नई दिल्ली: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश जीएस संधावालिया को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है. वहीं, आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश नरेंद्र जी. को उत्तराखंड उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया हैं. केंद्र सरकार ने सोमवार को दोनों उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की.
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए भारत की राष्ट्रपति (द्रौपदी मुर्मू), भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के परामर्श के बाद दोनों मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हुए प्रसन्न हैं."
इस साल सितंबर में, सीजेआई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सिफारिश की थी कि जस्टिस नरेंद्र जी को 10 अक्टूबर 2024 को जस्टिस रितु बाहरी की सेवानिवृत्ति के बाद उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाए. जस्टिस नरेंद्र जी को 02 जनवरी 2015 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्हें 30 अक्टूबर 2023 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में ट्रांसफर कर दिया गया और तब से वे वहीं कार्यरत हैं.
कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश ने कहा था, "जस्टिस नरेंद्र जी अपने मूल उच्च न्यायालय में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपनी पदोन्नति से पहले, वह कर्नाटक उच्च न्यायालय के वकील थे. वह एक अनुभवी न्यायाधीश हैं, जिन्हें कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालयों के न्यायिक और प्रशासनिक पक्षों पर काफी अनुभव है. कॉलेजियम का मानना है कि जस्टिस नरेंद्र जी उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने के लिए सभी मामलों में उपयुक्त हैं."
सितंबर में, कॉलेजियम ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस संधावालिया के नाम की भी सिफारिश की थी. कॉलेजियम ने कहा था कि जस्टिस जीएस संधावालिया पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं और उन्हें 30 सितंबर 2011 को उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.
यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन लोकुर संयुक्त राष्ट्र आंतरिक न्याय परिषद के अध्यक्ष नियुक्त