जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वरीयता में आने के बावजूद RTE के तहत छात्र को प्रवेश नहीं देने पर राज्य सरकार और कोटा के निजी स्कूल से जवाब मांगा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश जिबरील की अपने अभिभावक के जरिए दायर याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि आरटीई के तहत 25 फीसदी सीटों पर वंचित तबके के विद्यार्थियों को निशुल्क प्रवेश दिया जाता है. याचिकाकर्ता ने कोटा के निजी स्कूल में आरटीई के तहत आवेदन किया था लेकिन वरीयता में आने के बावजूद उसे प्रवेश नहीं दिया गया.
यह भी पढ़ें. बुधवाली को वक्फ बोर्ड चेयरमैन पद के चुनाव में शामिल करने पर रोक, जानिये पूरा माजरा
याचिका में यह भी बताया गया कि स्कूल संचालक को विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से 33 सीटों पर आरटीई के तहत प्रवेश देना था, लेकिन संचालक ने सिर्फ 18 सीटों पर ही प्रवेश दिया. याचिका में गुहार की गई है कि याचिकाकर्ता को आरटीई के तहत प्रवेश दिलाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.