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70 फीसदी ट्यूशन फीस वसूलने पर लगी रोक 12 तक बढ़ाई गई

राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूलों की ओर से फीस वसूलने के मामले में ट्यूशन फीस का 70 फीसदी वसूलने पर लगी रोक को 12 तक अक्टूबर तक बढ़ा दिया है.

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Published : Oct 9, 2020, 3:26 PM IST

ट्यूशन फीस वसूलने पर रोक, Prohibition collection tuition fees
ट्यूशन फीस वसूलने पर रोक

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की ओर से फीस वसूलने के मामले में ट्यूशन फीस का 70 फीसदी वसूलने के एकलपीठ के आदेश पर लगी रोक को 12 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है. न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता और न्यायाधीश महेंद्र कुमार गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिया.

शुक्रवार को मामले की सुनवाई को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ने के तत्काल बाद खंडपीठ ने बिना किसी अधिवक्ता की बहस सुने मामले की सुनवाई 12 अक्टूबर तक टालते हुए अंतरिम आदेश को बरकरार रखा है. यानी की खंडपीठ के पूर्व में दिए आदेश के तहत 12 अक्टूबर को कोई भी निजी स्कूल संचालक ना तो किसी विद्यार्थी से फीस वसूल कर सकेगा और ना ही फीस नहीं देने पर विद्यार्थी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ेंः प्रदेश में 12 अक्टूबर से एंबुलेंस सेवा हो सकती है ठप

गौरतलब है की हाईकोर्ट की एकलपीठ ने गत 7 सितंबर को प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए निजी स्कूल संचालकों को छूट दी थी कि वह ट्यूशन फीस का 70 फीसदी अभिभावकों से वसूल कर सकते हैं. इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से खंडपीठ में अपील दायर की गई थी. जिसमें कहा गया कि एकलपीठ ने बिना किसी परीक्षण किए 70 फीसदी ट्यूशन फीस वसूलने का आदेश दे दिया, लेकिन दूसरी ओर एकलपीठ ने राज्य सरकार के स्कूल नहीं खुलने तक फीस स्थगित करने के आदेश पर भी रोक नहीं लगाई. इसके अलावा बिना प्रभावी पढ़ाई कराएं, इस तरह फीस वसूलना गलत है. ऐसे में एकलपीठ के आदेश को रद्द किया जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की ओर से फीस वसूलने के मामले में ट्यूशन फीस का 70 फीसदी वसूलने के एकलपीठ के आदेश पर लगी रोक को 12 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है. न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता और न्यायाधीश महेंद्र कुमार गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिया.

शुक्रवार को मामले की सुनवाई को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ने के तत्काल बाद खंडपीठ ने बिना किसी अधिवक्ता की बहस सुने मामले की सुनवाई 12 अक्टूबर तक टालते हुए अंतरिम आदेश को बरकरार रखा है. यानी की खंडपीठ के पूर्व में दिए आदेश के तहत 12 अक्टूबर को कोई भी निजी स्कूल संचालक ना तो किसी विद्यार्थी से फीस वसूल कर सकेगा और ना ही फीस नहीं देने पर विद्यार्थी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

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गौरतलब है की हाईकोर्ट की एकलपीठ ने गत 7 सितंबर को प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए निजी स्कूल संचालकों को छूट दी थी कि वह ट्यूशन फीस का 70 फीसदी अभिभावकों से वसूल कर सकते हैं. इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से खंडपीठ में अपील दायर की गई थी. जिसमें कहा गया कि एकलपीठ ने बिना किसी परीक्षण किए 70 फीसदी ट्यूशन फीस वसूलने का आदेश दे दिया, लेकिन दूसरी ओर एकलपीठ ने राज्य सरकार के स्कूल नहीं खुलने तक फीस स्थगित करने के आदेश पर भी रोक नहीं लगाई. इसके अलावा बिना प्रभावी पढ़ाई कराएं, इस तरह फीस वसूलना गलत है. ऐसे में एकलपीठ के आदेश को रद्द किया जाए.

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