जयपुर. आरटीओ कार्यालय में 1 जुलाई को लिपिकों और निरीक्षकों का रोस्टर जारी होना था, लेकिन जयपुर आरटीओ राजेंद्र वर्मा की मनमानी के चलते अभी तक विभाग के अंतर्गत निरीक्षक और लिपिकों का रोस्टर जारी नहीं हो पाया है.
जबकि परिवहन विभाग के नियमों की माने तो हर वर्ष 1 जनवरी और 1 जुलाई को विभाग के निरीक्षक और लिपिकों का रोस्टर उनकी सीटों के हिसाब से बदला जाता है. लेकिन जयपुर आरटीओ ऑफिस के अंतर्गत कुछ कर्मचारी ऐसे हैं, जो पिछले 2 से 3 साल तक एक ही सीट पर बने हुए हैं.
पढ़ेंः अब सादे कागज पर भी मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र का प्रिंट ले सकेंगे आवेदक
वहां के अधिकारियों का भी ऐसा ही हाल सामने आ रहा है. इसके साथ ही कुछ इंस्पेक्टर ऐसे भी हैं, जिनको फील्ड में लगाना है, लेकिन अधिकारियों ने अपने मनमर्जी से लोगों को फील्ड में लगा रखा है, वहीं, फील्ड के लोगों को बैक ऑफिस में लगा रखा है. बता दें कि झालाना आरटीओ कार्यालय केसी और डी सेक्शन को कमाई के लिहाज से हमेशा आगे माना जाता है.
वहीं, जगतपुर आरटीओ कार्यालय की बात की जाए तो जगतपुरा आरटीओ कार्यालय के गुड्स पैसेंजर की सीटों के भी कई दावेदार रोस्टर में आगे निकलकर आ रहे हैं. वहीं, रोस्टर के अंतर्गत कई लिपिकों और निरीक्षकों की सीट भी अदला-बदली होनी है, जिसके लिए बाबू 1 से 3 लाख देने के लिए भी अब तैयार हो रहे हैं.
10 साल में पहली बार हुआ ऐसा...
वहीं, परिवहन विभाग से जुड़े़ वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो पिछले 10 साल के रोस्टर के आंकड़े को देखा जाए तो एक बार भी ऐसा नहीं हुआ कि समय पर रोस्टर जारी नहीं हुआ हो. लेकिन इस बार जयपुर आरटीओ राजेंद्र वर्मा के कार्यकाल में यह नजारा देखने को मिला है.
6 महीने पहले जनवरी माह में जयपुर आरटीओ राजेंद्र वर्मा ने कर्मचारियों लिपिको और निरीक्षक का रोस्टर जारी करना था, लेकिन उसमें भी उन्होंने काफी नाराजगी जताई थी और विभाग के नियमों का भी उल्लंघन किया था. जिसके बाद एक बार फिर अब दोबारा से आरटीओ राजेंद्र वर्मा ने विभाग के नियमों का उल्लंघन कर और समय पर कर्मचारी और लिपिकों का रोस्टर जारी नहीं किया गया.