जयपुर. राजस्थान और पंजाब दोनों ही कांग्रेस शासित राज्यों में सियासी तनातनी जारी है. राजस्थान में गहलोत बनाम सचिन पायलट तो पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू ने मोर्चा खोल रखा है. दोनों राज्यों में जारी सियासी उबाल के बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार सुबह कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) से मुलाकात की है.
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इस मुलाकात के बीच अटकलों का दौर शुरू हो गया कि अब सचिन पायलट की भी प्रियंका से मुलाकात हो सकती है, जिसमें राजस्थान में जारी सियासी संकट को लेकर चर्चा हो सकती है. लेकिन, ये अटकलें राजनीतिक गलियारों में ज्यादा देर तक ठहर नहीं सकीं. अटकलों पर विराम उस समय लग गया जब सचिन पायलट (Sachin Pilot) जयपुर लौट आए.
मुलाकात की चर्चा महज अफवाह
पायलट का जयपुर में शनिवार तक रुकने का कार्यक्रम है. ऐसे में प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) से उनकी मुलाकात की चर्चा महज अफवाह ही साबित हुई. इससे पहले राजनीतिक हलकों में पायलट की राहुल गांधी के साथ मुलाकात होने को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म रहा. लेकिन इन चर्चाओं के बीच मुलाकात को लेकर किसी भी तरह की अधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी.
पायलट नहीं 6 कांग्रेस नेता पहुंचे माकन से मिलने
राजस्थान में जारी सियासी घमासान (Rajasthan political turmoil) के बीच अभी सचिन पायलट (Sachin Pilot) की प्रियंका गांधी से मुलाकात नहीं हो सकी है. लेकिन, हाल में 15 कांग्रेसी नेता राजस्थान में निर्दलीय विधायकों को दी जा रही तवज्जो के खिलाफ विरोध का स्वर मुखर कर दिया. इन 15 नेताओं ने इस मामले में सोनिया गांधी को 22 जून को पत्र लिखकर शिकायत की थी. पत्र लिखने वालों में से 6 कांग्रेसी नेता इस संबंध में राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन से मिलने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं. इन नेताओं ने अजय माकन से मुलाकात का समय मांगा है. माना जा रहा है कि इन कांग्रेसी नेताओं की माकन से अगले एक-दो दिन में मुलाकात हो सकती है.
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कांग्रेस नेता बोले- जिन्होंने हमें हराया उसे तवज्जो
2018 में कांग्रेस के विधानसभा प्रत्याशी रहे नेताओं ने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि जिन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को हराने का काम किया उन्हें आज सरकार में इतनी तवज्जो मिल रही है. इससे भी ज्यादा नाराजगी उन्होंने इस बात पर जताई कि जो निर्दलीय विधायक 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर चुनाव जीते, उनके कहे जाने के अनुसार ही पंचायत के चुनाव में टिकट बांटे गए. उन्होंने ऐसे प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाया, जिन्होंने विधानसभा चुनाव में खुलकर कांग्रेस की मुखालफत की थी. ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ता हताश है और यही बात करने वे दिल्ली अजय माकन से मिलने पहुंचे हैं.
इन नेताओं ने लिखा था सोनिया गांधी को पत्र
मनीष यादव, सुभाष मील, राजेश अग्रवाल, दौलत सिंह मीणा, भगवान राम सैनी, सुनील कुमार शर्मा, अजय बोहरा, रितेश बेरवा, जीवाराम, मुरारीलाल, दर्शन सिंह, हिमांशु कटारा, अशोक कुमार चांडक और डॉक्टर करण सिंह यादव. इनमें से 6 नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं, जिनमें मनीष यादव, सुभाष मील और दौलत सिंह मीणा शामिल हैं.