जयपुर. नौकरी से हटाने और महीनों से मानदेय नहीं मिलने के कारण संविदा पर लगे व्यावसायिक प्रशिक्षकों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है. इसी के चलते व्यावसायिक शिक्षकों ने शुक्रवार को विधानसभा का घेराव करने की चेतावनी दी. शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में व्यावसायिक प्रशिक्षकों सहकार सर्किल के पास जमा हुआ. लेकिन पुलिस ने उन्हें खाली मैदान पर रोक दिया.
वहीं तेज गर्मी के चलते धरना दे रहे 4 महिला व्यावसायिक शिक्षकों की तबीयत बिगड़ गई. जिन्हें अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराना पड़ा. इन व्यावसायिक शिक्षकों ने धरना स्थल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. धरना सुबह 11 बजे शुरू हुआ था. जो देर शाम तक चलता रहा. इस दौरान धूप में व्यवसायिक शिक्षक धूप से बचने का जतन करते भी दिखे.
ये व्यावयसायिक प्रशिक्षक जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पिछले 10 दिन से धरना दे रहे थे. 2014-15 से व्यावसायिक शिक्षा योजना के अंतर्गत राजस्थान के 905 राजकीय विद्यालय में नियोजित 1810 व्यावसायिक प्रशिक्षकों को सरकार ने हटा दिया और यह सभी 1810 लोग परेशान बेरोजगार हो गए. व्यावसायिक शिक्षकों ने बताया कि 905 राजकीय विद्यालय में नियोजित 1810 व्यावसायिक शिक्षकों को हटा दिया है. इन 1810 व्यक्तियों को नौकरी से हटाने से आर्थिक स्थिति खराब हो रही है. सभी 1810 व्यावसायिक शिक्षक प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से कार्यरत थे. देर शाम को व्यावसायिक शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल को सचिवालय में वार्ता के लिए भी बुलाया गया था.
व्यावसायिक प्रशिक्षकों की ये मांगे हैं
- व्यावसायिक प्रशिक्षकों का 8 से 22 महीने का मानदेय जल्द दिया जाए.
- व्यावसायिक शिक्षा योजना अंतर्गत राजस्थान के 905 राजकीय विद्यालय में नियोजित 1810 व्यावसायिक प्रशिक्षकों को यथावत नौकरी पर रखा जाए.
- उचित पॉलिसी के तहत जॉब सिक्योरिटी का प्रावधान किया जाए.
- महिला व्यावसायिक शिक्षकों को मातृत्व अवकाश दिया जाए.
- राजकीय विद्यालय में आउटसोर्सिंग माध्यम से संविदा पर कार्यरत समस्त व्यावसायिक प्रशिक्षकों का विभाग में समायोजन कर सेवा सुरक्षा बिल पारित करवाया जाए.