जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच एक बार फिर राजभवन और सरकार के बीच टकराव की स्थिति बन गई है. विधानसभा सत्र आहूत करने को लेकर सरकार की ओर से भेजी गई रिवाइज फाइल को राजभवन ने संसदीय कार्य विभाग को वापस लौटा दिया है.
फाइल वापस भेजने के साथ ही राजभवन ने विभाग से कुछ अन्य जानकारियां भी मांगी है. लगातार यह दूसरी बार हुआ है कि जब राजभवन ने विधानसभा सत्र आहूत करने को लेकर सरकार की ओर से भेजी गई पत्रावली को वापस लौटाया हो. इसके पहले भी गहलोत कैबिनेट की ओर से सत्र आहूत करने को लेकर भेजी गई पत्रावली को कुछ बिंदुओं पर जवाब मांगते हुए लौटा दिया गया था.
गवर्नर कलराज मिश्रा नें गहलोत सरकार से इन बिंदुओं पर मांगा स्पष्टीकरण
- क्या आप “विश्वास प्रस्ताव “ लाना चाहते हैं ? क्योंकि प्रस्ताव में आपने इसका जिक्र नहीं किया, जबकि आप पब्लिक और मीडिया में कह रहे हैं कि आप “ विश्वास प्रस्ताव” लाएंगे.
- कोरोना की वजह से इतने कम समय में सभी विधायकों को विधानसभा सत्र के लिए बुलाना मुश्किल होगा
- क्या आप विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर 21 दिन का नोटिस देने पर विचार कर सकते हैं ?
खासतौर पर राजभवन ने सरकार से कुछ बिंदुओं पर जवाब मांगा था. फिलहाल लौटाई गई फाइल में कुछ जानकारियां मांगी गई है. संभवत माना जा रहा है जिन बिंदुओं पर जानकारी पिछली बार राजभवन ने सरकार से मांगी थी उनमें से ही कुछ बिंदुओं की और जानकारी मांगी गई है.
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फिलहाल 31 जुलाई को विधानसभा का सत्र आहूत करने को लेकर कोई फैसला अब तक राजभवन और राज्यपाल की ओर से नहीं लिया गया है. बता दें कि गहलोत सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव तैयार कर 31 जुलाई को विधानसभा का सत्र बुलाए जाने को लेकर राज्यपाल के पास पत्रावली या भिजवाई थी जिसे अब राजभवन ने कुछ अन्य जानकारियां मांगते हुए संसदीय कार्य विभाग को लौटा दी हैं.