जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 के दौरान ऑनलाइन क्लास चलाने वाले स्कूलों के आरटीई एक्ट के तहत पुनर्भुगतान राशि प्राप्त करने के लिए (Rajasthan High Court asked why the order was not followed) अदालती आदेश के बावजूद दस दिन के लिए पोर्टल नहीं खोलने पर नाराजगी जताई है.
अदालत ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक कानाराम को कहा है कि वह डीईओ के जरिए चार सप्ताह में स्कूलों से ऑफलाइन आवेदन मांग कर गत 16 दिसंबर को दिए आदेश की पालना सुनिश्चित करें. अदालत ने कहा है निदेशक शपथ पत्र पेश कर बताएं कि अब तक आदेश की पालना नहीं करने के क्या कारण रहे?. अदालत ने चेतावनी दी है कि शपथ पत्र से अदालत संतुष्ट नहीं हुई तो इस संबंध में आदेश पारित किए जाएंगे. वहीं अदालत ने शपथ पत्र पेश नहीं होने की स्थिति में निदेशक को 19 अप्रैल को हाजिर होने को कहा है. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश स्कूल क्रांति संघ की अवमानना याचिका पर दिए. अदालत ने कहा कि अफसर जानबूझकर अदालती आदेश की पालना नहीं कर रहे हैं.
अवमानना याचिका में कहा गया कि आरटीई राशि के पुनर्भुगतान के लिए अदालत ने गत 16 दिसंबर को राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि वह प्रार्थी संघ के लिए 10 से 20 दिसंबर की अवधि में पोर्टल को खोले और उनके ऑफलाइन दावे भी स्वीकार करे. इसके बावजूद विभाग ने आदेश की पालना नहीं की. वहीं अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान विभाग की ओर से कहा गया कि एकलपीठ के आदेश के खिलाफ विभाग की ओर से पेश अपील को खंडपीठ खारिज कर चुकी है. ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की जाएगी. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने शिक्षा निदेशक को निर्देश जारी किए हैं.