जयपुर. स्वास्थ्य सेवाओं में राजस्थान ने अपना परचम लहराया है. परिवार नियोजन सेवा में राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान को दूसरा स्थान मिला है. प्रदेश में महिलाओं के लिए परिवार नियोजन साधन की सुलभ सेवाएं सुनिश्चित करने पर राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया. बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय परिवार नियोजन सम्मेलन में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ भारती पंवार ने पुरस्कार (Rajasthan got award for family planning programme) दिया. निदेशक आरसीएच डॉ केएल मीणा और परियोजना निदेशक परिवार कल्याण डॉ गिरीश द्विवेदी ने ये पुरस्कार प्राप्त किया. इस उपलब्धि पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत प्रदेश में महिलाओं के लिए परिवार नियोजन साधन 'अंतरा गर्भनिरोधक इंजेक्शन' की सुलभ सेवाएं (Antara Contraceptive Injection service) सुनिश्चित करने की उपलब्धियों के लिए प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया है. इसे लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी ने बताया कि प्रदेश में परिवार कल्याण साधन अंतरा इंजेक्शन की सुलभ उपलब्धता, फोलोअप और सघन मॉनिटरिंग के लिए अंतराराज एप्लीकेशन, ई काउंसलिंग, ई-लर्निंग मॉड्यूल को लागू किया गया है. इसी का परिणाम है कि अब तक प्रदेश में 5 लाख से अधिक महिलाओं ने इस साधन को अपनाया (5 lakh plus women used Antara Contraceptive Injection) है.
अब तक कुल 10 लाख अंतरा इंजेक्शन की डोज लगवाई गई हैं. अंतरा इंजेक्शन अनचाहे गर्भ को रोकने और बच्चों के बीच अंतर रखने का एक सुरक्षित अस्थायी गर्भनिरोधक विकल्प है. तीन माह के अंतराल में लगने वाला ये इंजेक्शन एक बार लगवाने पर तीन माह तक या 90 दिन तक अनचाहे गर्भ से छुटकारा देता है. इससे पहले कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा कि भारत परिवार नियोजन के महत्व को जल्द ही समझ गया और 1952 में राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि जनसंख्या विस्फोट विशेष रूप से आने वाली पीढ़ियों के लिए नई समस्याएं पैदा कर सकता है. बढ़ती जनसंख्या गर्भावस्था और प्रसव के दौरान महिलाओं को होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर भी प्रकाश डालती है, जिससे परिवार नियोजन, लैंगिक समानता और मातृ स्वास्थ्य की आवश्यकता पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो जाती है. भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. ऐसे में आज की जागरूकता आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे, शैक्षणिक संस्थानों, बेहतर जीवन स्तर के परिणाम प्रदान करेगी. आपको बता दें कि केंद्रीय राज्य मंत्री की ओर से परिवार नियोजन राज्य पुरस्कार के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाले राज्यों को सम्मानित किया गया. साथ ही केंद्रीय राज्य मंत्री ने एक पुस्तक का भी विमोचन किया.