जयपुर. राजस्थान विधानसभा में भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी को सदन से बाहर निकालने का प्रस्ताव बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही उप नेता प्रतिपक्ष के माफी मांगने के बाद वापस ले लिया गया. उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के सदन में स्पीकर को आश्वस्त किया कि अगर मंगलवार की घटना से सदन आहत हुआ है, तो हम ऐसा नहीं करेंगे.
दरअसल, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हम सभी की मान्यता है और कर्तव्य भी है कि आसन का सम्मान करें, यह एक संसदीय लोकतंत्र की आवश्यकता भी है, लेकिन कई बार ऐसे वाकये हो जाते हैं. उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण के समय माकपा विधायक बलवान पूनिया के बार बार विघ्न डालने का उदाहरण भी दिया, तो इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण के समय सदन में स्पीकर का अधिकार नहीं होता है, ऐसे में यह उदाहरण देना गलत है.इस पर राजेंद्र राठौड़ ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल से कहा कि संसदीय कार्य मंत्री का काम गतिरोध दूर करना होता है, इसलिए अपने आचरण को भी सुधारें. इसके साथ ही उन्होंने कुछ लाइनें भी सदन में बोली कि "गुस्सा छोड़ो कहा मानो और इन बंदों को भी अपना मानो" इस पर स्पीकर ने एक बार फिर खड़े होकर कहा कि पहले भाजपा अपने व्यवहार को लेकर बात कहें.
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इस पर राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हमें संकोच नहीं है कि जो हुआ वह गलत था. इस तरह की पुनरावृति न हो, हम इसका प्रयास करेंगे. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने फिर खड़े होकर कहा कि एक सीनियर विधायक का जो व्यवहार था, उसे लेकर आप अपनी बात रखें. क्योंकि, जो व्यवहार हुआ वह एक सीनियर सदस्य की ओर से हुआ है, अगर नया सदस्य होता तो वह यह बात नहीं उठाते. लेकिन, सीनियर की जिम्मेदारी ज्यादा होती है. ऐसे में आपको खेद प्रकट करना चाहिए. ऐसे में राजेंद्र राठौड़ ने सदन में खड़ा होकर कहा कि अगर आसन हवा आहत हुआ है, तो हम ऐसा नहीं करेंगे. इसके बाद सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू हो गई. दरअसल, मंगलवार को हुई विधानसभा की कार्यवाही में स्पीकर सीपी जोशी के कहने पर संसदीय कार्य मंत्री के प्रस्ताव पर 1 दिन के लिए सदन से निलंबित किया गया था और निलंबन समाप्त होने की शर्त यह रखी थी कि वह अपने कृत्य पर माफी मांगे. ऐसे में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के सदन के समक्ष यह कहने की अगर आसन सदस्य के व्यवहार से आहत हुआ है तो हम दोबारा ऐसा नहीं करेंगे. इसके बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई.