जयपुर. प्रमोशन में आरक्षण को लेकर कथित रूप से रुकावट डालने के आरोप में कांग्रेस ने रविवार को जिला कलेक्ट्रेट पर धरना दिया. जहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर तमाम आला नेताओं ने संबोधित किया.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि संसद में प्रमोशन में आरक्षण को लेकर वापस संशोधन होना चाहिए. जिससे आरक्षित वर्ग के आरक्षण में भविष्य में किसी प्रकार की कोई रुकावट ना आए, तो वहीं धरने को संबोधित करते हुए प्रदेश के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने प्रदेश सरकार से ही राज्य विधानसभा में इस संबंध में कानून पारित कर लागू करने की मांग की.
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मेघवाल के अनुसार अनुसूचित जाति और जनजाति सहित अन्य वर्गों के आरक्षण को लेकर आए दिन कोई ना कोई रुकावट कोर्ट के रूप में सामने आती है. भविष्य में ऐसी रुकावट ना आए इसके लिए प्रदेश सरकार को राज्य विधानसभा में कोई ठोस कानून बनाना चाहिए.
मेघवाल और खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने पिछले 2 अप्रैल को हुए भारत बंद के दौरान जिन लोगों पर मुकदमे दर्ज हुए थे, उन्हें वापस लेने की मांग की. कहा कि जल्द ही कुछ महाभारत दिल्ली में एक बड़ी रैली भी इस संबंध में की जाएगी.
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वहीं धरने को संबोधित करते हुए पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने कहा कि हम सबको वंचित लोगों के आरक्षण को लेकर एकजुट होना चाहिए और इसी को लेकर कांग्रेस आलाकमान ने भी सभी कांग्रेस जन और आम लोगों से अपील की है.
धरने में पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे सह प्रभारी विवेक बंसल प्रदेश सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, रघु शर्मा, मास्टर भंवरलाल मेघवाल, भंवर सिंह भाटी, टीकाराम जूली, रमेश मीणा सहित पार्टी से जुड़े कई नेता कार्यकर्ता मौजूद रहे.
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धरने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ सचिन पायलट के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन भी गया. जहां उन्होंने राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा.