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दलित अत्याचार पर पूनिया ने सरकार को घेरा, 'मीठा-मीठा गप-गप और खारा-खारा थू-थू' - राजस्थान दलित अत्याचार

राजस्थान में इन-दिनों लगातार दलितों पर अत्याचार हो रहे है. ऐसे में शनिवार को भाजपा ने राज्यपाल कलराज मिश्र को एक ज्ञापन सौंपा. इस दौरान सतीश पूनिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार को वोट के लिए तो दलित चाहिए लेकिन एक्शन के लिए दलितों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता नहीं दिखती.

दलितों पर अत्याचार,  Satish punia
दलितों पर हो रहे अत्याचार को लेकर पूनिया ने घेरा
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Published : Feb 29, 2020, 5:50 PM IST

जयपुर. प्रदेश में लगातार हो रहे दलितों पर अत्याचार के खिलाफ भाजपा ने शनिवार को राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने दलितों पर हुए अत्याचार को लेकर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि मीठा-मीठा गप-गप और खारा-खारा थू-थू.

दलितों पर हो रहे अत्याचार को लेकर पूनिया ने घेरा

राज्यपाल को ज्ञापन देने के बाद प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं, इससे राजस्थान देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी शर्मसार हुआ है. अबतक दलितों पर अत्याचार के ढाई लाख मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. मुख्यमंत्री कहते हैं कि मुकदमे दर्ज होना किसी सरकार की कमजोरी नहीं है. पूनिया ने कहा कि सबसे ज्यादा अत्याचार दलितों पर ही हुए हैं.

पढ़ेंः गवर्नमेंट का मतलब 'कैबिनेट' होता है, इसमें किसी को संशय नहीं होना चाहिएः हरीश चौधरी

कांग्रेस वोट बैंक के लिए दलितों की हितैषी दिखती है, लेकिन धरातल पर वह दलितों की हितैषी नहीं है. ऐसा लगता है कि मीठा-मीठा गप गप और खारा खारा थू थू, यानी वोट के लिए तो दलित चाहिए, लेकिन एक्शन के लिए दलितों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता नहीं दिखती.

उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को दिया धन्यवाद

सतीश पूनिया ने कहा कि संविधान की प्रक्रिया के तहत राज्यपाल को दलितों के अत्याचार को लेकर ज्ञापन दिया गया है कि वह कांग्रेस सरकार से दलितों पर अत्याचार को लेकर जवाब मांगे. उन्होंने सरकार पर कटाक्ष किया कि सरकार को लड़ने और झगड़ने से फुर्सत नहीं है.

पढ़ेंः अनुदान मांगों पर बहस के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों पर भड़के राठौड़, कुछ यूं किया कटाक्ष

पूनिया ने कहा कि हम उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को धन्यवाद देते हैं कि एक बार उन्होंने फिर अपनी सरकार को गिरेबान में झांकने को कहा है. इतनी घटनाएं होने के बाद भी सरकार कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नैतिकता के आधार पर इस तरह का ठोस निर्णय लेना चाहिए. जिससे इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो.

सरकार के लीपापोती करने से बढ़ रहीं हैं घटनाएं

मीडिया से बात करते हुए सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि प्रदेश में सरकार को बने हुए 15 महीने हो चुके हैं और दलित आदिवासियों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं. सरकार इन घटनाओं को लेकर लीपापोती कर रही है. जिससे दलितों पर अत्याचार लगातार बढ़ते जा रहे हैं.

मेघवाल ने कहा कि सरकार ने थानागाजी, नागौर, बाड़मेर, अलवर में हुई घटना को लेकर किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की है. राहुल गांधी भी केवल ट्वीट कर देते हैं. उन्होंने कहा कि ज्ञापन देना संवैधानिक प्रक्रिया है और आगे अगर इस पर कार्रवाई नहीं की गई तो एक रणनीति बनाकर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे.

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, दोसा सांसद जसकोर मीणा, राजेंद्र राठौड़ सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.

पढ़ेंः प्रतापगढ़ को मिली 2 नई रोडवेज बस, उद्घाटन कार्यक्रम में बोले विधायक, पूर्व CM ने तो बना दी थी बेचने की योजना

बता दें कि इससे पहले इस विषय को लेकर भाजपा प्रदेश मुख्यालय में SC-ST मोर्चा की बैठक हुई. इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सहित SC-ST से जुड़े हुए जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे.

जयपुर. प्रदेश में लगातार हो रहे दलितों पर अत्याचार के खिलाफ भाजपा ने शनिवार को राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने दलितों पर हुए अत्याचार को लेकर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि मीठा-मीठा गप-गप और खारा-खारा थू-थू.

दलितों पर हो रहे अत्याचार को लेकर पूनिया ने घेरा

राज्यपाल को ज्ञापन देने के बाद प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं, इससे राजस्थान देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी शर्मसार हुआ है. अबतक दलितों पर अत्याचार के ढाई लाख मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. मुख्यमंत्री कहते हैं कि मुकदमे दर्ज होना किसी सरकार की कमजोरी नहीं है. पूनिया ने कहा कि सबसे ज्यादा अत्याचार दलितों पर ही हुए हैं.

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कांग्रेस वोट बैंक के लिए दलितों की हितैषी दिखती है, लेकिन धरातल पर वह दलितों की हितैषी नहीं है. ऐसा लगता है कि मीठा-मीठा गप गप और खारा खारा थू थू, यानी वोट के लिए तो दलित चाहिए, लेकिन एक्शन के लिए दलितों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता नहीं दिखती.

उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को दिया धन्यवाद

सतीश पूनिया ने कहा कि संविधान की प्रक्रिया के तहत राज्यपाल को दलितों के अत्याचार को लेकर ज्ञापन दिया गया है कि वह कांग्रेस सरकार से दलितों पर अत्याचार को लेकर जवाब मांगे. उन्होंने सरकार पर कटाक्ष किया कि सरकार को लड़ने और झगड़ने से फुर्सत नहीं है.

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पूनिया ने कहा कि हम उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को धन्यवाद देते हैं कि एक बार उन्होंने फिर अपनी सरकार को गिरेबान में झांकने को कहा है. इतनी घटनाएं होने के बाद भी सरकार कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नैतिकता के आधार पर इस तरह का ठोस निर्णय लेना चाहिए. जिससे इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो.

सरकार के लीपापोती करने से बढ़ रहीं हैं घटनाएं

मीडिया से बात करते हुए सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि प्रदेश में सरकार को बने हुए 15 महीने हो चुके हैं और दलित आदिवासियों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं. सरकार इन घटनाओं को लेकर लीपापोती कर रही है. जिससे दलितों पर अत्याचार लगातार बढ़ते जा रहे हैं.

मेघवाल ने कहा कि सरकार ने थानागाजी, नागौर, बाड़मेर, अलवर में हुई घटना को लेकर किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की है. राहुल गांधी भी केवल ट्वीट कर देते हैं. उन्होंने कहा कि ज्ञापन देना संवैधानिक प्रक्रिया है और आगे अगर इस पर कार्रवाई नहीं की गई तो एक रणनीति बनाकर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे.

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, दोसा सांसद जसकोर मीणा, राजेंद्र राठौड़ सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.

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बता दें कि इससे पहले इस विषय को लेकर भाजपा प्रदेश मुख्यालय में SC-ST मोर्चा की बैठक हुई. इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सहित SC-ST से जुड़े हुए जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे.

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