जयपुर. राजस्थान में आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के 14 मई की दूसरी पारी से पहले ही जयपुर के झोटवाड़ा स्थित (Constable recruitment exam 2022 Paper Leak Case) दिवाकर पब्लिक स्कूल परीक्षा केंद्र से प्रश्न-पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिसके बाद 14 मई की दूसरी पारी में हुई परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है. सोशल मीडिया पर 14 मई को जो प्रश्न-पत्र वायरल हुआ उसकी जानकारी राजस्थान एसओजी को लगी.
हालांकि प्रदेश में 32 जिलों के 470 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन किया गया था, ऐसे में किस परीक्षा केंद्र से प्रश्न-पत्र आउट किया गया है इसका पता लगाना एक बड़ी चुनौती रही. सोशल मीडिया पर जो प्रश्न-पत्र वायरल किया गया उस पर एक व्यक्ति के जूते का निशान छपा हुआ पाया गया. साथ ही फर्श पर रखने के बाद प्रश्न पत्र की फोटो क्लिक की गई. इन्हीं चीजों को एसओजी ने अपनी जांच का आधार बनाते हुए उस सेंटर का पता लगाया, जहां से प्रश्न-पत्र वायरल हुआ.
32 से अधिक पन्ने किए गए वायरल: पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर आउट होने के प्रकरण को लेकर एसओजी के इंस्पेक्टर मोहनलाल पोसवाल ने एफआईआर दर्ज करवाई है. पोसवाल ने बताया कि मुखबीर के जरिए सोशल मीडिया पर पेपर आउट होने की सूचना मिली, जिसके बाद एसओजी ने जांच शुरू की. एसओजी की गई जांच में ये सामने आया कि सोशल मीडिया पर 32 से अधिक पन्नों का प्रश्नपत्र वायरल किया गया है, जिसमें से सात पन्नों पर प्रश्न-पत्र को हल करते हुए विकल्प पर गोले लगाए गए हैं.
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परीक्षा करवा रही टीपीएस कंपनी से संपर्क कर वायरल हुए प्रश्न-पत्र की सीरीज के आधार पर पता किया कि, प्रश्न-पत्र सीकर, गंगानगर और जयपुर में 4 परीक्षा केंद्रों पर भेजा गया है. एसओजी ने सीकर, गंगानगर और जयपुर के चारों परीक्षा केंद्रों पर टीम भेजी. सभी परीक्षा केंद्रों पर एसओजी की टीम ने जांच की और जब एसओजी की टीम जयपुर के झोटवाड़ा स्थित दिवाकर पब्लिक स्कूल पहुंची तब जाकर पेपर आउट होने के प्रकरण का खुलासा हुआ.
फर्श पर रख खिंची गई तस्वीर : एसओजी की टीम ने झोटवाड़ा स्थित दिवाकर पब्लिक स्कूल पहुंचकर जांच शुरू की. जांच के दौरान परीक्षा केंद्र में स्ट्रांग रूम के पास बने कमरे का फर्श वही पाया गया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर में दिखाई दे रहा है. साथ ही प्रश्न-पत्र पर जूते का जो निशान छपा हुआ है, उसी तरह के जूते परीक्षा केंद्र पर ड्यूटी कर रहे एक व्यक्ति ने पहने हुए हैं. इस पर एसओजी ने जब स्ट्रांग रूम में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाले तो देखा गया कि 11 बजे स्ट्रांग रूम में पेपर रखने के बाद परीक्षा से पहले प्रश्न-पत्र स्ट्रांग रूम से निकालकर पास बने कमरे में ले जाया गया.
इसके बाद उस प्रश्न-पत्र की उत्तर कुंजी तैयार की गई और फोटो खींचकर उसे किसी संगठित गिरोह को लाभ पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया पर भेजा गया. मामले का खुलासा होने के बाद एसओजी ने परीक्षा केंद्र अधीक्षक शालू शर्मा, शालू शर्मा के पति सहायक अधीक्षक मुकेश, स्ट्रांग रूम सिक्योरिटी प्रभारी एएसआई रतनलाल, टीपीएस कंपनी के प्रभारी सहित कुल 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है. एफआईआर दर्ज करने के बाद सभी 8 लोगों को देर रात गिरफ्तार कर एसओजी मुख्यालय लाया गया जहां पर उनसे पूछताछ की जा रही है.
मोटी रकम के लिए नियमों को रखा ताक पर : परीक्षा केंद्र से प्रश्न-पत्र आउट करने के प्रकरण को लेकर एसओजी ने जांच शुरू कर दी है. किस संगठित गिरोह को लाभ पहुंचाने के लिए परीक्षा से पहले प्रश्न-पत्र वायरल किया गया, इसके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है. राजस्थान पुलिस की ओर से आयोजित की गई पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में परीक्षा केंद्र के अंदर किसी को भी मोबाइल फोन ले जाने की इजाजत नहीं थी.
परीक्षा केंद्र के अंदर प्रवेश करने से पहले केंद्र के बाहर मौजूद पुलिसकर्मी प्रत्येक व्यक्ति की जांच करते हैं और प्रतिबंधित वस्तुओं को बाहर ही अलग कर देते हैं. ऐसे में परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल फोन का पहुंचना सुरक्षा में एक बड़ी चूक माना जा रहा है. एसओजी का मानना है कि संगठित गिरोह को प्रश्न-पत्र उपलब्ध कराने की एवज में आरोपियों से मोटी रकम वसूली गई है, जिसके चलते तमाम नियमों को ताक पर रखा गया. हालांकि पेपर आउट करने के प्रकरण में परीक्षा केंद्र पर तैनात अन्य लोगों की क्या भूमिका है इसकी भी जांच की जा रही है.