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जयपुर: नए साल में भी पूरी नहीं हुई आशा सहयोगिनियों की आशा, 5 जनवरी को बड़े आंदोलन की चेतावनी - jaipur latest news

जयपुर में मानदेय में बढ़ोतरी और स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रही आशाओं को नए साल में भी सरकार से कोई राहत नहीं मिली. जिसके तहत आशाओं का धरना-प्रदर्शन शुक्रवार को भी जारी है. इसके साथ ही आशाओं की ओर से 5 जनवरी को बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है.

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नए साल में भी पूरी नहीं हुई आशाओं की उम्मीद
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Published : Jan 1, 2021, 9:28 PM IST

जयपुर. प्रदेश में मानदेय में बढ़ोतरी और स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रही आशाओं को नए साल में भी सरकार से राहत नहीं मिली है. गांधीनगर स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यालय के बाहर आशाओं का धरना शुक्रवार को भी जारी रहा. इन आशाओं का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर 10 दिन से आंदोलन कर रही हैं.

नए साल में भी पूरी नहीं हुई आशाओं की उम्मीद

धरना स्थल पर ही वे कड़ाके की सर्दी में रात गुजारने को मजबूर हैं. साथ ही उन्हें टेंट भी नहीं लगाने दिया गया है. इसके अलावा शुक्रवार को शौचालय भी हटा दिया गया है. इन आशाओं ने आंदोलन को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप भी विभागीय अधिकारियों पर लगाया है. वहीं, आंदोलन कर रही आशाओं की प्रदेश अध्यक्ष कौशल्या ढाका का कहना है कि वे दस दिन से आंदोलन कर रही हैं. उन्हें सर्दी से बचने के लिए टेंट तक नहीं लगाने दिया जा रहा है और शौचालय भी उठाकर ले गए हैं.

साथ ही उन्होंने कहा कि अधिकारी मनमर्जी कर रहे हैं और हड़ताल खत्म होने का भ्रम फैला रहे हैं. उनका कहना है कि किसी एक व्यक्ति के कहने से हड़ताल खत्म होने वाली नहीं है. साथ ही कहा कि मांगें पूरी नहीं होने तक उन्होंने आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है. आशा सहयोगिनी रसिया गुर्जर का कहना है कि आंदोलन कर रही आशाओं ने प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव कर कौशल्या ढाका को प्रदेशाध्यक्ष चुना है.

पढ़ें: नव वर्ष पर गुलाबी नगरी सैलानियों से हुई गुलजार, आमेर महल बना आकर्षण का केंद्र, पर्यटकों ने कहा- नए साल से अच्छी उम्मीदें

उनका कहना है कि वे 10 दिन से आंदोलन कर रही हैं, लेकिन सरकार सुन नहीं रही हैं और उनके आंदोलन की अनदेखी कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अपना रवैया नहीं सुधारा तो 5 जनवरी को बड़ा आंदोलन किया जाएगा. आशा इंदु शर्मा का कहना है कि महिला एवं बाल विकास विभाग का जिम्मा महिला मंत्री संभाल रही हैं. इसके बावजूद भी उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है. नए साल में भी उन्हें सरकार से कोई राहत नहीं मिली है.

ब्यावर में आशा सहयोगिनियों दिया उपखंड अधिकारी को ज्ञापन

ब्यावर में आशा सहयोगिनियों ने शुक्रवार को उपखंड अधिकारी को एक ज्ञापन देकर उनकी विभिन्न मांगों को पूरा करने की मांग की है. ब्यावर में आशा सहयोगिनियों की विभिन्न मांगों को लेकर समय-समय पर ज्ञापन दे रही हैं. साथ ही मौखिक रूप से भी विभाग और प्रशासन को अवगत करा रही हैं लेकिन आज तक प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं गया है. जिसके कारण आशा सहयोगिनियों में आक्रोश व्याप्त है.

ज्ञापन में आशा सहयोगिनियों ने बताया कि मांगे पूरी नहीं होने तक शुक्रवार से बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के कार्यों का बहिष्कार कर दिया गया है. आशा सहयोगिनियों ने बताया कि जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती है तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा. ज्ञापन देने वालों में नीलम चैहान, उमा रावत, ललिता रावत, सुनिता शर्मा, सुगना देवी, प्रेम कुमारी, नेमी देवी, सुशीला देवी, संतोष तथा गीता आदि शामिल थी.

जयपुर. प्रदेश में मानदेय में बढ़ोतरी और स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रही आशाओं को नए साल में भी सरकार से राहत नहीं मिली है. गांधीनगर स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यालय के बाहर आशाओं का धरना शुक्रवार को भी जारी रहा. इन आशाओं का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर 10 दिन से आंदोलन कर रही हैं.

नए साल में भी पूरी नहीं हुई आशाओं की उम्मीद

धरना स्थल पर ही वे कड़ाके की सर्दी में रात गुजारने को मजबूर हैं. साथ ही उन्हें टेंट भी नहीं लगाने दिया गया है. इसके अलावा शुक्रवार को शौचालय भी हटा दिया गया है. इन आशाओं ने आंदोलन को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप भी विभागीय अधिकारियों पर लगाया है. वहीं, आंदोलन कर रही आशाओं की प्रदेश अध्यक्ष कौशल्या ढाका का कहना है कि वे दस दिन से आंदोलन कर रही हैं. उन्हें सर्दी से बचने के लिए टेंट तक नहीं लगाने दिया जा रहा है और शौचालय भी उठाकर ले गए हैं.

साथ ही उन्होंने कहा कि अधिकारी मनमर्जी कर रहे हैं और हड़ताल खत्म होने का भ्रम फैला रहे हैं. उनका कहना है कि किसी एक व्यक्ति के कहने से हड़ताल खत्म होने वाली नहीं है. साथ ही कहा कि मांगें पूरी नहीं होने तक उन्होंने आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है. आशा सहयोगिनी रसिया गुर्जर का कहना है कि आंदोलन कर रही आशाओं ने प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव कर कौशल्या ढाका को प्रदेशाध्यक्ष चुना है.

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उनका कहना है कि वे 10 दिन से आंदोलन कर रही हैं, लेकिन सरकार सुन नहीं रही हैं और उनके आंदोलन की अनदेखी कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अपना रवैया नहीं सुधारा तो 5 जनवरी को बड़ा आंदोलन किया जाएगा. आशा इंदु शर्मा का कहना है कि महिला एवं बाल विकास विभाग का जिम्मा महिला मंत्री संभाल रही हैं. इसके बावजूद भी उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है. नए साल में भी उन्हें सरकार से कोई राहत नहीं मिली है.

ब्यावर में आशा सहयोगिनियों दिया उपखंड अधिकारी को ज्ञापन

ब्यावर में आशा सहयोगिनियों ने शुक्रवार को उपखंड अधिकारी को एक ज्ञापन देकर उनकी विभिन्न मांगों को पूरा करने की मांग की है. ब्यावर में आशा सहयोगिनियों की विभिन्न मांगों को लेकर समय-समय पर ज्ञापन दे रही हैं. साथ ही मौखिक रूप से भी विभाग और प्रशासन को अवगत करा रही हैं लेकिन आज तक प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं गया है. जिसके कारण आशा सहयोगिनियों में आक्रोश व्याप्त है.

ज्ञापन में आशा सहयोगिनियों ने बताया कि मांगे पूरी नहीं होने तक शुक्रवार से बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के कार्यों का बहिष्कार कर दिया गया है. आशा सहयोगिनियों ने बताया कि जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती है तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा. ज्ञापन देने वालों में नीलम चैहान, उमा रावत, ललिता रावत, सुनिता शर्मा, सुगना देवी, प्रेम कुमारी, नेमी देवी, सुशीला देवी, संतोष तथा गीता आदि शामिल थी.

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