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वैक्सीनेशन कम हुआ तो निजी चिकित्सालयों के वैक्सीनेशन सेंटर की मान्यता हो सकती है रद्द

अब वैक्सीनेशन कम होने पर निजी अस्पतालों को आवंटित वैक्सीनेशन सेंटर की मान्यता रद्द हो सकती है. जयपुर जिला कलेक्टर ने निजी चिकित्सालयों और इंसिडेंट कमांडर्स की हुई बैठक में यह निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही बीसीएमएचओ को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा.

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वैक्सीनेशन कम हुआ तो निजी चिकित्सालयों की वैक्सीनेशन सेंटर की मान्यता हो सकती है रद्द
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Published : Apr 3, 2021, 11:03 AM IST

जयपुर. कोविड वैक्सीनेशन कम रहने पर निजी चिकित्सालयों की वैक्सीनेशन सेंटर की मान्यता समाप्त करने और कम वैक्सीनेशन परिणाम देने वाले सभी बीसीएमएचओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने शुक्रवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में निजी चिकित्सालयों और इंसिडेंट कमांडर्स की हुई बैठक में यह निर्देश दिए.

जिला कलेक्टर नेहरा ने निजी चिकित्सालयों और इंसीडेंट कमांडर की बैठक में कहा कि सभी 45 साल से अधिक व्यक्तियों को कोविड वैक्सीन लगवाने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में सर्वोत्तम प्रयास करें ताकि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोका जा सके. उन्होंने कहा कि जयपुर जिले में 320 वैक्सीनेशन सेंटर्स बनाए गए हैं इन सेंटर्स पर 45 साल से अधिक 20 लाख से अधिक व्यक्तियों को कोविड वैक्सीन लगवाई जानी है.

नेहरा ने कहा कि जयपुर जिला वैक्सीनेशन के मामले में पिछड़ा हुआ है, वर्तमान गति से वैक्सीनेशन जारी रहा तो लक्ष्य पूरा करने में 6 महीने लगेंगे. यह स्थिति किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि कम से कम 80 से 90 हजार लोगों को जिले में रोजाना वैक्सीनेट कराना जरूरी है तब जाकर हम लगभग एक माह में यह लक्ष्य हासिल कर सकते हैं. राजकीय संस्थानों में अप्रैल महीने में राजकीय अवकाश के दिन भी कोविड वैक्सीन लगाई जाएगी. वैक्सीन पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है.

यह भी पढ़ें: ग्रेटर निगम में 500 स्थानों पर लगेंगे निशुल्क कोरोना वैक्सीन शिविर, घर-घर पहुंचाया जाएगा निमंत्रण पत्र

नेहरा ने कहा कि सभी इंसिडेंट कमांडर को भी पार्षदों के सहयोग से उनके वार्ड में अधिक से अधिक लोगों को कोविड वैक्सीन लगवाने के निर्देश दिए. बैठक में जिला कलेक्टर अंतर सिंह मेहरा ने कोविड-19 से जुड़े निजी चिकित्सालयों के संचालकों से उनके सेंटर पर कम वैक्सीनेशन का कारण पूछा और सभी समस्याओ को दूर करने के निर्देश दिए. निजी चिकित्सालयों के लिए वैक्सीनेशन के लिए 250 रुपये एवं कोविड टेस्ट के लिए 500 रुपये सरकार द्वारा तय की जा चुकी है. इसके अलावा पर्ची के साथ अन्य शुल्क नहीं जोड़ा जाए.

उन्होंने कहा कि ऐसे निजी चिकित्सालय जो वैक्सीनेशन में अधिक सहयोग नहीं कर रहे हैं. उनके यहां वैक्सीनेशन सेंटर रखने पर पुनर्विचार किया जा सकता है. आरसीएमएचओ प्रथम प्रवीण झरवाल ने कोविड प्रोटोकॉल की पालना नहीं करने वाली निजी चिकित्सालय से सेंटर हटाने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि चिकित्सालयों को कोविन सॉफ्टवेयर में उसी दिन वैक्सीनेशन का डाटा बिना सेशन खत्म किये ऑनलाइन करना जरूरी है. वैक्सीन की कोल्ड चैन मेंटेन रखे, खोले जाने के 4 घंटे के भीतर ही वायल का उपयोग किया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें: Rajasthan Corona Update: राजस्थान में कोरोना संक्रमण के 1422 नए मामले, कुल संक्रमित आंकड़ा 335921

इंसिडेंट कमांडर्स के साथ हुई बैठक में जिला कलेक्टर ने कहा कि पिछले वर्ष की तरह लॉकडाउन की स्थति पैदा नहीं हो इसके लिए तत्परता से काम करने की आवश्यकता है. अधिक से अधिक सेंपलिंग करवाने और शहरी क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव होने पर कांटेक्ट टेस्टिंग पर नजर रखने और एक छोटे क्षेत्र में 5 से अधिक लोगों के कोरोना पॉजिटिव आने पर माइक्रो कंटेनमेंट जोन लागू करवाने, बीट कॉन्स्टेबल एवं बीएलओ की सहायता से पॉजिटिव व्यक्ति को होम आइसोलेशन किया जाए.

इंसीडेंट कमांडर को कोविड वैक्सीनेशन का प्रतिशत बढ़ाने के लिए कार्य करने का भी निर्देश दिया.स्कूलों में लगातार आ रहे कोरोना पॉजिटिव बच्चों को लेकर कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कहा कि यदि कहीं ज्यादा बच्चे पॉजिटिव आएंगे तो राज्य सरकार से अनुमति लेकर कार्रवाई की जाएगी कुछ दिनों में बच्चों के वार्षिक परीक्षा संपन्न हो जाएगी और मई- जून में स्कूल वैसे ही बंद हो जाएगी सभी स्कूल 50% बच्चों को बुलाने नियम का पालन कर रहे हैं.

जयपुर. कोविड वैक्सीनेशन कम रहने पर निजी चिकित्सालयों की वैक्सीनेशन सेंटर की मान्यता समाप्त करने और कम वैक्सीनेशन परिणाम देने वाले सभी बीसीएमएचओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने शुक्रवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में निजी चिकित्सालयों और इंसिडेंट कमांडर्स की हुई बैठक में यह निर्देश दिए.

जिला कलेक्टर नेहरा ने निजी चिकित्सालयों और इंसीडेंट कमांडर की बैठक में कहा कि सभी 45 साल से अधिक व्यक्तियों को कोविड वैक्सीन लगवाने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में सर्वोत्तम प्रयास करें ताकि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोका जा सके. उन्होंने कहा कि जयपुर जिले में 320 वैक्सीनेशन सेंटर्स बनाए गए हैं इन सेंटर्स पर 45 साल से अधिक 20 लाख से अधिक व्यक्तियों को कोविड वैक्सीन लगवाई जानी है.

नेहरा ने कहा कि जयपुर जिला वैक्सीनेशन के मामले में पिछड़ा हुआ है, वर्तमान गति से वैक्सीनेशन जारी रहा तो लक्ष्य पूरा करने में 6 महीने लगेंगे. यह स्थिति किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि कम से कम 80 से 90 हजार लोगों को जिले में रोजाना वैक्सीनेट कराना जरूरी है तब जाकर हम लगभग एक माह में यह लक्ष्य हासिल कर सकते हैं. राजकीय संस्थानों में अप्रैल महीने में राजकीय अवकाश के दिन भी कोविड वैक्सीन लगाई जाएगी. वैक्सीन पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है.

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नेहरा ने कहा कि सभी इंसिडेंट कमांडर को भी पार्षदों के सहयोग से उनके वार्ड में अधिक से अधिक लोगों को कोविड वैक्सीन लगवाने के निर्देश दिए. बैठक में जिला कलेक्टर अंतर सिंह मेहरा ने कोविड-19 से जुड़े निजी चिकित्सालयों के संचालकों से उनके सेंटर पर कम वैक्सीनेशन का कारण पूछा और सभी समस्याओ को दूर करने के निर्देश दिए. निजी चिकित्सालयों के लिए वैक्सीनेशन के लिए 250 रुपये एवं कोविड टेस्ट के लिए 500 रुपये सरकार द्वारा तय की जा चुकी है. इसके अलावा पर्ची के साथ अन्य शुल्क नहीं जोड़ा जाए.

उन्होंने कहा कि ऐसे निजी चिकित्सालय जो वैक्सीनेशन में अधिक सहयोग नहीं कर रहे हैं. उनके यहां वैक्सीनेशन सेंटर रखने पर पुनर्विचार किया जा सकता है. आरसीएमएचओ प्रथम प्रवीण झरवाल ने कोविड प्रोटोकॉल की पालना नहीं करने वाली निजी चिकित्सालय से सेंटर हटाने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि चिकित्सालयों को कोविन सॉफ्टवेयर में उसी दिन वैक्सीनेशन का डाटा बिना सेशन खत्म किये ऑनलाइन करना जरूरी है. वैक्सीन की कोल्ड चैन मेंटेन रखे, खोले जाने के 4 घंटे के भीतर ही वायल का उपयोग किया जाना चाहिए.

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इंसिडेंट कमांडर्स के साथ हुई बैठक में जिला कलेक्टर ने कहा कि पिछले वर्ष की तरह लॉकडाउन की स्थति पैदा नहीं हो इसके लिए तत्परता से काम करने की आवश्यकता है. अधिक से अधिक सेंपलिंग करवाने और शहरी क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव होने पर कांटेक्ट टेस्टिंग पर नजर रखने और एक छोटे क्षेत्र में 5 से अधिक लोगों के कोरोना पॉजिटिव आने पर माइक्रो कंटेनमेंट जोन लागू करवाने, बीट कॉन्स्टेबल एवं बीएलओ की सहायता से पॉजिटिव व्यक्ति को होम आइसोलेशन किया जाए.

इंसीडेंट कमांडर को कोविड वैक्सीनेशन का प्रतिशत बढ़ाने के लिए कार्य करने का भी निर्देश दिया.स्कूलों में लगातार आ रहे कोरोना पॉजिटिव बच्चों को लेकर कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कहा कि यदि कहीं ज्यादा बच्चे पॉजिटिव आएंगे तो राज्य सरकार से अनुमति लेकर कार्रवाई की जाएगी कुछ दिनों में बच्चों के वार्षिक परीक्षा संपन्न हो जाएगी और मई- जून में स्कूल वैसे ही बंद हो जाएगी सभी स्कूल 50% बच्चों को बुलाने नियम का पालन कर रहे हैं.

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