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केंद्र सरकार अपनी जिद पर अड़ी है...इलाज करना ही पड़ेगा : पायलट - किसान अधिकार दिवस

किसानों के लिए राजभवन घेराव कार्यक्रम के दौरान जयपुर में कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. इस दौरान मंच पर मौजूद गोविंद डोटासरा समेत सभी नेताओं से सचिन पायलट खुलकर बातचीत करते नजर आए. पायलट ने मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जिद नहीं छोड़ी तो फिर इलाज ही करना पड़ेगा.

pilot targeted on modi government
कांग्रेस नेताओं से पायलट की बातचीत
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Published : Jan 15, 2021, 6:26 PM IST

जयपुर. राजस्थान में शुक्रवार को एआईसीसी की ओर से आयोजित किए गए राजभवन घेराव कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी पहुंचे. लेकिन आज के कार्यक्रम में एक बात खास थी कि जहां 28 दिसंबर को हुए शहीद स्मारक के धरने पर नेता आपस में बातचीत नहीं करते हुए दिखाई दे रहे थे तो आज हुए धरने में प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और सचिन पायलट आपस में जमकर बातचीत करते हुए दिखाई दिए. ना केवल गोविंद डोटासरा, बल्कि सचिन पायलट महेश जोशी और मंच पर मौजूद अन्य नेताओं से भी बात करते हुए दिखाई दिए.

पायलट की मोदी सरकार को सीधी चेतावनी...

इस दौरान सचिन पायलट ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पहले मध्यमवर्ग पर आक्रमण किया, फिर कर्मचारियों पर किया, फिर नौजवानों, छात्रों पर हमला किया, लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने बड़ी गलती कर दी है. इस बार उन्होंने आक्रमण इस देश के अन्नदाता, किसान पर कर दिया है जो बर्दाश्त के बाहर है. पायलट ने कहा कि जब देश मे लॉकडाउन हुआ तो पूरे देश में सभी फैक्ट्रियां, उद्योग-धंधे बंद हो गए, सिर्फ एक किसान था जिसने अपनी किसानी नहीं छोड़ी.

पढ़ें : सलमान खान कल आएंगे जोधपुर या फिर पेश होगी हाजिरी माफी...हिरण शिकार व अन्य अपीलों पर होनी है सुनवाई

किसानों ने अनाज पैदा किया, यही कारण है कि आज हम पूरी दुनिया के सामने खड़े हो सकते हैं, क्योंकि अनाज के गोदाम भरे हुए हैं. आज भाजपा किसानों को चेतावनी दे रही है और उनको अलगाववादी, नक्सलवादी आतंकवादी कहा जा रहा है. वह किसान जो इस देश का पेट पालता है उस की अवमानना कांग्रेस पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि आज कोई चुनावी कार्यक्रम नहीं है, केवल एक जागरूक नागरिक के तौर पर हम किसानों के लिए मांग कर रहे हैं.

पायलट ने कहा कि किसानों के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने देश के 24 अलग विचारों वाले राजनीतिक दलों को किसानों के मुद्दों पर कानून का विरोध करने के लिए इकट्ठा किया है, लेकिन केंद्र सरकार अपनी जिद पर अड़ी है. अब केंद्र की भाजपा सरकार अगर जिद नहीं छोड़ेगी तो फिर इनका इलाज ही करना पड़ेगा, क्योंकि मैं नहीं समझता हूं कि प्यार-महोब्बत और शांतिपूर्वक तरीके से जो हल ढूंढने की कोशिश किसान भाई कर रहे हैं, उसमें कुछ कामयाबी मिली है. आने वाले समय में आम लोगों को और भी तीव्रता से इस आंदोलन को करना पड़ेगा.

जयपुर. राजस्थान में शुक्रवार को एआईसीसी की ओर से आयोजित किए गए राजभवन घेराव कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी पहुंचे. लेकिन आज के कार्यक्रम में एक बात खास थी कि जहां 28 दिसंबर को हुए शहीद स्मारक के धरने पर नेता आपस में बातचीत नहीं करते हुए दिखाई दे रहे थे तो आज हुए धरने में प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और सचिन पायलट आपस में जमकर बातचीत करते हुए दिखाई दिए. ना केवल गोविंद डोटासरा, बल्कि सचिन पायलट महेश जोशी और मंच पर मौजूद अन्य नेताओं से भी बात करते हुए दिखाई दिए.

पायलट की मोदी सरकार को सीधी चेतावनी...

इस दौरान सचिन पायलट ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पहले मध्यमवर्ग पर आक्रमण किया, फिर कर्मचारियों पर किया, फिर नौजवानों, छात्रों पर हमला किया, लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने बड़ी गलती कर दी है. इस बार उन्होंने आक्रमण इस देश के अन्नदाता, किसान पर कर दिया है जो बर्दाश्त के बाहर है. पायलट ने कहा कि जब देश मे लॉकडाउन हुआ तो पूरे देश में सभी फैक्ट्रियां, उद्योग-धंधे बंद हो गए, सिर्फ एक किसान था जिसने अपनी किसानी नहीं छोड़ी.

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किसानों ने अनाज पैदा किया, यही कारण है कि आज हम पूरी दुनिया के सामने खड़े हो सकते हैं, क्योंकि अनाज के गोदाम भरे हुए हैं. आज भाजपा किसानों को चेतावनी दे रही है और उनको अलगाववादी, नक्सलवादी आतंकवादी कहा जा रहा है. वह किसान जो इस देश का पेट पालता है उस की अवमानना कांग्रेस पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि आज कोई चुनावी कार्यक्रम नहीं है, केवल एक जागरूक नागरिक के तौर पर हम किसानों के लिए मांग कर रहे हैं.

पायलट ने कहा कि किसानों के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने देश के 24 अलग विचारों वाले राजनीतिक दलों को किसानों के मुद्दों पर कानून का विरोध करने के लिए इकट्ठा किया है, लेकिन केंद्र सरकार अपनी जिद पर अड़ी है. अब केंद्र की भाजपा सरकार अगर जिद नहीं छोड़ेगी तो फिर इनका इलाज ही करना पड़ेगा, क्योंकि मैं नहीं समझता हूं कि प्यार-महोब्बत और शांतिपूर्वक तरीके से जो हल ढूंढने की कोशिश किसान भाई कर रहे हैं, उसमें कुछ कामयाबी मिली है. आने वाले समय में आम लोगों को और भी तीव्रता से इस आंदोलन को करना पड़ेगा.

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