जयपुर. प्रदेश में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए परिवहन विभाग की ओर से सड़क सुरक्षा माह चलाया जा रहा है और इस सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत परिवहन विभाग के समन्वय के साथ चलने वाले डिपार्टमेंट की ओर से कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं. जिसका मकसद आमजन के बीच में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाना है. साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी भी लेकर आना है.
सड़क दुर्घटनाओं की बात की जाए तो सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटना गांव को हाईवे से जुड़ने वाली सड़कों पर देखी जाती हैं. 2020 के आंकड़ों की बात की जाए तो कुल सड़क दुर्घटनाओं में से कुल 54% तक सड़क दुर्घटनाएं गांव की सड़कें जो हाइवे से जुड़ रही है उन पर दर्ज की गई है.
ईटीवी भारत की ओर से इस समस्या को लेकर परिवहन आयुक्त रवि जैन से सवाल भी किया गया. साथ ही उनसे जानने की भी कोशिश की गई कि इन रोड पर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने का प्रयास परिवहन विभाग की ओर से किस तरीके से किया जा रहा है.
इस दौरान परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बताया कि गांव की सड़कें जो नेशनल हाईवे से जुड़ी हुई सड़कें है. वह ज्यादातर एक्सीडेंटल पॉइंट है. क्योंकि नेशनल हाईवे पर तेज गति से वाहन चलते हैं और जो गांव की सड़कें नेशनल हाईवे से मिलती है. यदि वहां पर स्पीड ब्रेकर या किसी तरह की बैरिकेडिंग नहीं होती तो वहां पर कई बड़े हादसे देखने को मिलते हैं.
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परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बताया कि इसको जंक्शन इंप्रूवमेंट भी बोला जाता है. जैन ने बताया कि जंक्शन इंप्रूवमेंट की लिए रोड सेफ्टी फंड से ढाई हजार से भी ज्यादा इस तरह के जंक्शन इंप्रूवमेंट किए गए हैं. इसमें काफी हद तक जो लिंक रोड है जो हाईवे को गांव से जोड़ रहे हैं. वहां पर साइन बोर्ड लगा कर साथ ही स्पीड ब्रेकर बनाकर भी हादसों में कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है.
रवि जैन ने बताया कि करीब 5 हजार से भी ज्यादा इस तरह के ब्लैक स्पॉट आईडेंटिफाई परिवहन विभाग की ओर से कर भी लिए गए हैं. जैन ने कहा कि आने वाले दिनों में इन सभी ब्लैक स्पॉट का जंक्शन इंप्रूवमेंट भी परिवहन विभाग की ओर से रोड सेफ्टी फंड से कर दिया जाएगा. साथ ही उन सभी जगह पर लाइटिंग की व्यवस्था भी परिवहन विभाग की ओर से करवाई जाएगी.