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जयपुर: नौकरी के लिए घंटों धूप में बैठे रहे व्यावसायिक प्रशिक्षक, चार की तबीयत बिगड़ी

व्यावसायिक शिक्षा योजना के तहत सरकारी स्कूलों में लगे शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जिसके चलते शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में व्यावसायिक प्रशिक्षक जमा हुए. जहां उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

व्यावसायिक प्रशिक्षक का प्रदर्शन
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Published : Jul 12, 2019, 6:43 PM IST

जयपुर. नौकरी से हटाने और महीनों से मानदेय नहीं मिलने के कारण संविदा पर लगे व्यावसायिक प्रशिक्षकों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है. इसी के चलते व्यावसायिक शिक्षकों ने शुक्रवार को विधानसभा का घेराव करने की चेतावनी दी. शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में व्यावसायिक प्रशिक्षकों सहकार सर्किल के पास जमा हुआ. लेकिन पुलिस ने उन्हें खाली मैदान पर रोक दिया.

वहीं तेज गर्मी के चलते धरना दे रहे 4 महिला व्यावसायिक शिक्षकों की तबीयत बिगड़ गई. जिन्हें अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराना पड़ा. इन व्यावसायिक शिक्षकों ने धरना स्थल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. धरना सुबह 11 बजे शुरू हुआ था. जो देर शाम तक चलता रहा. इस दौरान धूप में व्यवसायिक शिक्षक धूप से बचने का जतन करते भी दिखे.

व्यावसायिक प्रशिक्षक का प्रदर्शन

ये व्यावयसायिक प्रशिक्षक जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पिछले 10 दिन से धरना दे रहे थे. 2014-15 से व्यावसायिक शिक्षा योजना के अंतर्गत राजस्थान के 905 राजकीय विद्यालय में नियोजित 1810 व्यावसायिक प्रशिक्षकों को सरकार ने हटा दिया और यह सभी 1810 लोग परेशान बेरोजगार हो गए. व्यावसायिक शिक्षकों ने बताया कि 905 राजकीय विद्यालय में नियोजित 1810 व्यावसायिक शिक्षकों को हटा दिया है. इन 1810 व्यक्तियों को नौकरी से हटाने से आर्थिक स्थिति खराब हो रही है. सभी 1810 व्यावसायिक शिक्षक प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से कार्यरत थे. देर शाम को व्यावसायिक शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल को सचिवालय में वार्ता के लिए भी बुलाया गया था.

व्यावसायिक प्रशिक्षकों की ये मांगे हैं

  • व्यावसायिक प्रशिक्षकों का 8 से 22 महीने का मानदेय जल्द दिया जाए.
  • व्यावसायिक शिक्षा योजना अंतर्गत राजस्थान के 905 राजकीय विद्यालय में नियोजित 1810 व्यावसायिक प्रशिक्षकों को यथावत नौकरी पर रखा जाए.
  • उचित पॉलिसी के तहत जॉब सिक्योरिटी का प्रावधान किया जाए.
  • महिला व्यावसायिक शिक्षकों को मातृत्व अवकाश दिया जाए.
  • राजकीय विद्यालय में आउटसोर्सिंग माध्यम से संविदा पर कार्यरत समस्त व्यावसायिक प्रशिक्षकों का विभाग में समायोजन कर सेवा सुरक्षा बिल पारित करवाया जाए.

जयपुर. नौकरी से हटाने और महीनों से मानदेय नहीं मिलने के कारण संविदा पर लगे व्यावसायिक प्रशिक्षकों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है. इसी के चलते व्यावसायिक शिक्षकों ने शुक्रवार को विधानसभा का घेराव करने की चेतावनी दी. शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में व्यावसायिक प्रशिक्षकों सहकार सर्किल के पास जमा हुआ. लेकिन पुलिस ने उन्हें खाली मैदान पर रोक दिया.

वहीं तेज गर्मी के चलते धरना दे रहे 4 महिला व्यावसायिक शिक्षकों की तबीयत बिगड़ गई. जिन्हें अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराना पड़ा. इन व्यावसायिक शिक्षकों ने धरना स्थल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. धरना सुबह 11 बजे शुरू हुआ था. जो देर शाम तक चलता रहा. इस दौरान धूप में व्यवसायिक शिक्षक धूप से बचने का जतन करते भी दिखे.

व्यावसायिक प्रशिक्षक का प्रदर्शन

ये व्यावयसायिक प्रशिक्षक जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पिछले 10 दिन से धरना दे रहे थे. 2014-15 से व्यावसायिक शिक्षा योजना के अंतर्गत राजस्थान के 905 राजकीय विद्यालय में नियोजित 1810 व्यावसायिक प्रशिक्षकों को सरकार ने हटा दिया और यह सभी 1810 लोग परेशान बेरोजगार हो गए. व्यावसायिक शिक्षकों ने बताया कि 905 राजकीय विद्यालय में नियोजित 1810 व्यावसायिक शिक्षकों को हटा दिया है. इन 1810 व्यक्तियों को नौकरी से हटाने से आर्थिक स्थिति खराब हो रही है. सभी 1810 व्यावसायिक शिक्षक प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से कार्यरत थे. देर शाम को व्यावसायिक शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल को सचिवालय में वार्ता के लिए भी बुलाया गया था.

व्यावसायिक प्रशिक्षकों की ये मांगे हैं

  • व्यावसायिक प्रशिक्षकों का 8 से 22 महीने का मानदेय जल्द दिया जाए.
  • व्यावसायिक शिक्षा योजना अंतर्गत राजस्थान के 905 राजकीय विद्यालय में नियोजित 1810 व्यावसायिक प्रशिक्षकों को यथावत नौकरी पर रखा जाए.
  • उचित पॉलिसी के तहत जॉब सिक्योरिटी का प्रावधान किया जाए.
  • महिला व्यावसायिक शिक्षकों को मातृत्व अवकाश दिया जाए.
  • राजकीय विद्यालय में आउटसोर्सिंग माध्यम से संविदा पर कार्यरत समस्त व्यावसायिक प्रशिक्षकों का विभाग में समायोजन कर सेवा सुरक्षा बिल पारित करवाया जाए.
Intro:जयपुर। नौकरी से हटाने और महीनों से मानदेय नहीं मिलने के कारण संविदा पर लगे व्यवसायिक प्रशिक्षकों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है। इसी के चलते व्यवसायिक प्रशिक्षकों शुक्रवार को विधानसभा का घेराव करने की चेतावनी दी। शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में व्यवसायिक प्रशिक्षकों सहकार सर्किल के पास जमा हुआ, लेकिन पुलिस ने उन्हें खाली मैदान पर रोक दिया। तेज गर्मी के चलते धरना दे रहे चार महिला व्यवसायिक शिक्षकों की तबीयत बिगड़ गई जिन्हें अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराना पड़ा। इन व्यवसायिक शिक्षकों ने धरना स्थल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। धरना सुबह 11:00 बजे शुरू हुआ था जो देर शाम तक चलता रहा इस ना इस दौरान धूप में व्यवसायिक शिक्षक धूप से बचने का जतन करते भी दिखे। महिलाओं ने अपने चेहरे कपड़ों से ढके हुए थे तो कुछ ने सर छतरी से ढक रखा था। घंटों तक विद्यार्थी धूप में ही बैठे रहे।
ये व्यवयसायिक प्रशिक्षक जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पिछले 10 दिन से धरना दे रहे थे। 2014-15 से व्यवसायिक शिक्षा योजना के अंतर्गत राजस्थान के 905 राजकीय विद्यालय में नियोजित 1810 व्यवसायिक प्रशिक्षकों को सरकार ने हटा दिया और यह सभी 1810 लोग परेशान बेरोजगार हो गए।


Body:व्यवसायिक प्रशिक्षकों ने बताया कि उनका 8 से 22 महीने का मानदेय और क्या चल रहा है साथ ही 905 राजकीय विद्यालय में नियोजित 810 व्यावसायिक शिक्षकों को हटा दिया है इन अट्ठारह सौ 10 व्यक्तियों को नौकरी से हटाने पदों की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है चल पा रहा है। सभी 5810 व्यवसायिक शिक्षक और शोर सिंह प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से कार्यरत थे।
जानकारी के अनुसार इन द बेसिक शिक्षकों का मानदेय आठ से 22 महीनों का लंबित है एक एजेंसी एलिस तो 3 माह का भुगतान लेकर भाग गई इसके अलावा लो रश्मि राधे एजेंसी का प्रोजेक्ट छोड़ कर चली गई अब सभी एजेंसियों का निबंध भी समाप्त हो गया है विशेष पृष्ठ को चिंता है कि इन एजेंसियों की जाने से उनका मानदेय उन्हें नहीं मिल पाएगा यह सभी ऐसे शिक्षक वेतन भोगी संविदा कर्मचारी और चिंता में है अभी तक इनकी समस्याओं का समाधान भी नहीं हो पाया है। देर शाम को व्यवसायिक प्रशिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल को सचिवालय में वार्ता के लिए भी बुलाया गया था।


Conclusion:व्यवसायिकप्रशिक्षकों की निम्न मांगे हैं-
1. व्यवसायिक प्रशिक्षकों का 8 से 22 महीने का मानदेय जल्द दिया जाए।
2. व्यवसायिक शिक्षा योजना अंतर्गत राजस्थान के 905 राजकीय विद्यालय में नियोजित 1810 व्यवसायिक प्रशिक्षकों को यथावत नौकरी पर रखा जाए।
3. उचित पॉलिसी के तहत जॉब सिक्योरिटी का प्रावधान किया जाए।
4. महिला व्यवसायिक शिक्षकों को मातृत्व अवकाश दिया जाए
5. राजकीय विद्यालय में आउटसोर्सिंग माध्यम से संविदा पर कार्यरत समस्त व्यवसायिक प्रशिक्षकों का विभाग में समायोजन कर सेवा सुरक्षा बिल पारित करवाया जाए।


बाईट 1.मनीष पाठक, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष
2. मनीषा, व्यवसायिक शिक्षक
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