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Rajasthan High Court: अधिवक्ता और उसके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता वकील और उसके (Rajasthan High Court gave instructions) परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश पुलिस प्रशासन को दिए हैं. यह आदेश जस्टिस सुदेश बंसल की अवकाशकालीन एकलपीठ ने दिया है.

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Published : Jun 17, 2022, 6:38 PM IST

The petitioner told the threat of life,  Appealed to the High Court regarding security
राजस्थान हाईकोर्ट.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस प्रशासन को आदेश दिए हैं कि (Rajasthan High Court gave instructions) वह याचिकाकर्ता वकील और उसके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराए. अदालत ने कहा कि वकील के घर पर पुलिसकर्मी तैनात किया जाएं और पीसीआर वेन वहां नियमित गश्त लगाए. जस्टिस सुदेश बंसल की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश अधिवक्ता चित्रांक शर्मा की याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि गत 14 जून की देर रात कार सवार कुछ लोगों ने याचिकाकर्ता के घर पत्थर फैंके. जिसके चलते घर की खिड़कियां और कार क्षतिग्रस्त हो गई. इसके अलावा उसके मोबाइल पर धमकी भरे कॉल भी आ रहे हैं. फोन करने वाला अपने आप को जेल की बैरक नंबर छह का बंदी बता रहा है. इसके अलावा फोन करने वाले ने उसके इशारे पर ही घर पर पत्थर फेंकने की बात कही. याचिका में कहा गया कि घटना को लेकर याचिकाकर्ता ने खो नागोरियान में एफआईआर भी दर्ज कराई, लेकिन अब तक मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है. ऐसे में याचिकाकर्ता और उसके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता और उसके परिजनों को सुरक्षा देने के आदेश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस प्रशासन को आदेश दिए हैं कि (Rajasthan High Court gave instructions) वह याचिकाकर्ता वकील और उसके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराए. अदालत ने कहा कि वकील के घर पर पुलिसकर्मी तैनात किया जाएं और पीसीआर वेन वहां नियमित गश्त लगाए. जस्टिस सुदेश बंसल की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश अधिवक्ता चित्रांक शर्मा की याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि गत 14 जून की देर रात कार सवार कुछ लोगों ने याचिकाकर्ता के घर पत्थर फैंके. जिसके चलते घर की खिड़कियां और कार क्षतिग्रस्त हो गई. इसके अलावा उसके मोबाइल पर धमकी भरे कॉल भी आ रहे हैं. फोन करने वाला अपने आप को जेल की बैरक नंबर छह का बंदी बता रहा है. इसके अलावा फोन करने वाले ने उसके इशारे पर ही घर पर पत्थर फेंकने की बात कही. याचिका में कहा गया कि घटना को लेकर याचिकाकर्ता ने खो नागोरियान में एफआईआर भी दर्ज कराई, लेकिन अब तक मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है. ऐसे में याचिकाकर्ता और उसके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता और उसके परिजनों को सुरक्षा देने के आदेश दिए हैं.

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