ETV Bharat / city

जयपुर: महावीर कैंसर हॉस्पिटल में एडवांस स्टेज के कैंसर रोगियों के लिए 'साइको थेरेपी' हो रही कारगर साबित

जयपुर के महावीर कैंसर हॉस्पिटल में कैंसर से पीड़ित रोगियों को सकारात्मतक रखने के लिए सीबीटी, सीडीटी और एसडी थेरेपी दी जा रही है. जिससे रोगी के इम्यून सिस्टम की क्षमता को बढ़ाया जाता है. ये थेरेपी अब तक तक 3 हजार 521 रोगियों को दी जा चुकी है.

महावीर कैंसर हॉस्पिटल, JAIPUR LATEST NEWS
कैंसर के रोगियों को दी जा रही साइको थेरेपी
author img

By

Published : Feb 3, 2020, 9:43 PM IST

जयपुर. एडवांस स्टेज के कैंसर रोगियों को सकारात्मक रखने के लिए और उनको कैंसर से लड़ने के लिए महावीर कैंसर हॉस्पिटल में साइको ऑन्कोलॉजी विभाग की ओर से सीबीटी, सीडीटी और एसडी थेरेपी दी जा रही है. जो एक वरदान के रूप में उभर कर सामने आ रही है.

एडवांस स्टेज के कैंसर रोगियों में भी इस थेरेपी के बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे है. इस थेरेपी के जरिए रोगियों के इम्यून सिस्टम की क्षमता को बढ़ाया जाता है. जिससे रोगी में कैंसर रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ रही है. अब तक 3 हजार 521 रोगियों को ये थेरेपी मिल चुकी है.

कैंसर के रोगियों को दी जा रही साइको थेरेपी

साइको ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष आरती होता ने बताया कि कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी, कॉग्निटिव ड्रिल थेरेपी, मोटिवेशनल इन्हेंसमेन्ट थेरेपी, सिस्टेमेटिक डि सेंसेटाइजेशन थेरेपी और डिग्निटी थेरेपी अहम है. इन थेरेपी के जरिए लोगों की सोच, मनोभाव, व्यवहार को बदलते हुए उनकी मनोस्थिति को रोग से लड़ने के लिए तैयार किया जाता है. इस थैरपी की आवश्यकता रोगी को रोग की पहचान के साथ ही संपूर्ण उपचार के दौरान होती है. कैंसर उपचार की तीनों पद्धतियों के साथ ये थेरेपी एक स्तंभ के रूप में कार्य करती है. उपचार के दौरान अगर रोगी में तनाव का स्तर कम हो तो उपचार के परिणाम भी तनाव ग्रस्त रोगी के मुकाबले काफी बेहतर आते है.

पढ़ें- जयपुर: बाल सुधार गृह में बाल अपचारियों से मारपीट का मामला, देर शाम तक आएगी आयोग की जांच रिपोर्ट

साइड इफेक्ट का काम करने में भी मददगार

पैलिएटिव और सपोर्ट केयर की विभागाध्यक्ष डॉ अंजुम खान ने बताया कि रोगी के उपचार के दौरान असहनीय दर्द के साथ ही कई साइड इफेक्ट की स्थिति सामने आती है. ऐसे में रोगी के दर्द को कम करने के लिए कई तरह की दवाओं की सहायता ली जाती है. रोगियों को दवा के साथ ही जब सही काउंसलिंग और मनोबल को बढ़ाया जाता है तो रोगी की दवाओं का असर भी प्रभावी होता है.

जयपुर. एडवांस स्टेज के कैंसर रोगियों को सकारात्मक रखने के लिए और उनको कैंसर से लड़ने के लिए महावीर कैंसर हॉस्पिटल में साइको ऑन्कोलॉजी विभाग की ओर से सीबीटी, सीडीटी और एसडी थेरेपी दी जा रही है. जो एक वरदान के रूप में उभर कर सामने आ रही है.

एडवांस स्टेज के कैंसर रोगियों में भी इस थेरेपी के बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे है. इस थेरेपी के जरिए रोगियों के इम्यून सिस्टम की क्षमता को बढ़ाया जाता है. जिससे रोगी में कैंसर रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ रही है. अब तक 3 हजार 521 रोगियों को ये थेरेपी मिल चुकी है.

कैंसर के रोगियों को दी जा रही साइको थेरेपी

साइको ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष आरती होता ने बताया कि कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी, कॉग्निटिव ड्रिल थेरेपी, मोटिवेशनल इन्हेंसमेन्ट थेरेपी, सिस्टेमेटिक डि सेंसेटाइजेशन थेरेपी और डिग्निटी थेरेपी अहम है. इन थेरेपी के जरिए लोगों की सोच, मनोभाव, व्यवहार को बदलते हुए उनकी मनोस्थिति को रोग से लड़ने के लिए तैयार किया जाता है. इस थैरपी की आवश्यकता रोगी को रोग की पहचान के साथ ही संपूर्ण उपचार के दौरान होती है. कैंसर उपचार की तीनों पद्धतियों के साथ ये थेरेपी एक स्तंभ के रूप में कार्य करती है. उपचार के दौरान अगर रोगी में तनाव का स्तर कम हो तो उपचार के परिणाम भी तनाव ग्रस्त रोगी के मुकाबले काफी बेहतर आते है.

पढ़ें- जयपुर: बाल सुधार गृह में बाल अपचारियों से मारपीट का मामला, देर शाम तक आएगी आयोग की जांच रिपोर्ट

साइड इफेक्ट का काम करने में भी मददगार

पैलिएटिव और सपोर्ट केयर की विभागाध्यक्ष डॉ अंजुम खान ने बताया कि रोगी के उपचार के दौरान असहनीय दर्द के साथ ही कई साइड इफेक्ट की स्थिति सामने आती है. ऐसे में रोगी के दर्द को कम करने के लिए कई तरह की दवाओं की सहायता ली जाती है. रोगियों को दवा के साथ ही जब सही काउंसलिंग और मनोबल को बढ़ाया जाता है तो रोगी की दवाओं का असर भी प्रभावी होता है.

Intro:जयपुर- एडवांस स्टेज के कैंसर रोगियों को सकारात्मक रखने के लिए और उनको कैंसर से लड़ने के लिए महावीर कैंसर हॉस्पिटल में साइको ऑन्कोलॉजी विभाग द्वारा सीबीटी, सीडीटी और एसडी थेरेपी दी जा रही है, जो एक वरदान के रूप में उभर कर सामने आ रही है। एडवांस स्टेज के कैंसर रोगियों में भी इस थेरेपी के बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे है। इस थेरेपी के जरिए रोगीयो के इम्यून सिस्टम की क्षमता को बढ़ाया जाता है, जिसके रोगी में कैंसर रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ रही है। अब तक 3521 रोगियों को मिल चुकी है थैरपी।

साइको ऑंकोलॉजी विभागाध्यक्ष आरती होता ने बताया कि कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी, कॉग्निटिव ड्रिल थेरेपी, मोटिवेशनल इन्हेंसमेन्ट थेरेपी, सिस्टेमेटिक डि सेंसेटाइजेशन थेरेपी और डिग्निटी थेरेपी अहम है। इन थेरेपी के जरिए लोगों की सोच, मनोभाव, व्यवहार को बदलते हुए उनकी मनोस्थिति को रोग से लड़ने के लिए तैयार किया जाता है। इस थैरपी की आवश्यकता रोगी को रोग की पहचान के साथ ही संपूर्ण उपचार के दौरान होती है। कैंसर उपचार की तीनों पद्धतियों के साथ यह थेरपी एक स्तंभ के रूप में कार्य करती है। उपचार के दौरान अगर रोगी में तनाव का स्तर कम हो तो उपचार के परिणाम भी तनाव ग्रस्त रोगी के मुकाबले काफी बेहतर आते है।


Body:साइड इफेक्ट का काम करने में भी मददगार पैलिएटिव और सपोर्टिव केयर की विभागाध्यक्ष डॉ अंजुम खान ने बताया कि रोगी के उपचार के दौरान असहनीय दर्द के साथ ही कई साइड इफ़ेक्ट की स्थिति सामने आती है। ऐसे में रोगी के दर्द को कम करने के लिए कई तरह की दवाओं की सहायता ली जाती है। रोगियों को दवा के साथ ही जब सही कॉउंससलिंग और मनोबल को बढ़ाया जाता है तो रोगी की दवाओं का असर भी प्रभावी होता है।

बाईट- आरती होता, विभागाध्यक्ष, साइको ऑन्कोलॉजी
बाईट- डॉ अंजुम खान, विभागाध्यक्ष, पैलिएटिव और सपोर्टिव केयर


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.