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24 घंटे में बदल गए रोहिताश्व शर्मा...अलवर में स्वागत की अपील...पूनिया के जाते ही बोले- पार्टी राम भरोसे - रोहिताश्व शर्मा

सतीश पूनिया के अलवर दौरे के बाद एक बार फिर वसुंधरा राजे के करीबी रोहिताश्व शर्मा के सुर बदल गए हैं. इससे पहले शर्मा ने सतीश पूनिया के अलवर दौरे पर कार्यकर्ताओं से गर्मजोशी से स्वागत करने की अपील की थी, लेकिन अब रोहिताश्व शर्मा ने बयान जारी कर कहा है कि पूनिया के अलवर दौरे को लेकर जो उम्मीद थी वो पूरी नहीं हुई.

रोहिताश्व शर्मा और सतीश पूनिया, Rajasthan Politics
रोहिताश्व शर्मा और सतीश पूनिया
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Published : Jul 16, 2021, 5:42 PM IST

जयपुर. पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा के सुर एक बार फिर बदल गए हैं. अब शर्मा ने एक बयान जारी कर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के गुरुवार को हुए अलवर दौरे पर सवाल उठाए. शर्मा ने यहां तक कह दिया कि पूनिया के अलवर दौरे को लेकर जो उम्मीदे थी वो पूरी नहीं हुई. ऐसे में अब पार्टी विद डिफरेंस कहलाए जाने वाली भाजपा भगवान के भरोसे ही है और मुझे काफी चिंता भी हो रही है.

ये वही रोहिताश्व शर्मा हैं जिन्होंने डॉ. सतीश पूनिया के अलवर संगठनात्मक दौरे से ठीक 1 दिन पहले बयान जारी कर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का अलवर दौरे के दौरान स्वागत करने की बात कही थी, लेकिन अब जो बयान जारी हुआ है उसमें शर्मा अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं.

24 घंटे में बदल गए रोहिताश्व शर्मा

रोहिताश्व शर्मा ने जारी किए गए बयान में कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के अलवर दौरे को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को काफी उम्मीद थी कि वो पार्टी की आगामी रणनीति को लेकर कोई टिप्स देकर जाएंगे, जिससे राजस्थान में भाजपा का शासन आए और कांग्रेस का कुशासन उखड़ जाए, लेकिन जिस प्रकार उनका थानागाजी से दौरा शुरू हुआ, वहां उनके पांच चहेते लोग जो अगले चुनावों के लिए खुद को दावेदार बता रहे हैं, उन्हें कार्यक्रमों में अपनी स्ट्रेंथ दिखाने को कहा गया. शर्मा ने कहा कि इन पांचों ने अपनी ताकत भी दिखाई और अलग-अलग मंच से अध्यक्ष ने उनकी तारीफ भी की. शर्मा ने कहा कि इनमें एक तो क्रिमिनल भी था जो हिस्ट्रीशीटर है.

शर्मा ने कहा कि जब पूनिया अलवर पहुंचे तो वहां कार्यसमिति की बैठक में भी जिले के वरिष्ठ नेताओं की घोर उपेक्षा की गई और उन्हें मंच पर स्थान नहीं मिला. शर्मा ने कहा कि अध्यक्ष ने मनमर्जी से मंच पर कुछ लोगों को बैठा लिया, जबकि पूर्व मंत्री मंगलाराम कोली और हेम सिंह भडाना भी नीचे ही बैठे रहे. वहीं, दलित वर्ग से आने वाले कुछ पूर्व विधायक और प्रत्याशी को भी मंच पर स्थान नहीं मिला, जबकि जिला कार्यसमिति की बैठक में जिले के प्रमुख नेताओं को मंच पर स्थान मिलता है. शर्मा ने कहा कि मंच पर जिन वरिष्ठ नेताओं को स्थान नहीं मिला उनमें कुछ दलित समाज के भी है.

यह भी पढ़ेंः संयम लोढ़ा ने खोया 'संयम' तो बरपा हंगामा, स्पीकर ने मांगी विनय सहस्त्रबुद्धे से माफी

पूर्व मंत्री यहीं नहीं रुके, बल्कि अपने बयान में उन्होंने यहां तक कह दिया की मंच पर जो टेप चली उसमें अपनी ही हनुमान चालीसा और जीवनी पढ़ते रहे जिसमें यह भी बताया गया कि भैरों सिंह शेखावत के बाद सतीश ही दूसरे नंबर के व्यक्ति हैं, जिन्हें राजस्थान की भौगोलिक स्थिति के बारे में जानकारी है. पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा ने कहा कि अब पार्टी का क्या होगा, क्योंकि पार्टी विद डिफरेंस कहलाए जाने वाली भाजपा अब भगवान के भरोसे है और मुझे तो बहुत चिंता हो रही है.

बता दें, गलत बयान बाजी के लिए रोहिताश्व शर्मा को पिछले दिनों प्रदेश भाजपा संगठन ने नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा था, जिसका शर्मा ने जवाब दे दिया था. जिसे अनुशासन समिति को जांच के लिए सौंपा गया है. हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम के बाद भी रोहिताश्व शर्मा की बयान बाजी जारी है.

जयपुर. पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा के सुर एक बार फिर बदल गए हैं. अब शर्मा ने एक बयान जारी कर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के गुरुवार को हुए अलवर दौरे पर सवाल उठाए. शर्मा ने यहां तक कह दिया कि पूनिया के अलवर दौरे को लेकर जो उम्मीदे थी वो पूरी नहीं हुई. ऐसे में अब पार्टी विद डिफरेंस कहलाए जाने वाली भाजपा भगवान के भरोसे ही है और मुझे काफी चिंता भी हो रही है.

ये वही रोहिताश्व शर्मा हैं जिन्होंने डॉ. सतीश पूनिया के अलवर संगठनात्मक दौरे से ठीक 1 दिन पहले बयान जारी कर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का अलवर दौरे के दौरान स्वागत करने की बात कही थी, लेकिन अब जो बयान जारी हुआ है उसमें शर्मा अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं.

24 घंटे में बदल गए रोहिताश्व शर्मा

रोहिताश्व शर्मा ने जारी किए गए बयान में कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के अलवर दौरे को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को काफी उम्मीद थी कि वो पार्टी की आगामी रणनीति को लेकर कोई टिप्स देकर जाएंगे, जिससे राजस्थान में भाजपा का शासन आए और कांग्रेस का कुशासन उखड़ जाए, लेकिन जिस प्रकार उनका थानागाजी से दौरा शुरू हुआ, वहां उनके पांच चहेते लोग जो अगले चुनावों के लिए खुद को दावेदार बता रहे हैं, उन्हें कार्यक्रमों में अपनी स्ट्रेंथ दिखाने को कहा गया. शर्मा ने कहा कि इन पांचों ने अपनी ताकत भी दिखाई और अलग-अलग मंच से अध्यक्ष ने उनकी तारीफ भी की. शर्मा ने कहा कि इनमें एक तो क्रिमिनल भी था जो हिस्ट्रीशीटर है.

शर्मा ने कहा कि जब पूनिया अलवर पहुंचे तो वहां कार्यसमिति की बैठक में भी जिले के वरिष्ठ नेताओं की घोर उपेक्षा की गई और उन्हें मंच पर स्थान नहीं मिला. शर्मा ने कहा कि अध्यक्ष ने मनमर्जी से मंच पर कुछ लोगों को बैठा लिया, जबकि पूर्व मंत्री मंगलाराम कोली और हेम सिंह भडाना भी नीचे ही बैठे रहे. वहीं, दलित वर्ग से आने वाले कुछ पूर्व विधायक और प्रत्याशी को भी मंच पर स्थान नहीं मिला, जबकि जिला कार्यसमिति की बैठक में जिले के प्रमुख नेताओं को मंच पर स्थान मिलता है. शर्मा ने कहा कि मंच पर जिन वरिष्ठ नेताओं को स्थान नहीं मिला उनमें कुछ दलित समाज के भी है.

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पूर्व मंत्री यहीं नहीं रुके, बल्कि अपने बयान में उन्होंने यहां तक कह दिया की मंच पर जो टेप चली उसमें अपनी ही हनुमान चालीसा और जीवनी पढ़ते रहे जिसमें यह भी बताया गया कि भैरों सिंह शेखावत के बाद सतीश ही दूसरे नंबर के व्यक्ति हैं, जिन्हें राजस्थान की भौगोलिक स्थिति के बारे में जानकारी है. पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा ने कहा कि अब पार्टी का क्या होगा, क्योंकि पार्टी विद डिफरेंस कहलाए जाने वाली भाजपा अब भगवान के भरोसे है और मुझे तो बहुत चिंता हो रही है.

बता दें, गलत बयान बाजी के लिए रोहिताश्व शर्मा को पिछले दिनों प्रदेश भाजपा संगठन ने नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा था, जिसका शर्मा ने जवाब दे दिया था. जिसे अनुशासन समिति को जांच के लिए सौंपा गया है. हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम के बाद भी रोहिताश्व शर्मा की बयान बाजी जारी है.

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