जयपुर. रेलवे दावा अधिकरण की जयपुर पीठ ने चलती ट्रेन से गिरकर यात्री की मौत के मामले में मृतक के आश्रितों को 8 लाख रुपए का मुआवजा ब्याज सहित देने के आदेश दिए (Railway claims tribunal order compensation in death of man in moving train) हैं. अधिकरण ने वेस्टर्न सेंट्रल रेलवे, जबलपुर के जनरल मैनेजर को आदेश दिए हैं कि वह दावाकर्ताओं को क्षतिपूर्ति राशि ब्याज सहित अदा करें. अधिकरण ने यह आदेश सुनीता बमजन व अन्य की क्लेम याचिका पर दिए.
दावे में अधिवक्ता हरिशंकर गौड़ ने अधिकरण को बताया कि उसका पति कैलाश लांबा 18 मई, 2019 को ट्रेन के जरिए हजरत निजामुद्दीन से एर्नाकुलम की यात्रा कर रहा था. बीच रास्ते चलती ट्रेन में झटकों के कारण कैलाश गेट से नीचे गिर गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. ऐसे में उसे क्षतिपूर्ति दिलाई जाए. वहीं रेलवे की ओर से कहा गया कि मृतक ट्रेन के गेट पर सफर कर रहा था, जो कि रेलवे अधिनियम की धारा 156 के तहत कानूनी अपराध है. इसलिए उसकी गिरकर हुई मौत के लिए रेलवे प्रशासन जिम्मेदार नहीं है.
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इसके अलावा घटना का कोई गवाह भी नहीं है. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि रेलवे प्रशासन उसकी मौत के लिए जिम्मेदार है. इसलिए दावे को खारिज किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने रेलवे पर 8 लाख रुपए हर्जाना लगाते हुए मुआवजा राशि ब्याज सहित दावाकर्ताओं को अदा करने को कहा है.