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Rajasthan High Court: हनी ट्रैप में फंसाकर अपहरण और हत्या के मामले में प्रिया सेठ को जमानत नहीं - युवक की हत्या

राजस्थान हाई कोर्ट ने युवक को हनी ट्रैप में फंसाकर अपहरण करने के बाद उसकी हत्या के मामले में आरोपी प्रिया सेठ की द्वितीय जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश दिए.

राजस्थान हाई कोर्ट, Rajasthan High Court
हनी ट्रैप की आरोपी को नहीं मिली जमानत
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Published : Jul 27, 2021, 7:04 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने युवक को हनी ट्रैप में फंसाकर अपहरण करने के बाद उसकी हत्या के मामले में आरोपी प्रिया सेठ की द्वितीय जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश दिए.

पढ़ेंः राजस्थान हाई कोर्ट ने टोंक कलेक्टर को अवमानना नोटिस जारी कर मांगा जवाब

इससे पूर्व गत वर्ष 6 जुलाई को भी आरोपी युवती की जमानत खारिज हो चुकी है. जमानत अर्जी में कहा गया कि प्रकरण में याचिकाकर्ता सहित दीक्षांत कामरा और लक्ष्य वालिया पर हत्या और साक्ष्य मिटाने को लेकर आरोप तय हो चुके हैं.

हाई कोर्ट पूर्व में लक्ष्य वालिया को जमानत पर रिहा कर चुका है. इसके अलावा पिछले करीब सौलह माह से प्रकरण में एक भी गवाह के बयान दर्ज नहीं हुए हैं. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील शेरसिंह महला ने कहा कि प्रिया सेठ के फ्लैट में ही युवक दुष्यंत की हत्या हुई है. याचिकाकर्ता ने पहले उससे दोस्ती की और बाद में उसे घर बुलाकर अपहरण कर लिया.

पढ़ेंः स्टेनोग्राफर भर्ती 2018 मामले में हाईकोर्ट ने एसएससी और कार्मिक विभाग से मांगा जवाब

याचिकाकर्ता ने मृतक के पिता को फोन कर दस लाख रुपए की फिरौती मांगी और मई 2018 में अपने साथी युवकों के साथ मिलकर दुष्यंत की हत्या करने के बाद लाश को सूटकेस में डालकर आमेर की पहाड़ियों में फेंक दिया.

सरकार की ओर से कहा गया कि मामले में 42 में से 30 गवाहों के बयान हो चुके हैं. ऐसे में प्रकरण की जल्दी ही ट्रायल पूरी होने वाली है. इसलिए आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने युवक को हनी ट्रैप में फंसाकर अपहरण करने के बाद उसकी हत्या के मामले में आरोपी प्रिया सेठ की द्वितीय जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश दिए.

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इससे पूर्व गत वर्ष 6 जुलाई को भी आरोपी युवती की जमानत खारिज हो चुकी है. जमानत अर्जी में कहा गया कि प्रकरण में याचिकाकर्ता सहित दीक्षांत कामरा और लक्ष्य वालिया पर हत्या और साक्ष्य मिटाने को लेकर आरोप तय हो चुके हैं.

हाई कोर्ट पूर्व में लक्ष्य वालिया को जमानत पर रिहा कर चुका है. इसके अलावा पिछले करीब सौलह माह से प्रकरण में एक भी गवाह के बयान दर्ज नहीं हुए हैं. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील शेरसिंह महला ने कहा कि प्रिया सेठ के फ्लैट में ही युवक दुष्यंत की हत्या हुई है. याचिकाकर्ता ने पहले उससे दोस्ती की और बाद में उसे घर बुलाकर अपहरण कर लिया.

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याचिकाकर्ता ने मृतक के पिता को फोन कर दस लाख रुपए की फिरौती मांगी और मई 2018 में अपने साथी युवकों के साथ मिलकर दुष्यंत की हत्या करने के बाद लाश को सूटकेस में डालकर आमेर की पहाड़ियों में फेंक दिया.

सरकार की ओर से कहा गया कि मामले में 42 में से 30 गवाहों के बयान हो चुके हैं. ऐसे में प्रकरण की जल्दी ही ट्रायल पूरी होने वाली है. इसलिए आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.

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