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मानव अधिकार आयोग ने जयपुर, जोधपुर, कोटा नगर निगम और डायरेक्टर डीएलबी को जारी किया नोटिस, यह है मामला.. - notice to Jaipur Municipal Corporation

मानव अधिकार आयोग ने जयपुर, जोधपुर, कोटा नगर निगम और डायरेक्टर डीएलबी को नोटिस जारी किया है. आयोग ने शहर में सफाई व्यवस्थाओं को लेकर नोटिस जारी किया है.

Rajasthan State Human Rights Commission
राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग
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Published : Oct 28, 2021, 4:53 PM IST

Updated : Oct 28, 2021, 5:18 PM IST

जयपुर. दीपावली से पहले शहर की सड़कों पर जमा कूड़े के ढेर और पटरी से उतरती सफाई व्यवस्था के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वपन नाथ संज्ञान लिया है. जिसके बाद आयोग ने स्थानीय निकाय निदेशक और जयपुर जोधपुर और कोटा नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी किया है. नोटिस के जरिए स्वायत्तशासी संस्थाओं को सफाई में सुधार कर 9 नवंबर तक पत्रावली आयोग में पेश करने के निर्देश दिए हैं.

आयोग अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास (GK Vyas) और सदस्य महेश गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश जारी किए. आदेश में लिखा गया कि नागरिकों को स्वच्छ वातावरण प्रदान करना स्वायत्तशासी संस्थाओं का मुख्य कर्तव्य है क्योंकि शहरों में नगर निगम नगर पालिका नगर परिषद आदि का गठन संविधान की परिधि में किया. तब जाकर जनप्रतिनिधियों के माध्यम से व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. आदेश में लिखा कि बढ़ती आबादी के कारण अधिक जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए वार्डों की संख्या में बढ़ोतरी भी की गई. इसके फलस्वरूप जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो नगर निगम भी बनाए गए. जयपुर में सफाई व्यवस्था के लिए करीब ढाई सौ वार्ड बनाए गए और जोधपुर कोटा में भी इसी प्रकार वार्डों की संख्या में बढ़ोतरी की गई. जिससे वहां सही प्रकार से सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके.

यह भी पढ़ें. DGGI का बड़ा एक्शन: मिराज समूह पर मारा छापा, करोड़ों की टैक्स चोरी का आरोप...मिले दस्तावेज

आयोग ने कहा कि वर्तमान समय में देश और प्रदेश में कोरोना के सी भयंकर महामारी का प्रकोप हो चुका है और तीसरी लहर का डर बना हुआ है. वहीं प्रदेश में डेंगू जैसी बीमारी भी अपने पांव पसार रही है. ऐसे में त्योहारों पर जहां जन समुदाय की भागीदारी अधिक होती है. वहां से समय-समय पर सफाई व्यवस्था सुचारु रुप से करने की जिम्मेदारी स्वायत्तशासी संस्थाओं की होती है. आयोग ने हाल ही में मीडिया में प्रसारित बेहाल सफाई व्यवस्था की खबरों का जिक्र करते हुए लिखा कि जयपुर में दो नगर निगम होने पर दीपावली पर्व नजदीक होने के बावजूद शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर बने हुए हैं लेकिन अफसर भी सुध नहीं ले रहे. ऐसे में आयोग ने राज्य के सभी शहरों के साथ जयपुर जोधपुर और कोटा के सभी नगर निगम के कमिश्नर को नोटिस जारी करते हुए निर्देशित किया कि जिन कंपनियों को सफाई का ठेका दिया गया है, उनको तुरंत सफाई करने के निर्देश ने हर क्षेत्र में पद स्थापित सफाई निरीक्षकों को निर्देश दे कि वो व्यक्तिगत रूप से वार्ड में निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था नियम अनुसार करवाएं.

आयोग ने यह भी कहा कि नगर निगम नगर परिषद नगर पालिका के आयुक्त और अधिकारी प्रत्येक वार्ड के चुनिंदा जनप्रतिनिधियों की ओर से सफाई के लिए बताई गई समस्या का समाधान भी तुरंत करवाने का प्रयास करें. वहीं जनप्रतिनिधियों से भी अपेक्षा की कि वह सफाई कर्मियों से संयम पूर्वक कार्य करवाएं.

जयपुर. दीपावली से पहले शहर की सड़कों पर जमा कूड़े के ढेर और पटरी से उतरती सफाई व्यवस्था के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वपन नाथ संज्ञान लिया है. जिसके बाद आयोग ने स्थानीय निकाय निदेशक और जयपुर जोधपुर और कोटा नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी किया है. नोटिस के जरिए स्वायत्तशासी संस्थाओं को सफाई में सुधार कर 9 नवंबर तक पत्रावली आयोग में पेश करने के निर्देश दिए हैं.

आयोग अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास (GK Vyas) और सदस्य महेश गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश जारी किए. आदेश में लिखा गया कि नागरिकों को स्वच्छ वातावरण प्रदान करना स्वायत्तशासी संस्थाओं का मुख्य कर्तव्य है क्योंकि शहरों में नगर निगम नगर पालिका नगर परिषद आदि का गठन संविधान की परिधि में किया. तब जाकर जनप्रतिनिधियों के माध्यम से व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. आदेश में लिखा कि बढ़ती आबादी के कारण अधिक जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए वार्डों की संख्या में बढ़ोतरी भी की गई. इसके फलस्वरूप जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो नगर निगम भी बनाए गए. जयपुर में सफाई व्यवस्था के लिए करीब ढाई सौ वार्ड बनाए गए और जोधपुर कोटा में भी इसी प्रकार वार्डों की संख्या में बढ़ोतरी की गई. जिससे वहां सही प्रकार से सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके.

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आयोग ने कहा कि वर्तमान समय में देश और प्रदेश में कोरोना के सी भयंकर महामारी का प्रकोप हो चुका है और तीसरी लहर का डर बना हुआ है. वहीं प्रदेश में डेंगू जैसी बीमारी भी अपने पांव पसार रही है. ऐसे में त्योहारों पर जहां जन समुदाय की भागीदारी अधिक होती है. वहां से समय-समय पर सफाई व्यवस्था सुचारु रुप से करने की जिम्मेदारी स्वायत्तशासी संस्थाओं की होती है. आयोग ने हाल ही में मीडिया में प्रसारित बेहाल सफाई व्यवस्था की खबरों का जिक्र करते हुए लिखा कि जयपुर में दो नगर निगम होने पर दीपावली पर्व नजदीक होने के बावजूद शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर बने हुए हैं लेकिन अफसर भी सुध नहीं ले रहे. ऐसे में आयोग ने राज्य के सभी शहरों के साथ जयपुर जोधपुर और कोटा के सभी नगर निगम के कमिश्नर को नोटिस जारी करते हुए निर्देशित किया कि जिन कंपनियों को सफाई का ठेका दिया गया है, उनको तुरंत सफाई करने के निर्देश ने हर क्षेत्र में पद स्थापित सफाई निरीक्षकों को निर्देश दे कि वो व्यक्तिगत रूप से वार्ड में निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था नियम अनुसार करवाएं.

आयोग ने यह भी कहा कि नगर निगम नगर परिषद नगर पालिका के आयुक्त और अधिकारी प्रत्येक वार्ड के चुनिंदा जनप्रतिनिधियों की ओर से सफाई के लिए बताई गई समस्या का समाधान भी तुरंत करवाने का प्रयास करें. वहीं जनप्रतिनिधियों से भी अपेक्षा की कि वह सफाई कर्मियों से संयम पूर्वक कार्य करवाएं.

Last Updated : Oct 28, 2021, 5:18 PM IST
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