जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को महिला अपराध अनुसंधान सेल में तैनात अस्मतखोर आरपीएस कैलाश बोहरा का मामला भी सदन में गूंजा. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने शून्यकाल में स्थगन के जरिए यह मामला उठाया.
राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि एक अधिकारी महिला से हर महीने 10 हजार रिश्वत लेता है और फिर उसकी अस्मत भी मांगता है. राठौड़ ने कहा कि अभी अलवर के खेड़ली की घटना की स्याही सूखी नहीं थी कि एक बार फिर पुलिस इस प्रकार के कलंकित करने वाले मामले में आरोपों के घेरे में आई.
राठौड़ ने कहा कि अगर पुलिस में इस तरह के काम होंगे तो परिवारी आखिर कहां जाएगा. राठौड़ ने कहा कैलाश बोहरा के खिलाफ सीबीआई में पहले से जांच चल रही है और एक मामला न्यायालय में भी विचाराधीन है, ऐसे में प्रदेश सरकार ने उसे इस तरह के महत्वपूर्ण पद पर तैनात ही आखिर क्यों किया. राजेंद्र राठौड़ ने इस दौरान यह भी कहा कि जब तक पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे नहीं होंगे तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी.
वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस दौरान कहा कि यह पक्ष और विपक्ष का सवाल नहीं है, क्योंकि जिस प्रकार की घटना हुई है और थाने में घटी है वो अपने आप में शर्मसार करने वाली है. कटारिया ने कहा कि सदन में चर्चा होने के बाद भी इस पर अगर कोई एक्शन नहीं होगा तो आपको और हमें जनता कभी माफ नहीं करेगी. ऐसे में स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल की तरफ इशारा किया, तब धारीवाल ने कहा कि आपने जवाब देने से मना कर रखा है, इस पर जोशी ने कहा कि आप बाद में जवाब दे दीजिएगा.