ETV Bharat / city

निजी उपयोग के लिए पाली गई गाय को नहीं माना जा सकता डेयरी संचालन: हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि कोई व्यक्ति अपने निजी उपयोग के लिए गाय, भैंस या अन्य कोई पशु पालता है तो उसका पानी और बिजली का कनेक्शन इस आधार पर नहीं काटा जा सकता. वहीं अदालत ने नगर निगम को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ताओं का बिजली कनेक्शन दोबारा बहाल करने के लिए कहा है.

राजस्थान न्यूज, जयपुर न्यूज, rajasthan news, jaipur news
निजी उपयोग के लिए पाली गई गाय को नहीं माना जा सकता डेयरी संचालन
author img

By

Published : Jul 10, 2020, 5:04 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिका जारी करते हुए कहा है कि यदि कोई व्यक्ति अपने निजी उपयोग के लिए गाय, भैंस या अन्य कोई पशु पालता है तो उसका पानी, बिजली का कनेक्शन इस आधार पर नहीं काटा जा सकता है. इसके साथ ही अदालत ने नगर निगम को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ताओं का बिजली कनेक्शन पुनः बहाल करने को कहा हैं.

न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश बंशीलाल और गोविंद नारायण की ओर से दायर याचिका पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि निजी जरूरत के लिए गाय पालना भारतीय जीवन की पुरानी परंपरा रही है और कोई व्यक्ति किसी को इस पुरानी परंपरा को मानने से नहीं रोक सकता.

इसके साथ ही घर में एक गाय या पशु को गौशाला की परिभाषा में नहीं माना जा सकता. अदालत ने अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता को निगम की ओर से यह बताने को कहा है कि गौशाला की परिभाषा में क्या-क्या शामिल होता है. इसके अलावा अदालत ने अतिरिक्त महाधिवक्ता से यह भी पूछा है कि क्या घर में एक गाय को पालने को भी डेयरी संचालन बताकर खंडपीठ के आदेश की पालना में उसका बिजली का कनेक्शन काटा जा सकता है.

पढ़ें: जयपुर एयरपोर्ट से 7 फ्लाइटें रद्द, एयर इंडिया ने किया शेड्यूल में बदलाव

याचिका में कहा गया कि उन्होंने अपनी जरूरत के लिए एक पशु पाल रखा है. वहीं गत दिनों नगर निगम ने इसे डेयरी संचालक बताते हुए बिजली का कनेक्शन काट दिया. जबकि उसने अपने घरेलू आवश्यकता के लिए ही एक पशु पाल रखा है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के काटे गए बिजली कनेक्शन बहाल करने के आदेश देते हुए निगम से गौशाला और डेयरी को लेकर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिका जारी करते हुए कहा है कि यदि कोई व्यक्ति अपने निजी उपयोग के लिए गाय, भैंस या अन्य कोई पशु पालता है तो उसका पानी, बिजली का कनेक्शन इस आधार पर नहीं काटा जा सकता है. इसके साथ ही अदालत ने नगर निगम को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ताओं का बिजली कनेक्शन पुनः बहाल करने को कहा हैं.

न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश बंशीलाल और गोविंद नारायण की ओर से दायर याचिका पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि निजी जरूरत के लिए गाय पालना भारतीय जीवन की पुरानी परंपरा रही है और कोई व्यक्ति किसी को इस पुरानी परंपरा को मानने से नहीं रोक सकता.

इसके साथ ही घर में एक गाय या पशु को गौशाला की परिभाषा में नहीं माना जा सकता. अदालत ने अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता को निगम की ओर से यह बताने को कहा है कि गौशाला की परिभाषा में क्या-क्या शामिल होता है. इसके अलावा अदालत ने अतिरिक्त महाधिवक्ता से यह भी पूछा है कि क्या घर में एक गाय को पालने को भी डेयरी संचालन बताकर खंडपीठ के आदेश की पालना में उसका बिजली का कनेक्शन काटा जा सकता है.

पढ़ें: जयपुर एयरपोर्ट से 7 फ्लाइटें रद्द, एयर इंडिया ने किया शेड्यूल में बदलाव

याचिका में कहा गया कि उन्होंने अपनी जरूरत के लिए एक पशु पाल रखा है. वहीं गत दिनों नगर निगम ने इसे डेयरी संचालक बताते हुए बिजली का कनेक्शन काट दिया. जबकि उसने अपने घरेलू आवश्यकता के लिए ही एक पशु पाल रखा है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के काटे गए बिजली कनेक्शन बहाल करने के आदेश देते हुए निगम से गौशाला और डेयरी को लेकर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.