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राजस्थान सरकार ऊंट संरक्षण अधिनियम 2015 में करेगी परिवर्तन, मंत्री कटारिया बोले- आज तक पता नहीं लगा कि ऊंट को राजकीय पशु क्यों घोषित किया गया

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Published : Sep 17, 2021, 12:53 PM IST

Updated : Sep 17, 2021, 1:31 PM IST

राजस्थान सरकार ऊंट संरक्षण अधिनियम 2015 में परिवर्तन करेगी. विधानसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि मुझे आज तक पता नहीं लगा कि ऊंट को राजकीय पशु क्यों घोषित किया गया.

camel protection, Lalchand Kataria
मंत्री लालचंद कटारिया

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज राजकीय पशु ऊंट को लेकर लगे सवाल में विधायक अमीन खान ने मंत्री लालचंद कटारिया से पूछा कि क्या कारण है कि ऊंट को संरक्षित पशु घोषित किया गया. जबकि इससे ऊंटों को नुकसान हो रहा है. इसके जवाब में मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि ऊंट संरक्षण अधिनियम 2015 लागू होने के बाद न तो ऊंटों को राज्य से बाहर ले जा सकते हैं और न ही उनसे माल ढुलाई की जा सकती है.

पढ़ें-मोदी सरकार महात्मा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की घोषणा करें, पेट्रोल-डीजल को लाए जीएसटी के दायरे में: खाचरियावास

ऐसे में ऊंटों के संरक्षण के लिए हमें कुछ न कुछ करना होगा. कटारिया ने कहा कि अगले सत्र में कमेटी ने जो फैसला किया है उसके अनुसार हम अधिनियम 2015 में संशोधन करेंगे. उसमें यह तय करेंगे कि ऊंट की आवाजाही रहे और ऊंट का रखरखाव किसान अपने घर में कर सके. कटारिया ने कहा कि ऊंट के रखरखाव ऊंट पालक और खेतों में काम करने वाले किसान थे, लेकिन अब इस अधिनियम के कारण उन्होंने ऊंट से नाता तोड़ लिया है. ऐसे में इस अधिनियम में संशोधन किया जाएगा.

राजस्थान सरकार ऊंट संरक्षण अधिनियम 2015 में करेगी परिवर्तन

इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने मंत्री लालचंद कटारिया से पूछा कि ऊंट को राजकीय पशु घोषित करने का क्या फायदा और क्या नुकसान है. इस पर जवाब देते हुए मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि ऊंट को राजकीय पशु 2015 में घोषित किया गया, लेकिन मुझे भी आज तक यह पता नहीं चला कि उसको क्यों राज्य पशु घोषित किया गया. मैं उस समय सदन में नहीं था, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए ऊंट के संरक्षण की आवश्यकता है. ऐसे में इस अधिनियम में विधानसभा के अगले सत्र में ऊंट के संरक्षण के लिए बदलाव किया जाएगा.

नवंबर 2017 में पूरा होने वाला डिग्गी निर्माण काम आज तक अधूरा

आज विधानसभा में मंत्री लालचंद कटारिया से डग विधानसभा में डिग्गी निर्माण में हुए भ्रष्टाचार का मामला उठाते हुए विधायक ने कहा कि 30 लाख अब तक खर्च हो चुका है, लेकिन वहां से एक पत्थर भी नहीं हटाया गया है. ऐसे में क्या जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस पर जवाब देते हुए कृषि मंत्री मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि यह बात सही है कि यह एक करोड़ लीटर की क्षमता की डिग्गी बनाने का काम राजश्री कंस्ट्रक्शन कंपनी को 23 मार्च 2017 को दिया गया, जिसे नवम्बर 2017 में पूरा होना था.

30 लाख लीटर पानी यहां भरा हुआ है जो एक पत्थर आ जाने के कारण काम रुक गया है, लेकिन इस काम में अधिकारियों ने कोताही बरती है. ऐसे में 7 दिन में यह कमेटी मौके पर जाएगी जो विधायक को भी साथ में रखेगी और जिन अधिकारियों ने गड़बड़ की है उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. इसके साथ ही मंत्री कटारिया ने आश्वासन दिया कि दिसंबर महीने तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा. इस पर नेता प्रतिपक्ष ने भी सवाल खड़े किए तो मंत्री लालचंद कटारिया ने यह दोहराया कि दिसंबर तक काम पूरा कर लिया जाएगा और अधिकारियों पर निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज राजकीय पशु ऊंट को लेकर लगे सवाल में विधायक अमीन खान ने मंत्री लालचंद कटारिया से पूछा कि क्या कारण है कि ऊंट को संरक्षित पशु घोषित किया गया. जबकि इससे ऊंटों को नुकसान हो रहा है. इसके जवाब में मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि ऊंट संरक्षण अधिनियम 2015 लागू होने के बाद न तो ऊंटों को राज्य से बाहर ले जा सकते हैं और न ही उनसे माल ढुलाई की जा सकती है.

पढ़ें-मोदी सरकार महात्मा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की घोषणा करें, पेट्रोल-डीजल को लाए जीएसटी के दायरे में: खाचरियावास

ऐसे में ऊंटों के संरक्षण के लिए हमें कुछ न कुछ करना होगा. कटारिया ने कहा कि अगले सत्र में कमेटी ने जो फैसला किया है उसके अनुसार हम अधिनियम 2015 में संशोधन करेंगे. उसमें यह तय करेंगे कि ऊंट की आवाजाही रहे और ऊंट का रखरखाव किसान अपने घर में कर सके. कटारिया ने कहा कि ऊंट के रखरखाव ऊंट पालक और खेतों में काम करने वाले किसान थे, लेकिन अब इस अधिनियम के कारण उन्होंने ऊंट से नाता तोड़ लिया है. ऐसे में इस अधिनियम में संशोधन किया जाएगा.

राजस्थान सरकार ऊंट संरक्षण अधिनियम 2015 में करेगी परिवर्तन

इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने मंत्री लालचंद कटारिया से पूछा कि ऊंट को राजकीय पशु घोषित करने का क्या फायदा और क्या नुकसान है. इस पर जवाब देते हुए मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि ऊंट को राजकीय पशु 2015 में घोषित किया गया, लेकिन मुझे भी आज तक यह पता नहीं चला कि उसको क्यों राज्य पशु घोषित किया गया. मैं उस समय सदन में नहीं था, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए ऊंट के संरक्षण की आवश्यकता है. ऐसे में इस अधिनियम में विधानसभा के अगले सत्र में ऊंट के संरक्षण के लिए बदलाव किया जाएगा.

नवंबर 2017 में पूरा होने वाला डिग्गी निर्माण काम आज तक अधूरा

आज विधानसभा में मंत्री लालचंद कटारिया से डग विधानसभा में डिग्गी निर्माण में हुए भ्रष्टाचार का मामला उठाते हुए विधायक ने कहा कि 30 लाख अब तक खर्च हो चुका है, लेकिन वहां से एक पत्थर भी नहीं हटाया गया है. ऐसे में क्या जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस पर जवाब देते हुए कृषि मंत्री मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि यह बात सही है कि यह एक करोड़ लीटर की क्षमता की डिग्गी बनाने का काम राजश्री कंस्ट्रक्शन कंपनी को 23 मार्च 2017 को दिया गया, जिसे नवम्बर 2017 में पूरा होना था.

30 लाख लीटर पानी यहां भरा हुआ है जो एक पत्थर आ जाने के कारण काम रुक गया है, लेकिन इस काम में अधिकारियों ने कोताही बरती है. ऐसे में 7 दिन में यह कमेटी मौके पर जाएगी जो विधायक को भी साथ में रखेगी और जिन अधिकारियों ने गड़बड़ की है उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. इसके साथ ही मंत्री कटारिया ने आश्वासन दिया कि दिसंबर महीने तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा. इस पर नेता प्रतिपक्ष ने भी सवाल खड़े किए तो मंत्री लालचंद कटारिया ने यह दोहराया कि दिसंबर तक काम पूरा कर लिया जाएगा और अधिकारियों पर निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Sep 17, 2021, 1:31 PM IST
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