से बाहर निकाले। बेरोजगारी भी पिछले 45 वर्षो की वजाय ज्यादा है। पायलट ने कहा कि आवाज दबाने का काम लोकतंत्र में बहुत विस्फोटक हो सकता है।

बाईट- सचिन पायलट, डिप्टी सीएम, राजस्थान


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