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वैक्सीनेशन के लिए 35 हजार करोड़ का बजट नाकाफी, प्रदेश में जल्द शुरू होगा वैक्सीनेशन का दूसरा चरण: चिकित्सा मंत्री

केंद्रीय बजट में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये के प्रावधान को प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने 135 करोड़ जनसंख्या के लिए नाकाफी बताया है. साथ ही उन्होंने प्रदेश में चल रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान में 2 दिन पहले तक पहले चरण में 61% वैक्सीनेशन का टारगेट अचीव किया था.

vaccination in Rajasthan, Raghu Sharma statement
वैक्सीनेशन के लिए 35 हजार करोड़ का बजट नाकाफी
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Published : Feb 3, 2021, 7:37 PM IST

जयपुर. वर्ष 2021-22 में कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ का प्रावधान केंद्रीय बजट में तय किया गया है. जिसे प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने 135 करोड़ जनसंख्या के लिए नाकाफी बताया है. साथ ही उन्होंने प्रदेश में चल रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान में 2 दिन पहले तक पहले चरण में 61% वैक्सीनेशन का टारगेट अचीव किया था. बड़े राज्यों में राजस्थान पहले स्थान पर है. दूसरे चरण को लेकर अधिकांश काम आज पूरा कर लिया जाएगा. एक-दो दिन में बचे हुए काम को पूरा कर लिया जाएगा. जल्द फ्रंटलाइन वर्कर्स के वैक्सीनेशन का दूसरा चरण शुरू किया जा रहा है.

वैक्सीनेशन के लिए 35 हजार करोड़ के बजट को रघु शर्मा ने बताया नाकाफी

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने राज्य के आने वाले बजट को लेकर कहा कि राजस्थान का पहले भी शानदार बजट आया था. इस बार भी शानदार आएगा, लेकिन जहां तक केंद्र के बजट की बात है. वर्तमान में देश में सबसे बड़ा काम वैक्सीनेशन का हो रहा है. पूरे देश में 135 करोड़ से ज्यादा लोग हैं. इस बजट में भारत सरकार को इंश्योर करना चाहिए था, क्योंकि 35 हजार करोड़ में पूरे देश में वैक्सीनेशन संभव नहीं है. लॉकडाउन और कोविड-19 महामारी की वजह से राज्यों की आर्थिक स्थिति कमजोर है.

पढ़ें- Exclusive: विधानसभा सत्र के लिए BJP ने विधायकों के लिए बनाए नियम, इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी

प्रदेश का जो जीएसटी का शेयर है, वो भारत सरकार दे नहीं रही. ऐसी परिस्थिति में जो वैक्सीनेशन के लिए अमाउंट रखा है, वो काफी नहीं है और जहां तक चिकित्सा क्षेत्र का सवाल है, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए राजस्थान ने पहल की है.

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी की आपदा को अवसर में बदला है. यहां वेंटिलेटर के प्रोक्योरमेंट, आईसीयू बेड, ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, सामान्य बेड में वृद्धि हुई है. ऑक्सीजन जनरेशन के प्लांट लगे, लिक्विड ऑक्सीजन के प्लांट लगे, हर अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई का सिस्टम डेवलप किया. स्वास्थ्य क्षेत्र में पूरे देश में राजस्थान ने शानदार काम करते हुए एक मॉडल स्टेट बना है और आगे भी काम जारी रहेगा.

उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि राजस्थान का जो बजट है, वो शानदार रहेगा और पहले भी विधायक कोष के एक करोड़ से सभी विधानसभा क्षेत्रों में सीएचसी बनने का फैसला लिया गया. जहां अधिकतम सुविधाएं आम आदमी को मिल जाएगी। ताकि जिला अस्पताल तक नहीं जाना पड़े.

पढ़ें- राम के मंदिर में आस्था के लिए 1 रुपए ही बहुत है, करोड़ रुपए लेने की जरूरत नहींः डॉ. रघु शर्मा

चिकित्सा मंत्री ने आरयूएचएस का उदाहरण देते हुए कहा कि 1200 बेड का कोविड-19 अस्पताल बना, जहां 200 आईसीयू के बेड हैं. जो इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के हैं. 40 हज़ार के मुफ्त इंजेक्शन लगाने वाला राजस्थान पहला राज्य है. इसके अलावा प्लाज्मा थेरेपी सक्सेसफुल तरीके से की है. जिस राज्य में मार्च के अंदर जीरो टेस्टिंग कैपेसिटी थी. वहां 67 हजार टेस्ट हर दिन कर रहे हैं. पूरे देश में तमिलनाडु के अलावा राजस्थान एकमात्र राज्य है, जो कंफर्मेटरी टेस्ट को कर रहा है.

जयपुर. वर्ष 2021-22 में कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ का प्रावधान केंद्रीय बजट में तय किया गया है. जिसे प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने 135 करोड़ जनसंख्या के लिए नाकाफी बताया है. साथ ही उन्होंने प्रदेश में चल रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान में 2 दिन पहले तक पहले चरण में 61% वैक्सीनेशन का टारगेट अचीव किया था. बड़े राज्यों में राजस्थान पहले स्थान पर है. दूसरे चरण को लेकर अधिकांश काम आज पूरा कर लिया जाएगा. एक-दो दिन में बचे हुए काम को पूरा कर लिया जाएगा. जल्द फ्रंटलाइन वर्कर्स के वैक्सीनेशन का दूसरा चरण शुरू किया जा रहा है.

वैक्सीनेशन के लिए 35 हजार करोड़ के बजट को रघु शर्मा ने बताया नाकाफी

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने राज्य के आने वाले बजट को लेकर कहा कि राजस्थान का पहले भी शानदार बजट आया था. इस बार भी शानदार आएगा, लेकिन जहां तक केंद्र के बजट की बात है. वर्तमान में देश में सबसे बड़ा काम वैक्सीनेशन का हो रहा है. पूरे देश में 135 करोड़ से ज्यादा लोग हैं. इस बजट में भारत सरकार को इंश्योर करना चाहिए था, क्योंकि 35 हजार करोड़ में पूरे देश में वैक्सीनेशन संभव नहीं है. लॉकडाउन और कोविड-19 महामारी की वजह से राज्यों की आर्थिक स्थिति कमजोर है.

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प्रदेश का जो जीएसटी का शेयर है, वो भारत सरकार दे नहीं रही. ऐसी परिस्थिति में जो वैक्सीनेशन के लिए अमाउंट रखा है, वो काफी नहीं है और जहां तक चिकित्सा क्षेत्र का सवाल है, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए राजस्थान ने पहल की है.

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी की आपदा को अवसर में बदला है. यहां वेंटिलेटर के प्रोक्योरमेंट, आईसीयू बेड, ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, सामान्य बेड में वृद्धि हुई है. ऑक्सीजन जनरेशन के प्लांट लगे, लिक्विड ऑक्सीजन के प्लांट लगे, हर अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई का सिस्टम डेवलप किया. स्वास्थ्य क्षेत्र में पूरे देश में राजस्थान ने शानदार काम करते हुए एक मॉडल स्टेट बना है और आगे भी काम जारी रहेगा.

उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि राजस्थान का जो बजट है, वो शानदार रहेगा और पहले भी विधायक कोष के एक करोड़ से सभी विधानसभा क्षेत्रों में सीएचसी बनने का फैसला लिया गया. जहां अधिकतम सुविधाएं आम आदमी को मिल जाएगी। ताकि जिला अस्पताल तक नहीं जाना पड़े.

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चिकित्सा मंत्री ने आरयूएचएस का उदाहरण देते हुए कहा कि 1200 बेड का कोविड-19 अस्पताल बना, जहां 200 आईसीयू के बेड हैं. जो इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के हैं. 40 हज़ार के मुफ्त इंजेक्शन लगाने वाला राजस्थान पहला राज्य है. इसके अलावा प्लाज्मा थेरेपी सक्सेसफुल तरीके से की है. जिस राज्य में मार्च के अंदर जीरो टेस्टिंग कैपेसिटी थी. वहां 67 हजार टेस्ट हर दिन कर रहे हैं. पूरे देश में तमिलनाडु के अलावा राजस्थान एकमात्र राज्य है, जो कंफर्मेटरी टेस्ट को कर रहा है.

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