जयपुर. राजस्थान पटवार संघ के बैनर तले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे पटवारियों का सब्र अब जवाब देने लगा है. ग्रेड पे 3600 सहित अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर पटवारी अब राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाएंगे. इससे पहले मांगों को पूरा करने के लिए राज्यपाल, मुख्यमंत्री व संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों को पत्र भी भेजा गया है. यह जानकारी राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र निमिवाल ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर दी.
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राजस्थान में पटवारी पिछले 19 महीने से गांधीवादी तरीके से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. पटवारियों की कई बार सरकार से वार्ता भी हो चुकी है लेकिन वो किसी नतीजे पर नहीं पहुंची. 15 फरवरी से शहीद स्मारक पर प्रदेशभर के पटवारियों ने धरना प्रदर्शन भी किया था. लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते यह धरना प्रदर्शन कर स्थगित कर दिया गया था. शहीद स्मारक पर पटवारियों ने सद्बुद्धि यज्ञ किया, काली पट्टी बांधकर विरोध जताया, पेन डाउन हड़ताल भी की और जिला मुख्यालय पर मूक रैली भी निकाली.
5 हजार अतिरिक्त पटवार मंडलों का बहिष्कार भी पटवारियों की ओर से किया जा रहा है. जहां कोविड के अलावा अन्य कार्य काम ठप पड़े हैं. इसके बावजूद सरकार पटवारियों की मांग नहीं मान रही है. 28 अप्रैल 2018 को हुए समझौते को लागू करने को लेकर पटवारी लगातार आंदोलन कर रहे हैं. राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र निमिवाल ने बताया कि पटवारियों को फिलहाल 20800 रुपये का वेतनमान दिया जा रहा है. सातवें वेतनमान में भी पटवारियों का वेतन बढ़ने के स्थान पर घटा दिया गया.
राजस्थान पटवार संघ ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, राजस्व मंत्री, राजस्व मंडल के अध्यक्ष, प्रमुख शासन सचिव राजस्व विभाग को वेतन विसंगति दूर करने का पत्र भेजा और उन्हें 4 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया है. इसके बाद राज्य के राजस्व, उपनिवेशन, सिंचाई एवं भू प्रबंध विभाग के पटवारियों को इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की गुहार भी लगाई जाएगी. इस संबंध में आज ही सबको ई-मेल से पत्र भेज दिया गया है.
राजस्थान के सभी उपखंड अधिकारियों को 29 जून और जिला कलेक्टरों को जिला शाखाओं द्वारा 30 जून को इस आशय का पत्र सौंपा जाएगा. 4 जुलाई तक यदि इस संबंध में सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाए जाते हैं तो 5 जुलाई को प्रदेश महासमिति का आयोजन करके पूर्ण कार्य बहिष्कार जैसे अन्य कठोर कदम उठाए जाएंगे और राज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई जाएगी. राजेंद्र निमिवाल ने कहा कि सरकार मांगों को लेकर बात नहीं करती, वह दूसरे मुद्दों को लेकर वार्ता करना चाहती है जिस पर पटवार संघ सहमत नहीं है.