जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट केन्द्र और राज्य सरकार से पूछा है कि पानी की कमी को देखते हुए वाहनों की धुलाई में ड्राई वॉश तकनीक का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है? मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा ने यह आदेश सेवा फाउंडेशन की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता माही यादव ने अदालत को बताया कि सर्विस स्टेशन सहित अन्य स्थानों पर वाहनों की धुलाई के लिए पानी का उपयोग किया जाता है. एक कार की धुलाई में कम से कम सवा सौ लीटर पानी का उपयोग किया जाता है. याचिका में कहा गया कि प्रदेश में हमेशा पेयजल संकट रहता है.
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ऐसे में सरकार को यह निर्देश दिए जाएं कि वह वाहनों की धुलाई के लिए ड्राई वॉश तकनीक को अनिवार्य करे. इस तकनीक से वाहन पर विशेष प्रकार का फॉम लगाकर बाद में उसे विशेष कपड़े से साफ कर दिया जाता है, इसके जरिए की गई सफाई भी पानी से की गई धुलाई के समान ही होती है, जबकि इस तकनीक में पानी का उपयोग भी नहीं किया जाता.
याचिका में गुहार की गई है कि बढ़ते पेयजल संकट को देखते हुए ड्राई वॉश तकनीक को अनिवार्य किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने केन्द्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.