जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल व्याख्याता कृषि भर्ती-2018 के मामले में प्रमुख शिक्षा सचिव, कार्मिक सचिव और आरपीएससी सचिव से पूछा है कि अभ्यर्थी नेट उत्तीर्ण है तो उसे बीएड नहीं होने के आधार पर भर्ती प्रक्रिया में शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश संतोष कुमार मीणा की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता आरडी मीणा ने अदालत को बताया कि राजस्थान अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियम,1970 में कृषि विषय के स्कूल व्याख्याता पद के लिए इस विषय में पीजी डिग्री होना ही पर्याप्त था. वहीं वर्ष 2012 में इस नियम में संशोधन कर पीजी डिग्री के साथ बीएड भी अनिवार्य कर दिया गया.
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याचिका में संशोधन नियम को चुनौती देते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता कृषि से पीजी के अलावा नेट परीक्षा भी उत्तीर्ण है. इसके बावजूद उसे व्याख्याता भर्ती में यह कहते हुए बाहर कर दिया कि उसके पास बीएड की डिग्री नहीं है. याचिका में यह भी कहा गया कि जिन विषयों से उसने कृषि में स्नातक किया है, उन विषयों से बीएड होता ही नहीं है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.