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स्थगित परीक्षाओं को लेकर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्र होंगे अगली क्लास में प्रमोट

राज्य सरकार ने बुधवार को कॉलेजों में परीक्षार्थियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए स्थगित परीक्षाएं करवाने और आगामी शैक्षणिक सत्र शुरू करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं. साथ ही प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रोविजनल अगली क्लास में प्रमोट करने के आदेश दिए हैं.

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स्थगित परीक्षाओं को लेकर राजस्थान सरकार ने लिए बड़ा फैसले
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Published : Jun 4, 2020, 4:39 AM IST

Updated : Jun 4, 2020, 6:43 AM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जुलाई के दूसरे सप्ताह से विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं आयोजित कराने की घोषणा की थी. जिसके बाद अब परीक्षाओं को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. बुधवार को राज्य सरकार ने कॉलेजों में परीक्षार्थियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए स्थगित परीक्षाएं करवाने और आगामी शैक्षणिक सत्र शुरू करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

साथ ही प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रोविजनल अगली क्लास में प्रमोट करने के आदेश निकाले गए हैं. हालांकि, परिस्थितियां अनुकूल होने पर स्नातक पाठ्यक्रमों के प्रथम और द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष की परीक्षाएं कराए जाने के लिए निर्देशित किया गया है.

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राजस्थान सरकार की ओर से जारी आदेश

प्रदेश में कोविड-19 महामारी की वजह से स्थगित हुई परीक्षाओं के आयोजन और आगामी सत्र की कार्य योजना के संदर्भ में राज्यपाल ने एक टास्क फोर्स का गठन किया था. जिसके सुझावों, राज्य सरकार द्वारा पूर्व में गठित विशेषज्ञ समिति से पुन: मंत्रणा, राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों से प्राप्त सुझावों, लॉकडाउन के संदर्भ में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से दिए गए दिशा निर्देशों और यूजीसी के दिशा निर्देशों के आलोक में राज्य सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं.

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राजस्थान सरकार की ओर से जारी आदेश

पढ़ें- केंद्र का फैसला ऐतिहासिक...लेकिन गहलोत सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया : राठौड़

ये हैं बड़े फैसले...

  • शैक्षणिक सत्र 2019-20 की स्थगित हुई परीक्षाओं का आयोजन स्थिति सामान्य होने पर जुलाई मध्य से करवाया जाए. स्नातक तृतीय वर्ष और स्नातकोत्तर उत्तरार्द्ध की परीक्षाएं पहले आयोजित करवाई जाएं.
  • प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रोविजनल रूप से अगले वर्ष में क्रमोन्नत कर दिया जाए. बाद में परिस्थितियां अनुकूल होने पर स्नातक पाठ्यक्रमों के प्रथम-द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष की परीक्षाएं करवाई जाएं.
  • परीक्षाएं दो पारियों में आयोजित करवाई जाएं और दोनों पारियों के मध्य, परीक्षा शुरू करने से पहले परीक्षा केंद्र को भलीभांति सैनिटाइज करवाया जाए.
  • स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश प्रक्रिया सीबीएसई और आरबीएसई के परीक्षा परिणाम आने के बाद शुरू किए जाएं और स्नातकोत्तर पूर्वार्द्ध की प्रवेश प्रक्रिया विश्वविद्यालय की स्नातक तृतीय वर्ष के परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद प्रारंभ की जाए.
  • विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर ई कंटेंट के प्लॉट पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों और संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए कंटेंट को अपलोड किया जाएगा. साथ ही महाविद्यालयों के शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए ई कंटेंट को आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाएगा. विश्वविद्यालय परस्पर एक-दूसरे के साथ ई कंटेंट को साझा कर सकेंगे.
  • केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के संदर्भ में समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों के आलोक में सामाजिक दूरी को सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या में आवश्यकता अनुसार वृद्धि की जाए. साथ ही परीक्षार्थी की परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले थर्मल स्केनर से स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जाए. हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करते हुए परीक्षार्थियों और अध्यापकों के मास्क पहनने और सैनिटाइजर की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाए.
  • कोविड-19 के प्रति विद्यार्थियों में जागरूकता पैदा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी पोस्टर्स परीक्षा केंद्र पर चस्पा किए जाए.
  • परीक्षाओं की गोपनीयता, पवित्रता और कोविड-19 के संदर्भ में स्वास्थ्य मानकों के पालन के लिए अन्य कोई कार्रवाई अपेक्षित हो तो, विश्वविद्यालय स्वविवेकानुसार सुनिश्चित करें.

पढ़ेंः कर्मचारियों और आमजन के लिए आवासन मंडल 11 शहरों में लांच करेगा 17 आवासीय योजनाएं

राज्य सरकार ने इन सभी बिंदुओं के अनुसार कार्य योजना बनाकर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के सभी 14 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र भेजा है. साथ ही उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया में गति लाते हुए परीक्षा परिणाम शीघ्रता से घोषित करने के भी निर्देश दिए हैं.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जुलाई के दूसरे सप्ताह से विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं आयोजित कराने की घोषणा की थी. जिसके बाद अब परीक्षाओं को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. बुधवार को राज्य सरकार ने कॉलेजों में परीक्षार्थियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए स्थगित परीक्षाएं करवाने और आगामी शैक्षणिक सत्र शुरू करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

साथ ही प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रोविजनल अगली क्लास में प्रमोट करने के आदेश निकाले गए हैं. हालांकि, परिस्थितियां अनुकूल होने पर स्नातक पाठ्यक्रमों के प्रथम और द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष की परीक्षाएं कराए जाने के लिए निर्देशित किया गया है.

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राजस्थान सरकार की ओर से जारी आदेश

प्रदेश में कोविड-19 महामारी की वजह से स्थगित हुई परीक्षाओं के आयोजन और आगामी सत्र की कार्य योजना के संदर्भ में राज्यपाल ने एक टास्क फोर्स का गठन किया था. जिसके सुझावों, राज्य सरकार द्वारा पूर्व में गठित विशेषज्ञ समिति से पुन: मंत्रणा, राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों से प्राप्त सुझावों, लॉकडाउन के संदर्भ में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से दिए गए दिशा निर्देशों और यूजीसी के दिशा निर्देशों के आलोक में राज्य सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं.

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ये हैं बड़े फैसले...

  • शैक्षणिक सत्र 2019-20 की स्थगित हुई परीक्षाओं का आयोजन स्थिति सामान्य होने पर जुलाई मध्य से करवाया जाए. स्नातक तृतीय वर्ष और स्नातकोत्तर उत्तरार्द्ध की परीक्षाएं पहले आयोजित करवाई जाएं.
  • प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रोविजनल रूप से अगले वर्ष में क्रमोन्नत कर दिया जाए. बाद में परिस्थितियां अनुकूल होने पर स्नातक पाठ्यक्रमों के प्रथम-द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष की परीक्षाएं करवाई जाएं.
  • परीक्षाएं दो पारियों में आयोजित करवाई जाएं और दोनों पारियों के मध्य, परीक्षा शुरू करने से पहले परीक्षा केंद्र को भलीभांति सैनिटाइज करवाया जाए.
  • स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश प्रक्रिया सीबीएसई और आरबीएसई के परीक्षा परिणाम आने के बाद शुरू किए जाएं और स्नातकोत्तर पूर्वार्द्ध की प्रवेश प्रक्रिया विश्वविद्यालय की स्नातक तृतीय वर्ष के परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद प्रारंभ की जाए.
  • विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर ई कंटेंट के प्लॉट पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों और संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए कंटेंट को अपलोड किया जाएगा. साथ ही महाविद्यालयों के शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए ई कंटेंट को आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाएगा. विश्वविद्यालय परस्पर एक-दूसरे के साथ ई कंटेंट को साझा कर सकेंगे.
  • केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के संदर्भ में समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों के आलोक में सामाजिक दूरी को सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या में आवश्यकता अनुसार वृद्धि की जाए. साथ ही परीक्षार्थी की परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले थर्मल स्केनर से स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जाए. हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करते हुए परीक्षार्थियों और अध्यापकों के मास्क पहनने और सैनिटाइजर की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाए.
  • कोविड-19 के प्रति विद्यार्थियों में जागरूकता पैदा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी पोस्टर्स परीक्षा केंद्र पर चस्पा किए जाए.
  • परीक्षाओं की गोपनीयता, पवित्रता और कोविड-19 के संदर्भ में स्वास्थ्य मानकों के पालन के लिए अन्य कोई कार्रवाई अपेक्षित हो तो, विश्वविद्यालय स्वविवेकानुसार सुनिश्चित करें.

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राज्य सरकार ने इन सभी बिंदुओं के अनुसार कार्य योजना बनाकर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के सभी 14 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र भेजा है. साथ ही उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया में गति लाते हुए परीक्षा परिणाम शीघ्रता से घोषित करने के भी निर्देश दिए हैं.

Last Updated : Jun 4, 2020, 6:43 AM IST
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