जयपुर. महुआ पुजारी शंभू शर्मा हत्याकांड मामले में जयपुर के सिविल लाइंस फाटक पर चल रहे भाजपा के विरोध प्रदर्शन को सियासी गलियारों में मौजूदा उपचुनाव की सियासत से जोड़कर भी देखा जा रहा है. दरअसल, ये घटना क्रम महुआ थाना से जुड़ा था, लेकिन जिस तरह से जयपुर तक लाया गया और इसमें जयपुर शहर के भी भाजपा से जुड़े विधायक और पदाधिकारी शामिल हुए उसके बाद इसकी चर्चा तेज हो गई. हालांकि, भाजपा नेताओं ने इस पूरे घटनाक्रम को सियासत से जोड़ने से इनकार किया है.
अब तक इस मसले को भाजपा राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ही उठा रहे थे और ब्राह्मणों से जुड़े भाजपा के कुछ नेताओं ने भी महुआ पहुंचकर इस मसले को आगे बढ़ाने का काम किया, क्योंकि डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ब्राह्मण समाज से भले ही ना हो लेकिन उनका कार्य क्षेत्र दौसा और महुआ ही रहा है. ऐसे में इस पर उनका आगे आना लाजमी था.
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वहीं, ब्राह्मण समाज से आने वाले नेताओं का भी इस मसले में बोलना समाज की दृष्टि से देखा जा रहा है, लेकिन अब इस मसले में भाजपा के विधायक कालीचरण सराफ, डॉ. अशोक लाहोटी और पूर्व विधायक जितेंद्र गोठवाल भी कूद गए हैं. सिविल लाइन फाटक में यह तमाम नेता मौजूद रहे. हालांकि, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी को प्रदेश संगठन की ओर से इस मसले पर बनाई गई समिति का प्रमुख बनाया गया था, जो जांच के लिए महुआ भी गई थी. अब जब इन नेताओं से पूछा गया कि क्या ब्राह्मण समाज के वोटरों पर उनकी नजर है या उपचुनाव के चलते इस मसले को एकाएक तेज किया गया है, तो इनका कहना है कि इस पूरे मसले को राजनीति से जोड़ना गलत होगा, क्योंकि ब्राह्मण समाज से जुड़ा मसला है, लेकिन जिस प्रकार का अन्याय समाज के साथ हुआ है उसकी आवाज बंद कर भाजपा के जनप्रतिनिधि खड़े हुए हैं.
विधायक अशोक लाहोटी के अनुसार यह पहली घटना नहीं है, बल्कि ऐसी 4 घटनाएं हो चुकी हैं, ऐसे में सरकार को मंदिर माफी की जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए कोई ठोस कानून बनाना चाहिए. जयपुर से ही भाजपा विधायक कालीचरण सराफ का भी यही कहना है कि इस मसले में ब्राह्मण या बनिया से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि यह इंसाफ की लड़ाई है, जिसमें हम सब एक साथ खड़े हैं.
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वहीं, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी के अनुसार ब्राह्मण समाज आखिर कब तक सब्र करेगा. पूर्व में भी एक पुजारी की जलाकर हत्या कर दी गई और उसके बाद दो से तीन घटनाक्रम इसी प्रकार के अलग अलग हुए इसका एक ही कारण था कि मंदिर माफी की जमीन पर दबंगों की ओर से अतिक्रमण किया जा रहा है और सरकार या प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिसका खामियाजा विरोध करने वाले पुजारी को और उसके परिवार को भुगतना पड़ रहा है. अब अगर सरकार नहीं चेती तो ना केवल ब्राह्मण समाज, बल्कि भाजपा भी इस मसले पर प्रदेश भर में आंदोलन करेगी.
महुआ में धरना स्थल पर लाठीचार्ज की राजेंद्र राठौड़ ने की निंदा
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने भू माफिया की ओर से मंदिर माफी की जमीन पर किए कब्जे के विरोध में पुजारी परिवार को न्याय दिलाने के लिए महुआ में चल रहे विरोध प्रदर्शन और धरने पर लोगों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा की है और प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया है. राठौड़ ने ट्वीट के जरिए राज्य सरकार से सर्व समाज की मांगों को शीघ्र मानने की मांग भी की है.