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Rajasthan crime report 2021 : पिछले साल प्रदेश में महिलाओं से अत्याचार के मामलों में 17 फीसदी की वृ​द्धि...चोरी, डकैती और नकबजनी के मामले भी बढ़े - Rajasthan Police plan for 2022

राजस्थान में बीते साला महिला अत्याचार (Women related crime in Rajasthan), एससी-एसटी वर्ग के साथ अत्याचार के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई. साथ ही चोरी, डकैती और नकबजनी के मामलों में भी वृद्धि हुई. साल 2021 में लंबित प्रकरणों का प्रतिशत 18.66 प्रतिशत रहा.

Rajasthan Police
वर्ष 2022 में राजस्थान पुलिस की प्राथमिकता
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Published : Jan 10, 2022, 4:28 PM IST

Updated : Jan 10, 2022, 5:17 PM IST

जयपुर. राजस्थान पुलिस ने साल 2021 में हुए अपराधों का आंकड़ा जारी किया है. बीता साल राजस्थान में कानून व्यवस्था के लिहाज से बेहतर रहा. आला अधिकारी आंकड़ों की दुहाई देकर अपराध कम होने का दावा करते नजर आए. लेकिन प्रदेश में कई ऐसी घटनाएं हुई है, जिनसे पूरा प्रदेश हिल गया. महिला अपराधों के अलावा प्रदेश में हत्या, लूट जैसे गंभीर प्रवृत्ति के अपराध चर्चा में रहे.

पिछले साल के आंकड़ों के साथी डीजीपी एमएल लाठर ने वर्ष 2022 की प्राथमिकताएं (Rajasthan Police plan for 2022) भी बताई हैं. वर्ष 2022 में राजस्थान पुलिस की प्राथमिकता रहेगी कि समाज के कमजोर वर्ग महिला, बच्चे, बुजुर्ग के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम और गुणवत्ता पूर्वक अनुसंधान किया जाए. इसके साथ ही मादक पदार्थों और अवैध हथियारों पर लगाम लगाने का प्रयास किया जाएगा. प्रदेश में महिलाओं के साथ अत्याचार के मामले साल 2019 के मुकाबले 17 प्रतिशत अधिक दर्ज किए गए. एससी-एसटी वर्ग के साथ अत्याचार के मामले (SC ST related crime in Rajasthan) भी 8 प्रतिशत बढ़े. दलित दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बैठने देने के 76 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिनमें से 62 प्रकरणों में चालान पेश किया गया.

Rajasthan crime report 2021

पढ़ें: फायरिंग और जानलेवा हमले में फरार 2 आरोपी गिरफ्तार, कार्रवाई में पुलिस की गाड़ी को किया क्षतिग्रस्त... चालक को आई चोट

प्रदेश में आईपीसी अपराधों की बात की जाए तो साल 2021 में साल 2020 की तुलना में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई. गंभीर अपराधों के लिहाज से डकैती में 2.63 प्रतिशत, नकबजनी में 17.0 4 प्रतिशत, चोरी में 21.53 प्रतिशत और संपत्ति संबंधी अपराधों में 20.99 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई. साल 2021 में लंबित प्रकरणों का प्रतिशत 18.66 प्रतिशत रहा.

राजस्थान पुलिस के मुखिया डीजीपी लाठर के मुताबिक प्रदेश में महिला अत्याचार रोकने के लिए एएसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एसआईयूसीएडब्ल्यू का गठन किया गया है. महिलाओं और नाबालिगों के साथ यौन शोषण समेत जघन्य अपराधों पर निगरानी के लिए हिनियस क्राइम मॉनिटरिंग यूनिट गठित की गई है. इसके अलावा सुरक्षा सखी समूहों के जरिए जागरूकता का प्रयास किया जा रहा है. साल 2021 में महिलाओं और मासूम बालिकाओं के साथ हुए अपराधों में केस ऑफिसर स्कीम के तहत त्वरित कार्रवाई करके दोषियों को सजा दिलवाई गई.

पढ़ें: Gangrape In Jodhpur: बहन के दो देवरों ने किया सामूहिक दुष्कर्म..दोस्त भी वारदात में शामिल

अपराध और अपराधियों पर लगाम कसने के लिए पुलिस ने अवैध हथियारों के खिलाफ विशेष मुहिम छेड़ रखी है. जिसके तहत प्रदेश में आर्म्स एक्ट के तहत 5357 मामले दर्ज किए गए. आर्म्स एक्ट में 5924 अपराधियों को गिरफ्तार करके 2121 अवैध हथियार और 3904 कारतूस समेत अन्य हथियार बरामद किए गए. मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 2989 प्रकरण दर्ज कर 5610 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. जिनके कब्जे से बड़ी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ भी बरामद किए गए.

प्रदेश में वर्ष 2021 में हुए अपराधों और कानून व्यवस्था का ब्यौरा रखते हुए डीजीपी ने बताया कि पुलिस महकमे ने पुलिसकर्मियों का हौसला बढ़ाने के साथ ही इनकी समस्याओं के लिए विशेष कदम उठाए हैं. पुलिस मुख्यालय स्तर पर 73 पुलिसकर्मियों को विशेष पदोन्नति दी गई. अच्छा कार्य करने वाले 294 पुलिसकर्मियों को नगद इनाम और प्रशंसा पत्र भी दिए गए. इसके साथ ही 14661 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को डीजीपी डिस्क प्रदान किए गए. राजस्थान पुलिस बेनेवैलेंट फंड से विभाग में तैनात पुलिसकर्मियों के बच्चों को अग्रिम शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति के रूप में 5.16 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए. राजस्थान पुलिस ने वर्तमान परिदृश्य और भविष्य के दृष्टिगत एक ऐतिहासिक दस्तावेज विजन 2030 तैयार किया है.

पढ़ें: जोधपुर स्पेशल क्राइम टीम के कांस्टेबल पर फरार आरोपी ने लगाया झूठे केस में फंसाने का आरोप, वायरल हुआ वीडियो

प्रदेश में बढ़ते अपराध राजस्थान पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित होते नजर आ रहे हैं. राजस्थान पुलिस ने प्रदेश में अपराधियों के बढ़ने के पीछे हर प्रकरण दर्ज होने का हवाला दिया है. हालांकि प्रदेश पुलिस ने साल 2022 में अपराधों की रोकथाम और कानून-व्यवस्था की पालना के लिए अपनी प्राथमिकताओं का निर्धारण किया है. लेकिन पुलिसकर्मियों और संसाधनों की कमी से जूझ रहे पुलिस महकमे के लिए इन प्राथमिकताओं को पूरा कर पाना एक बड़ी चुनौती है.

साइबर अपराध बना चुनौती

राजस्थान में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है. पुलिस के लिए चुनौती बने साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस महकमा लगातार प्रयास कर रहा है. डीजीपी ने कहा कि राजस्थान के मेवात में ऐसे कई गिरोह सक्रिय हैं, जो साइबर फ्रॉड करते हैं. प्रदेश में हेल्पलाइन नंबरों पर अप्रैल से नवंबर 2021 में 55 करोड़ 56 लाख रुपए से अधिक की साइबर ठगी की शिकायतें मिलीं. पुलिस ने 5.47 करोड़ रुपए से अधिक की बरामदगी की है. राजस्थान एसओजी ने वर्ष 2021 में 12 मामले दर्ज करके 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. साइबर फ्रॉड रोकने के लिए जिला स्तर पर यूनिट गठित करके प्रयास किए जा रहे हैं.

जयपुर. राजस्थान पुलिस ने साल 2021 में हुए अपराधों का आंकड़ा जारी किया है. बीता साल राजस्थान में कानून व्यवस्था के लिहाज से बेहतर रहा. आला अधिकारी आंकड़ों की दुहाई देकर अपराध कम होने का दावा करते नजर आए. लेकिन प्रदेश में कई ऐसी घटनाएं हुई है, जिनसे पूरा प्रदेश हिल गया. महिला अपराधों के अलावा प्रदेश में हत्या, लूट जैसे गंभीर प्रवृत्ति के अपराध चर्चा में रहे.

पिछले साल के आंकड़ों के साथी डीजीपी एमएल लाठर ने वर्ष 2022 की प्राथमिकताएं (Rajasthan Police plan for 2022) भी बताई हैं. वर्ष 2022 में राजस्थान पुलिस की प्राथमिकता रहेगी कि समाज के कमजोर वर्ग महिला, बच्चे, बुजुर्ग के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम और गुणवत्ता पूर्वक अनुसंधान किया जाए. इसके साथ ही मादक पदार्थों और अवैध हथियारों पर लगाम लगाने का प्रयास किया जाएगा. प्रदेश में महिलाओं के साथ अत्याचार के मामले साल 2019 के मुकाबले 17 प्रतिशत अधिक दर्ज किए गए. एससी-एसटी वर्ग के साथ अत्याचार के मामले (SC ST related crime in Rajasthan) भी 8 प्रतिशत बढ़े. दलित दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बैठने देने के 76 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिनमें से 62 प्रकरणों में चालान पेश किया गया.

Rajasthan crime report 2021

पढ़ें: फायरिंग और जानलेवा हमले में फरार 2 आरोपी गिरफ्तार, कार्रवाई में पुलिस की गाड़ी को किया क्षतिग्रस्त... चालक को आई चोट

प्रदेश में आईपीसी अपराधों की बात की जाए तो साल 2021 में साल 2020 की तुलना में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई. गंभीर अपराधों के लिहाज से डकैती में 2.63 प्रतिशत, नकबजनी में 17.0 4 प्रतिशत, चोरी में 21.53 प्रतिशत और संपत्ति संबंधी अपराधों में 20.99 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई. साल 2021 में लंबित प्रकरणों का प्रतिशत 18.66 प्रतिशत रहा.

राजस्थान पुलिस के मुखिया डीजीपी लाठर के मुताबिक प्रदेश में महिला अत्याचार रोकने के लिए एएसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एसआईयूसीएडब्ल्यू का गठन किया गया है. महिलाओं और नाबालिगों के साथ यौन शोषण समेत जघन्य अपराधों पर निगरानी के लिए हिनियस क्राइम मॉनिटरिंग यूनिट गठित की गई है. इसके अलावा सुरक्षा सखी समूहों के जरिए जागरूकता का प्रयास किया जा रहा है. साल 2021 में महिलाओं और मासूम बालिकाओं के साथ हुए अपराधों में केस ऑफिसर स्कीम के तहत त्वरित कार्रवाई करके दोषियों को सजा दिलवाई गई.

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अपराध और अपराधियों पर लगाम कसने के लिए पुलिस ने अवैध हथियारों के खिलाफ विशेष मुहिम छेड़ रखी है. जिसके तहत प्रदेश में आर्म्स एक्ट के तहत 5357 मामले दर्ज किए गए. आर्म्स एक्ट में 5924 अपराधियों को गिरफ्तार करके 2121 अवैध हथियार और 3904 कारतूस समेत अन्य हथियार बरामद किए गए. मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 2989 प्रकरण दर्ज कर 5610 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. जिनके कब्जे से बड़ी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ भी बरामद किए गए.

प्रदेश में वर्ष 2021 में हुए अपराधों और कानून व्यवस्था का ब्यौरा रखते हुए डीजीपी ने बताया कि पुलिस महकमे ने पुलिसकर्मियों का हौसला बढ़ाने के साथ ही इनकी समस्याओं के लिए विशेष कदम उठाए हैं. पुलिस मुख्यालय स्तर पर 73 पुलिसकर्मियों को विशेष पदोन्नति दी गई. अच्छा कार्य करने वाले 294 पुलिसकर्मियों को नगद इनाम और प्रशंसा पत्र भी दिए गए. इसके साथ ही 14661 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को डीजीपी डिस्क प्रदान किए गए. राजस्थान पुलिस बेनेवैलेंट फंड से विभाग में तैनात पुलिसकर्मियों के बच्चों को अग्रिम शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति के रूप में 5.16 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए. राजस्थान पुलिस ने वर्तमान परिदृश्य और भविष्य के दृष्टिगत एक ऐतिहासिक दस्तावेज विजन 2030 तैयार किया है.

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प्रदेश में बढ़ते अपराध राजस्थान पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित होते नजर आ रहे हैं. राजस्थान पुलिस ने प्रदेश में अपराधियों के बढ़ने के पीछे हर प्रकरण दर्ज होने का हवाला दिया है. हालांकि प्रदेश पुलिस ने साल 2022 में अपराधों की रोकथाम और कानून-व्यवस्था की पालना के लिए अपनी प्राथमिकताओं का निर्धारण किया है. लेकिन पुलिसकर्मियों और संसाधनों की कमी से जूझ रहे पुलिस महकमे के लिए इन प्राथमिकताओं को पूरा कर पाना एक बड़ी चुनौती है.

साइबर अपराध बना चुनौती

राजस्थान में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है. पुलिस के लिए चुनौती बने साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस महकमा लगातार प्रयास कर रहा है. डीजीपी ने कहा कि राजस्थान के मेवात में ऐसे कई गिरोह सक्रिय हैं, जो साइबर फ्रॉड करते हैं. प्रदेश में हेल्पलाइन नंबरों पर अप्रैल से नवंबर 2021 में 55 करोड़ 56 लाख रुपए से अधिक की साइबर ठगी की शिकायतें मिलीं. पुलिस ने 5.47 करोड़ रुपए से अधिक की बरामदगी की है. राजस्थान एसओजी ने वर्ष 2021 में 12 मामले दर्ज करके 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. साइबर फ्रॉड रोकने के लिए जिला स्तर पर यूनिट गठित करके प्रयास किए जा रहे हैं.

Last Updated : Jan 10, 2022, 5:17 PM IST
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